Boycott Bhrahmashtra: आमिर की ‘लाल सिंह चड्डा’ के बाद रणवीर की ‘ब्रह्मास्त्र’ पर सनातनियों की टेढी नजर

Boycott Bhrahmashtra

Boycott Bhrahmashtra: आम आदमी की ताकत को कम नहीं आंकना चाहिए साहब… शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ के इस डायलॉग का बहुत ही गहरा मतलब है…सियासत और सिनेमा के सितारे अक्सर आम आदमी को छोटा मोटा समझते है, जिन लोगों की वजह से सितारे बने होते हैं, कभी कभी वो भूल जाते है की जिस जनता ने उन्हें आसमान पर बिठाया है वो उन्हें ज़मीन पर भी ला सकती है, और ऐसे कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे …

इस वक्त बॉलीवुड निशाने पर है और लग रहा है जैसे बॉलीवुड को न किसकी नज़र लग गई है, एक के बाद एक लगातार फिल्मो का बहिष्कार हो रहा है। आम आदमी की नाराजगी झेल रही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की हालत बद से बदतर होती जा रही है….खानों का वर्चस्व ध्वस्त हो चुका है।

राष्ट्रवादियों  ने ज्यादातर फिल्मो का बायकॉट ही कर दिया है और इसके बावजूद बॉलीवुड के रजवाड़ों का घमंड अभी भी सातवें आसमान पर है। एक के बाद एक असफलताओं के बाद तो ढीठ से ढीठ व्यक्ति तक कुछ नहीं तो ईमानदारी से पत्थर तोड़ने लगे, नहीं तो कम से कम दारोगा मंगनीराम की तरह चाय बेचने लगेगा परंतु बॉलीवुड के वंशवादी और उनकी अकड़ का तो स्तर ही अलग है।

Boycott Bhrahmashtra: अगर बात करें रणबीर आलिया की आने वाली फिल्म ‘ब्रह्मास्त्र’ की रिलीज की तो सिर्फ दो ही दिन ही बचे हैं….फिल्म की स्टार कास्ट तो इस फिल्म के आने को लेकर बहुत उत्साहित है लेकिन इस फिल्म को देखने का मूड शायद जनता का नहीं है।

इसका कारण भी खुद रणबीर कपूर और आलिया भट्ट के पहले दिए गए बयान है… रणबीर कपूर के ‘आई एम बिग बीफ गाई’ और आलिया भट्ट के ‘मत देखो फिल्म’ जैसे वीडियो से सोशल मीडिया पटा पड़ा है, तो क्या ये समझा जाए की ब्रह्मास्त्र का हाल भी लाल सिंह चड्ढा जैसा होने वाला है ?

अब आपको इसकी जीते जगती तस्वीर दिखती है जब आलिया-रणबीर फिल्म के प्रमोशन के लिए उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और मंदिर के अंदर जाने से पहले उन्होंने उसका एक वीडियो भी बना कर डाला और उसमे मंदिर जाने की जानकारी दी, जैसे ही लोगो को इसकी भनक लगी की ये लोग आने वाले है तो पूरी भीड़ वहां जमा हो गई, इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया और पुलिस को भनक तक नहीं लगी।

जैसे ही प्रोडक्शन टीम और अधिकारियों की गाड़ी तय समय पर मंदिर के प्रवेश द्वार पर पहुंची, तब हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शरू कर दी और काले झंडे दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया।

पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को रोकना चाहा तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की पुलिस से जमकर बहस हुई। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को वहां से खदेड़ा और ये सारी घटना कैमरे में कैद हो गई।

हालात बेकाबू देख आलिआ और रणबीर तो बिना दर्शन के ही वहां से उलटे पैर दौड़ लिए, लेकिन फिल्म के निर्देशक अयान मुखर्जी ने जरूर मंदिर में भागवान शिव की अराधना की और बाद में उन्होंने कहा कि महाकाल के दर्शन के बाद अब आखिरकार फिल्म पूरी हो ही गई।

Boycott Bhrahmashtra: बजरंग दल के कार्यकर्ता ने कहा कि रणबीर कपूर ने ‘गौ माता’ पर अपमानजनक टिप्पणी की थी, उन्होंने कहा था, कि उन्हें बीफ खाना अच्छा लगता है । “हमने उन्हें महाकाल मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया और साथ ही हमने उसको काले झंडे भी दिखाएं…. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना है की जो गौमांस खाता है उसको महाकालेश्वर मंदिर में कैसे जाने दें सकते है?

