Delhi News: JNU फिर विवादों में, दिवारों पर लिखे गए ब्राह्मण विरोधी नारे, ‘ब्राह्मणों भारत छोड़ो’ वरना ‘यहां खून बहेगा’

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Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में बनी जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी जो पढाई के लिए भी मशहूर है लेकिन, ये अक्सर विवादों में ही बनी रहती है। यहाँ पढाई कम राष्ट्र विरोधी विचारधारा का पाठ पढ़ाया जाता है, जहाँ कभी भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह-इंशा अल्लाह के नारे लगे थे।

वो ही जेएनयू एक बार फिर से विवाद के चलते सुर्खियों में है… जेएनयू जहाँ वामपंथियों और कट्टरपंथी मुसलमानों का बोलबाला रहता था। जिसमें स्टालिन और लेनिन की जय-जयकार होती थी, आज एक बार फिर वह नापाक हरकत हुई है… लगता तो यहीं है कि एक बार फिर से टुकड़े-टुकड़े गैंग  एक्टिव हो गया है और इस बार हिंदू-मुस्लिम की जगह जातिवाद के नाम पर देश और जएनयू की एकता को तोड़ने की साजिश रची गई है।

Delhi News: इस बार विश्वविद्यालय में जाति विरोधी नारे लिखकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और अगड़ी जातियों को निशाना बनाया गया है। इसके अलावा अगड़ी जाति के शिक्षकों के खिलाफ भी नारे लिखकर, उन्हें वापस लौटने के लिए कहा गया है। इन नारों में ब्राह्मणों और बनियों को निशाना बनाया गया हैं। जिसको लेकर काफी बवाल मच हुआ हैं।

विश्वविद्यालय परिसर में स्थित कई इमारतों की दीवारों पर विवादास्पद नारे लिखे गए। इसके साथ ही कुछ प्रोफेसरों के चैंबरों के गेट पर विश्वविद्यालय के बजाए RSS में जाने के लिए कहा गया हैं। इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की दीवारों पर लाल रंग से ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो, ब्राह्मणों-बनियों हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं, तुम्हें बख्शा नहीं जाएगा, शाखा लौट जाओ… जैसी धमकियां लिखी हैं।

Delhi News: JNU की उस महिला प्रोफेसर के केबिन के दरवाजे पर भी ‘शाखा लौट जाओ’ का नारा लिखा गया है, जिसे नवंबर 2019 में वामपंथियों ने 3 दिन के लिए हिरासत में रखा था। ये नारे 30 नवंबर की रात को लिखे गए थे। इस घटना को लेकर अभी तक JNU प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

हिंदू धर्म में ब्राह्मण देवता को देव तुल्य माना जाता। कहने का मतलब है की इन्हें भी देवी-देवताओं की ही तरह पूजनीय माना जाता है। और इस बात का विवरण धार्मिक ग्रंथों में बखूबी किया गया है। लेकिन, उन्ही ब्राह्मणों के लिए जेएनयू में इस तरह के नारे लगाना कहाँ तक सही है….

Delhi News: जानकार बताते है कि दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में सिर्फ पढ़ाई नहीं होती है, यहां राष्ट्र विरोधी विचारधारा को खाद-पानी भी दिया जाता है। इस काम में सिर्फ छात्र ही नहीं बल्कि जेएनयू के प्रोफेसर भी शामिल हैं और इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि जेएनयू के ही एक दलित प्रोफेसर ने किया था ।

Delhi News: JNU का विवादों से है पुराना नाता

जाहिर है कि दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू युनिवेर्सिटी 2016 में भारत विरोधी गतिविधियों और नारेबाजी के बाद सुर्खियों में आया था। 2016 में पूरे देश को पता चला की इस युनिवेर्सिटी में छात्रों के भविष्य के साथ ही राष्ट्रविरोधी ताकतें भी पनपती हैं। जेएनयू में भारत विरोधी गैंग सक्रिय है।

