आपको बता दें कि शुक्रवार 27 जनवरी 2023 AISA के छात्र ने प्रदर्शन जामिया मिल्लिया इस्लामिया में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के दौरान पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के विरोध में कर रहे थे। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की मांग की हालांकि, डाॅ भीमराव अम्बेडकर काॅलेज प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी।
#WATCH दिल्ली विश्वविद्यालय में कला संकाय के बाहर प्रदर्शन कर रहे NSUI के छात्रों और सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया।
NSUI-KSU द्वारा फैकल्टी में पीएम मोदी पर आधारित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के आह्वान के मद्देनजर वहां CrPC की धारा 144 लगाई गई है। pic.twitter.com/CuYE1iIGNh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 27, 2023
BBC Documentary Controversy:हिंदू कॉलेज में भी हुई थी स्क्रीनिंग
हिंदू कालेज की स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआई) यूनिट ने बीती शाम बीबीसी डॉक्युमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी। कालेज प्रशासन ने डॉक्युमेंट्री की कालेज परिसर में स्क्रीनिंग की अनुमति से इनकार कर दिया था, जिसके बाद लगभग 50 छात्रों ने परिसर के बाहर स्थित एक फ्लैट की छत पर स्क्रीनिंग की।
एसएफआई की हिंदू कॉलेज इकाई की सचिव रूशम ने कहा कि ”पिछले कुछ दिनों से हम अपने परिसरों में जो डॉक्युमेंट्री देख रहे हैं वह मोदी सरकार की अलोकतांत्रिक और निरंकुश खोज है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के एसएफआई के छात्र कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उन्हें लगभग एक दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया, जब उन्होंने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन‘ को दिखाने की कोशिश की थी।”
प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट और सोशल साइंसेज (TISS) में भी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने का ऐलान किया है। प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स फोरम ने कहा है कि वह शनिवार 28 जनवरी 2023 को इसकी स्क्रीनिंग करेगा। हालाँकि टीआईएसएस मैनेजमेंट ने अब तक इसके लिए अनुमति नहीं दी है।
गुजरात दंगों पर बनाई गई है BBC की प्रोपेगेंडा डॉक्यूमेंट्री
BBC Documentary Controversy: 59 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर इसलिए इतना विवाद गहराता जा रहा है क्योंकि यह 2002 के गुजरात दंगों के बारे में है। इस डॉक्यूमेंट्री में BBC ने दंगों का दोष वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डालने की कोशिश की है। यही नहीं, उनकीछविइस्लाम विरोधीभी दिखाने की कोशिश की है।
गौरतलब है कि डॉक्यूमेंट्री को दो पार्ट में बनाया गया BBC की इस सीरीज में प्रधानमंत्री मोदी और भारत के मुस्लिमों के बीच तनाव की बात कही गई है। बीबीसी ने मोदी सरकार के देश के मुस्लिमों के प्रति रवैए, कथित विवादित नीतियाँ, कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और नागरिकता कानून को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं।
हालांकि, भारत सरकार ने सोशल मीडिया और वीडियो–शेयरिंग कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्लेटफॉर्म से डॉक्यूमेंट्री या उसके लिंक को हटा दें।सरकार का आरोप है कि इस डॉक्यूमेंट्री में निष्पक्षता की कमी है औरइसे गलत तरीके से दिखाया गया है।
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