Delhi: जमीअत उलेमा-ए-हिन्द ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर एक बैठक दिल्ली में की है। बैठक के बाद जमीआत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने इस अवसर पर कहा कि मदरसों का सर्वे करवाना गैरकानूनी है और साथ ही कहा कि हम सरकार से बात करने के लिए तैयार हैं, इस मामले में जबरदस्ती नही की जानी चाहिए।
Delhi: उन्होंने कहा कि आज हम अपनी तरफ कन्सर्न अथॉरिटी को अपनी दरख्वास्त भेज देंगे। मौलाना ने ये भी कहा कि काम चाहे जितना सही हो अगर उसे गलत तरीके से किया जाय तो ये मुनासिब नहीं है।
Delhi: उन्होंने कहा कि हम तालीम से महरूम रहने वाले बच्चों का हाथ पकड़ते हैं और शिक्षित करते हैं। कम्युनिटी में भाईचारा के लिए मदरसों ने जो रोल प्ले किया है ऐसा उदाहरण और कोई इंस्टिट्यूट ऐसा नहीं करते हैं।
मौलाना मोहम्मद मदनी ने कहा कि मदरसों को गलत निगाह से देखा जा रहा है और मदरसे का काम दूरी को खत्म करने का है, हम अपना रोल प्ले कर रहे हैं और साथ ही कहा कि हम देश चलाने वालों से अपील करते हैं कि मदरसों को लेकर गलतफहमी ना पालें।
#CORRECTION | Delhi | Jamiat Ulema-e-Hind* holds a meeting on various issues, including the UP govt's decision to conduct a survey of unrecognised madrasas in the state. pic.twitter.com/AQb9WYhdAl
— ANI (@ANI) September 6, 2022
बता दें कि सीएम योगी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आदेश दिया था कि तत्काल प्रभाव से मदरसों में राष्ट्र गान गया जाएगा। बता दें कि UP मदरसा शिक्षा बोर्ड परिषद ने इसका आदेश जारी कर दिया। यह आदेश यूपी में उन सभी मदरसों पर लागू होगा। जो कि सरकार से मान्यता प्राप्त है, अनुदान पाने वाले और अनुदान नहीं पाने वाले सभी मदरसों पर भी मान्य होगा। कक्षाएं शुरू होने से पहले सुबह की प्रार्थना के समय राष्ट्रगान होगा और उसके बाद योगी सरकार ने राज्य में सभी सरकारी और गैरसरकारी मदरसों का सर्वे करने का फैसला लिया था।
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