तारीख थी 9 फरवरी, साल 2016 जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से ऐसी तस्वीर आई, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय कहे जाने वाले और पूरी दुनिया में विख्यात JNU में राष्ट्रद्रोह के नारे लग रहे थे।

यह बातें किसी के लिए भी हजम करने लायक नहीं थी। दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़े होने की वजह से इतना तो हम जानते ही थे कि यहाँ के विद्यार्थी बड़ी- बड़ी बातें करते हैं, भव्य सपनों की बात करते हैं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर छात्र संघ का चुनाव लड़ते हैं।

Delhi News: इस यूनिवर्सिटी जहाँ भारत विरोधी गैंग कभी सेना को गालियां देता रहा है, तो कभी प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में बोलता रहा है। एक वक्त ऐसा था कि JNU के टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य कन्हैया कुमार, उमर खालिद और शेहला रशीद पूरे देश में घूम-घूम कर राष्ट्रविरोधी माहौल बनाया करते थे और दलितों, अल्पसंख्यकों को उकसाने में लगे रहते थे…..

लेकिन जेएनयू में कुछ इसी तरह की चीज़े हुई है जिससे माहौल बिगाड़ने की कोशिह एक बार फिर से टुकड़े-टुकड़े गैंग की तरफ से की गई है ….. छात्रों ने दावा किया कि विश्वविद्यालय परिसर के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II भवन की दीवारों पर ब्राह्मण और वैश्य समुदायों के खिलाफ नारे लिखे गए हैं। एक जगह लिखा है ‘ब्राह्मण-बनिया, हम आ रहे हैं बदला लेने’। एक जगह लिखा है ‘ब्राह्मण परिसर छोड़ो, ब्राह्मण भारत छोड़ो’। वहीं, एक जगह ‘अब खून बहेगा’ लिखा हुआ है।

Delhi News: वहीं इस मामले में हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने जेएनयू कैंपस पर जातिविरोध नारे लिखे जाने पर अपना गुस्सा जाहिर किया है । अनिल विज ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ”जेएनयू की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया विरोधी नारे बहुत ही घातक है क्योंकि ब्राह्मण हमारे देश के धर्म और संस्कृति को जिंदा रखे हैं और बनिया देश के व्यापार में अहम भूमिका अदा कर रहा है… नारे लिखने वालों ने देश की संस्कृति और व्यापार पर प्रहार किया है ऐसी सोच को कुचल देना चाहिए।”

वहीं इस मामले में JNU एबीवीपी के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा, “एबीवीपी कम्युनिस्ट गुंडों द्वारा अकादमिक स्थानों में बड़े पैमाने पर जातिसूचक नारे लिखने की निंदा करता है। कम्युनिस्टों ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- II बिल्डिंग में जेएनयू की दीवारों पर अपशब्द लिखे हैं।

उन्होंने ये भी कहा कि “हमारा मानना है कि अकादमिक जगहों का इस्तेमाल बहस और चर्चा के लिए होना चाहिए, न कि समाज और छात्रों के समुदाय में जहर घोलने के लिए। यहाँ नफरत और गाली के लिए कोई स्थान नहीं है।”

रोहित कुमार ने कहा कि जिस महिला प्रोफेसर के गेट पर ‘गो बैक टू शाखा’ लिखा हुआ है, उन्हें साल 2019 में 3 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था। उन्होंने कहा कि आज जेएयू को हेट फैक्ट्री बना दिया गया है।

Delhi News: लेकिन यह ऐसा पहली बार नहीं है, जब इन वामपंथियों [जो खुद को विद्यार्थी होने का दावा करते हैं] ने संस्थान में अराजकता फैलाई हो। कई बार जेनयू से ऐसी ऐसी तस्वीरें सामने आई है जिसे देखने के बाद सोचना पढता है की यहाँ छात्रों को कोनसी शिक्षा दी जाती है ….

इसके पहले भी कई बार ऐसी तस्वीरें सामने आई है…हाल ही में JNU में छात्रों के दो गुटों में लाठी-डंडे चले थे, जिसके बाद बाहरी लोगों को भी कैंपस में बुलाया था।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।