अरूणाचल प्रदेश: तवांग में भारत-चीन के सैनिकों में हुई झड़प, चीन के 20 से ज्यादा सैनिक हुए घायल

अरूणाचल प्रदेश

अरूणाचल प्रदेश: तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। चीन की अस नापाक हरकत का भारतीय आर्मी ने करारा जबाव दिया। सुत्रो की माने तो भारत के 6 सैनिकों के घायल होने की खबर है और भारतीर सैनिकों ने करारा जबाव देते हुए चीन (PLA) के 20 से ज्यादा सैनिकों के घायल होने की खबर है।

अरूणाचल प्रदेश: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोपहर 12 बजे लोकसभा और दोपहर 12.30 बजे राज्यसभा में तवांग झड़प को लेकर अपडेट दिया और साथ ही ये भी बताया कि भारतीय आर्मी ने शोर्य दिखाते हुए चीन के सैनिकों को कैसे करारा जबाव दिया।

तवांग को लेकर भारत की रक्षानीति से भी संसद को अवगत करवाते हुए राजनाथ सिंह ने ये भी कहा कि “चीनी पक्ष को इस तरह के एक्शन के लिए मना किया गया और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया। इस मुद्दे को चीनी पक्ष के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी उठाया गया है।”

हालांकि, इस झड़प में किसी भी भारतीय सैनिकों को हल्की चोट है यानि जवानों को ज्यादा गंभीर चोट नहीं आयी है और ये भारत की नजर से अच्छी खबर है। इस झड़प के बाद भारत के कमांडरों ने शांति बहाल करने के लिए चीन के कमांडरों के संग फ्लैग मीटिंग की जसके, बाद देशों के सैनिक पीछे हट गए।

अरूणाचल प्रदेश:वहीं रक्षा सुत्रो की माने तो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी है। सुरक्षा बलों ने उन्हें हाल ही में तवांग में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच हुई झड़पों के बारे में अपडेट किया।

अरूणाचल प्रदेश:वहीं अरुणाचल-पूर्व से BJP MP तपीर गाव ने तवांग झड़प को लेकर कहा कि “9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग में PLA और भारतीय सेना के बीच झड़प हुई और इसमें हमारे सेना घायल हुए हैं लेकिन PLA में ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सीमा पर तैनात भारतीय जवान एक इंच भी नहीं हिले। अब स्थिति ठीक है। ये जो भी हुआ वह निंदनीय है।”

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू: अरूणचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने तवांग झड़प को लेकर कहा कि भारत सॉफ्ट पावर के रूप में उभरा है। भारत एकजुट हो गया है तो ये ताकतवर हो गया है। अरुणाचल प्रदेश प्राचीन काल से भारत का अभिन्न अंग रहा है तो पीएम मोदी ने इस चीज को बहुत सुंदर से दर्शाया है। हम सॉफ्ट पावर के मामले में दुनिया में नंबर 1 पर हैं।
वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने तवांग झड़प को लेकर कहा कि “अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन की सेना के बीच खूनी संघर्ष और उसमें कई सैनिकों के घायल होने की खबर अति-दुःखद व चिन्तनीय। यूक्रेन युद्ध के परिणामों से पीड़ित एवं सहमी दुनिया में भारत-चीन सेना के बीच नए संघर्ष पर तुरन्त कूटनीतिक तरीके से काबू पाना जरूरी।”
उन्होंने ये भी कहा कि “भारतीय सेना ने चीन के साथ ताज़ा मामले में भी एक बार फिर जैसे को तैसा मुँहतोड़ जवाब देकर अपनी प्रसिद्धि के अनुरूप कार्य किया है, जो सराहनीय। अब सरकार की जिम्मेदारी है कि अपनी कुटनीतिक कुशलता का परिचय दे, यही देश को उम्मीद। अपनी इण्टेलिजेन्स को भी और मजबूत बनाना होगा।”
15 जून 2020 के गलवान में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के बाद पहली झड़प है। गलवान में भारत के 20 सैनिक और चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। चीन जबसे ही सकते में था उसका गलवान में हुई झड़प का दर्द साल रहा था। तवांग में हुई झड़प इसी का नतीजा जानकार मान रहे है।

अरूणाचल प्रदेश: क्यों भारत के लिए खास है तवांग?

भारत और चीन के बीच करीब 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है। चीन का बॉर्डर अरुणाचल प्रदेश, जम्मूकश्मीर, हिमाचल, उत्तरारखंड और सिक्किम से लगती है। अरुणाचल प्रदेश स्थित तवांग लगभग 17,000 फीट की ऊंचाई पर है।

तवांग का इलाका मैकमोहन लाइन के अंदर पड़ता है और यह भारत का अहम हिस्सा है लेकिन चीन की नीयत में खोट दिखता है और वो अब मैकमोहन रेखा को मानने से इनकार करता है। यह इलाका पश्चिम में भूटान और उत्तर में तिब्बत का बॉर्डर भी साझा करते है। रणनीतिक तौर पर यह इलाका भारत के लिए बेहद ही खास है और यह वही स्थान है जहां भारत का विशाल बौद्ध मठ भी है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।