अब भला रणबीर कपूर को क्या पता था की उनका 11 साल पहले बीफ पर दिया बयान ही उनके गले की फांस बन जाएगा, देश में इन दिनों बॉलीवुड की फिल्में बॉयकॉट करने का ट्रेंड चल रहा है और लोग इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा भी ले रहे हैं।

ट्विटर पर हर रोज किसी न किसी फिल्म के बॉयकॉट को लेकर हैशटैग ट्रेंड होते रहते हैं। दरअसल बात ये है की आजकल बॉलीवुड में फिल्मो में कहानी के नाम पर कुछ भी अनाप-शनाप परोसा जा रहा था और लोगों पर जबरदस्ती थोपा जा रहा था।

बाॅलिवुड के लोग समझ रहे थे कि जनता मासूम है और जो वो लोग दिखाएंगे जनता आराम से देख लेगी लेकिन जागरुक हो चुकी जनता ने तय कर लिया है कि आर्टिस्टिक फ्रीडम के नाम पर हमेशा ही हिंदू धर्म से जुड़ी धार्मिक भावनाओं को ही निशाने पर रखने वालों को सबक सिखाएंगे….फिल्म है तो उसकी कहानी में दम नहीं है, किरदारों को भी हिन्दू विरोधी दिखाया जाता है।

वैसे, इस हिसाब से कहना गलत नहीं होगा कि अगर बॉलीवुड को आर्टिस्टिक फ्रीडम मिली हुई है, तो दर्शकों के पास भी व्यूअर फ्रीडम है। जब बॉलीवुड की ओर से कोई ऐसी फिल्म बनाई जाती है जो हिंदू धर्म या उसके प्रतीकों का मजाक उड़ाती है, तो उसके खिलाफ बायकॉट ट्रेंड चलाया जाता है।

देखा जाए, तो दर्शकों यानी व्यूअर को इस बात का पूरा हक है कि वो किस चीज को स्वीकार करता है या किसका बहिष्कार करता है? अगर बॉलीवुड को इंटरटेनमेंट के नाम पर कुछ भी परोसने के लिए आजाद मिली हुई है तो दर्शकों को भी उसके बहिष्कार की आजादी मिली हुई है।

आखिरकार हिंदुओं की भावनाओं का मजाक उड़ाकर बॉलीवुड उनसे ही ये अपील तो नहीं कर सकता है कि ‘आइए हमारी फिल्म जरूर देखिए… क्योंकि, इस फिल्म में हमने देश का सिर नीचा करने वाले फिल्मी सितारों को लिया है और हिंदू धर्म के खिलाफ एजेंडा दिखाया गया है…

Boycott Bhrahmashtra: ‘ब्रह्मास्त्र’ की बात की जाए, तो यह हिंदू धर्म से जुड़े पौराणिक अस्त्रों की कहानी है।फिल्म में रणबीर कपूर का नाम शिवा है और आलिया भट्ट का नाम मां पार्वती से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा फिल्म का कंटेंट भी हिन्दू धर्म से जुड़ा हुआ है। जिसके बाद लोगों का कहना है कि एक बार फिर से फिल्म के माध्यम से हिन्दू देवी देवताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है। अगर फिल्म में जबरदस्ती का रोमांस या लव सीन डालने की कोशिश की गई है तो ये ‘ब्रह्मास्त्र’ को भारी पड़ सकता है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।