Bangladesh: बांग्लादेश में फिर हुआ मंदिर पर हमला, कट्टरपंथियों ने तोड़ी भगवान की मूर्तियां, हर रोज 750 हिंदू कर रहे पलायन

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Bangladesh: बांग्लादेश में एक बाद फिर कट्टरपंथियों ने हिंदू मंदिर पर हमला करके भागवान की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया।इससे पहले भी बांगंलादेश में हिंदू मंदिरों पर विशेष संप्रदाय के लोग हमला करते रहते है। बांग्लादेश सरकार देश में रह रहे हिंदुओं के साथ ही हिंदुओं के मंदिरों के सुरक्षा देने मे नाकाम ही रही है।बता दें कि इस बार कटट्रपंथियों ने अति प्राचीन काली मंदिर में तोड़फोड़ की।

इस हमले में मंदिर के अंदर मौजूद माँ काली की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस हरकत में आयी और उसने हमलावरों की धर-पकड़ के लिए एक ऑपरेशन शुरू कर दिया। बता दें कि बांग्लादेश से हर रोज 750 हिंदू पलायन करने के लिए मजबूर है और ज्यादातर हिंदुओं की कोशिश है कि वो भारत में ही आए क्योंकि सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं।

Bangladesh: सूत्रो के मुताबिक काली मंदिर काफी पुराना है जानकार बताते है कि अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान से ही इसमें पूजा-अर्चना हो रही है। यह मंदिर बांग्लादेश के झेनाइदाह जिले के दौतिया गांव में स्थित है। हमले की जानकारी मिलने के बाद पहुंची पुलिस को खंडित मूर्ति के टुकड़े मिले और हद तो तब हो गई इन हमलावरों ने मूर्ति के दुकड़ो को आधा किलोमीटर के रास्ते में बिखेर दिया

Bangladesh: काली मंदिर समिति के अध्यक्ष ने की हमले की पुष्टि

Bangladesh: बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट ‘बीडीन्यूज डॉट कॉम’ ने मंदिर समिति के अध्यक्ष सुकुमार कुंडा से बात करते हुए बताया कि मंदिर में स्थित काली मूर्ति का ऊपरी हिस्सा मंदिर परिसर से आधा किलोमीटर दूर सड़क पर पड़ा हुआ मिला। सुकुमार कुंडा ने बताया कि यह काली मंदिर औपनिवेशिक काल से ही हिंदुओं का पूजा स्थल रहा है। यह घटना बांग्लादेश में  दुर्गा पूजा खत्म होने के 24 घंटे के अंदर हुई है।

बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के महासचिव चंदनाथ पोद्दार ने बताया, ”घटना देर रात में झेनाइदाह के मंदिर में हुई। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए कहा कि पूरे देश में दस दिवसीय उत्सव में कोई व्यवधान पैदा नहीं हुआ। झेनाइदाह पुलिस के सहायक अधीक्षक अमित कुमार बर्मन ने बताया कि “मामला दर्ज कर लिया गया है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है। इस घटना को छोड़कर, इस साल पूरे बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव शांतिपूर्वक मनाया गया

आपको बता दें कि पिछले साल की तुलना में इस साल उत्सव काफी शांतिपूर्ण रहा है और बांग्लादेश में रहने वाले हिंदू काफी खुश नजर आ रहे थे कि चलो सब अच्छे से निबट गया। लेकिन, शायद हिंदुओं का ये सोचना गलत साबित हुआ।

आपको बता दें कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले का पुराना इतिहास है। भारत में बाबरी मस्जिद विध्वंस से पहले ही 29 अक्टूबर 1990 को बांग्लादेश में जमातइस्लामी राजनीतिक संगठन ने बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की अफवाह फैला दी थी जिसके चलते 30 अक्टूबर को हिंसा भड़क गई थी, जो 2 नवंबर 1990 तक जारी रही थी। इस हिंसा में कई हिंदू मारे गए थे।

Bangladesh: गौरतलब है कि पिछले साल देश में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा व झड़पों में कम से कम छह लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे। बांग्लादेश की करीब 16 करोड़ 90 लाख की आबादी में लगभग 10 प्रतिशत हिंदू हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक सामने आया है कि बांग्लादेश में पिछले कुछ सालों में सुरक्षा और आर्थिक वजहों से हर दिन करीब 750 हिंदू बांग्लादेश से पलायन कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर हिंदू भारत आने की कोशिश करते हैं।

Bangladesh: इसकी सबसे बड़ी वजह ढाका यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री और प्रोफेसर अब्दुल बरकत ने अपनी रिपोर्ट में बताया है। कुछ सालों से कट्टरपंथियों के द्वारा हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमलों की वजह से यहां रहने वाले हिंदू अपने आप को डरा हुआ, सहमा महसूस कर रहे थे। ये खास वजह रही है  जिसकी वजह से हजारों हिंदुओं को पलायन होने के लिए मजबूर होना पड़ा हैं।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।