हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पर बड़ा संकट, प्रतिभा सिंह ने किया बागी विधायकों का समर्थन; भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बात को संभाला

हिमाचल कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है। अभी भी अंदरखाने बगावत की आग सुलग रही है। कहा जा रहा है कि विधायकों की नाराजगी दूर नहीं हुई है और किसी भी वक्त सुक्खू सरकार को झटका दिया जा सकता है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से विधायकों का एक बड़ा गुट नाराज है। ऐसे में सरकार बचाना बड़ी चुनौती बनी हुई है। फिलहाल यह लड़ाई दिल्ली तक पहुंच गई है।

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को कहा, ‘विक्रमादित्य सिंह कल कैबिनेट में थे। कैबिनेट के बाद वह चंडीगढ़ गए और अन्य विधायकों से मिले। फिर आज सुबह मुझसे बात की। उन्होंने कहा कि वह बागी विधायकों से मिल रहे हैं, जो (कांग्रेस) में लौटना चाहते हैं।

सीएम ने विक्रमादित्य सिंह से क्या कहा?

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैंने उनसे (विक्रमादित्य सिंह) से बागी विधायकों को लेकर पार्टी आलाकमान से बात करने के लिए कहा है। वे सभी होटल ललित में बैठे हैं जो पंचकुला हरियाणा की सीमा में है। हम तब देखेंगे जब वे हिमाचल की सीमा में वापस आएंगे।

प्रतिभा सिंह के बयान से मची हलचल

इससे पहले इस पूरे घटनाक्रम के बीच हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह ने तारीफ कर सरगर्मी बढ़ा दी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हमें अभी बहुत कुछ करना बाकी है। सांसद के तौर पर मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा बार बार किया और लोगों की समस्याओं को जानने की कोशिश की है। यह सच है कि भाजपा की कार्यप्रणाली हमसे बेहतर है।

‘क्या भाजपा उन्हें मंडी से चुनाव लड़ाना चाहती है’ सवाल के जवाब में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा, “हमने ऐसा कभी नहीं सोचा, हम भाजपा के संपर्क में भी नहीं हैं। भगवान जानें, आगे क्या स्थिति बनती है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व किसे टिकट देना चाहती है, इसपर भी अब विचार होगा। उनके आदेश के मुताबिक हम क्या कदम उठाएंगे…उसपर हम आगे बढ़ेंगे।”

छोटे-मोटे मतभेद होते रहते हैं’

प्रतिभा सिंह के इस बयान पर कांग्रेस की ओर से भी रिएक्शन आया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हिमाचल प्रदेश के पर्यवेक्षक भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रतिभा सिंह हमारी वरिष्ठ नेता हैं, पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष हैं। ये व्यक्तिगत बातें हैं। सब ठीक है, छोटे-मोटे मतभेद होते रहते हैं। सब मिलकर मजबूती से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे।

सुप्रीम कोर्ट जाएंगे बागी विधायक

वहीं, अयोग्य ठहराए गए विधायकों में से एक ने कहा कि वे अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे। अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्‌टो, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं। स्पीकर ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग’ करने वाले इन कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।

राजेंद्र राणा ने बताया कि अयोग्य ठहराए गए छह विधायक आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे।उन्होंने कहा कि छह विधायकों में से केवल एक को 27 फरवरी की रात को व्हाट्सऐप पर नोटिस मिला और हम 27 तथा 28 फरवरी को सदन में मौजूद थे।

बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद सदन में कुल विधायकों की संख्या 68 से घटकर 62 रह गई है।वहीं कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 से घटकर 34 हो गई है।

Written By: Swati Singh 

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।