Ghar Wapasi: छत्तीसगढ़ के कोरबा से खबर आयी है कि 26 दिसंबर को 120 परिवार के 350 सदस्यों की घर वापसी हो गयी है। यानि कि ईसाई धर्म में थे पहले वो लेकिन अब उनकी पूरे विधि विधान से हिंदू धर्म में वापसी हो गयी है। वहीं उत्तर प्रदेश के जिला बुलंदशहर में भी 20 परिवारों ने सनातन धर्म में वापसी की है।
जानकारी के मुताबिक बीते सोमवार को छत्तीसगढ़ के कोरबा में गायत्री परिवार और धर्मसेना के कार्यकर्ताओं ने पहले उन धर्मांतरित लोगों के चरणों को गंगाजल से धोया और मंतोचारण से उनकी आत्मा की शुद्धि की। इसके बाद सभी लोगों के लिए गायत्री परिवार ने एक यज्ञ का आयोजन किया और उन लोगों को शपथ भी दिलाई कि अब घर वापसी के बाद आप कभी हिंदू धर्म को छोड़कर नहीं जाएंगे।
मदकूद्वीप बिलासपुर के रामाश्रम के संचालक रामरूप दास की विशेष उपस्थिति में धर्म वापसी का आयोजन करवाया। इसमें कोलगा, मदनपुर, बताती, छुरी, पाली, कोरबा, चोटिया और पंपहाउस कालोनी के धर्मांतरण परिवारों की घर वापसी करवायी। हिंदू धर्म में आने वाले लोगों ने खुशी जताते हुए कहा कि घर वापसी करके हमें खुशी की अनुभूति हो रही है। ऐसा लग रहा है जैसे कि अपनों के बीच आ गए हैं।
धर्मसेना के जिला प्रमुख राणा मुखर्जी ने कहा कि घर वापसी वाले कई परिवार ऐसे हैं जिनकी दो पीढ़ियों पहले ही धर्मांतरण कर चुकी थीं। उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था। आपको बता दें कि 25 दिसंबर को जशपुर में 50 परिवारों और नारायणपुर में 20 परिवारों की घर वापसी करवायी गई थी। नारायणपुर में बाइबिल को नदी में प्रवाहित कर हिंदू रीति-रिवाजों के पालन का संकल्प दिलवाया गया था।
हिंदू धर्म में लौटी पंप हाउस कालोनी के मैगजीनभांटा निवासी गीता चौहान ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर धर्म का सौदा किया जा रहा है। हमारी बस्ती में रहने वाला कोई भी मूलरूप से ईसाई नहीं है जो भी है उनका धर्मांतरण करवाया गया है।
मैगजीनभांटा निवासी पार्वती साहू ने कहा कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद हम बहुत असहज महसूस कर रहे थे। अब मैं ऐसे लोगों की घर वापसी की भी कोशिश करूंगी जिन्हें नौकरी और पैसों का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर दिया गया था।
गांव से चर्च हटाने की भी दी चेतावनी
बैठक में चैतमा, अमलडीहा, दर्रा भांथा, केंदई, छुरी, कटघोरा, बिसनपुर ,पोडी उपोर्दा कछार और कोरबा के अधिकारी शामिल हुए। मीटिंग में धर्मांतरण की कड़ी शब्दों में आलोचना की गई। कैंवट समाज के अध्यक्ष अजीत कैंवट ने कहा कि हमारा केंवट समाज शुरूआत से ही हिंदू धर्म को मानता आ रहा है। अजीत ने आगे कहा कि “हम संस्कृति के साथ खिलवाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। कैंवट समाज के अध्यक्ष ने कहा कि “मिशनरी गांव में बने चर्च को स्वयं हटा ले नहीं तो समाज और जिला संगठन कोई कठोर कदम उठाएगा।”
अजीत ने कहा कि “समाज के अन्य मतांतरित लोगों की भी जल्द घर वापसी करवायी जाएगी। घर वापसी के बाद इन परिवारों का समाज के लेागों ने जोरदार स्वागत किया।” वहीं घर वापसी की खबर यूपी के उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से आयी है। ईसाई बन चुके 100 से ज्यादा लोगों(20 परिवारों) की क्रिसमस पर घर वापसी हुई हैं। घर वापसी करने वाले ये 100 लोग हैं जो दिहाड़ी मजदूरी से अपना परिवार चलाते है।
घर वापसी करने वाले सभी लोगों को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच में फिर से सत्य सनातन में प्रवेश किया और आगे से हिन्दू परम्परा से जीवन बिताने का संकल्प लिया। आपको बता दें कि धर्म वापसी का आयोजन बीते रविवार (25 दिसंबर, 2022) को आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में भाजपा विधायक मीनाक्षी सिंह और विश्व हिन्दू परिषद के पदाधिकरियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। घर वापसी करने वाले सभी लोग कांशीराम योजना के तहत बनी कालिंदी कुञ्ज कॉलोनी में रहते हैं। आरोप है कि कुछ समय पहले इन सभी को गुमराह कर के ईसाई बना दिया गया था।
ब्रेकिंग*
बुलन्दशहर: 20 परिवारों के करीब 50 लोगों ने की घर वापसी।
हिन्दू धर्म गुरुओं ने ईसाई धर्म को मानने वाले करीब 50 लोगों की कराई धर्म वापसी।
घर वापसी करने वालों का भाजपा की खुर्जा विधायका ने किया स्वागत।
भाजपा विधायका मीनाक्षी सिंह ने पुष्प वर्षा करके किया ज़ोरदार स्वागत। pic.twitter.com/t5qLbAH0a3— इंडिया टीवी न्यूज़ सच तक,अब हर खबर की सच्चाई आप तक (@RampalS66815903) December 25, 2022
घर वापसी करने वाले लोगों का कहना है कि ‘राष्ट्रीय चेतना मिशन’ और VHP के लोगों ने उनके मन में फैली तमाम शंकाओं का समाधान किया। इसके बाद वो सभी अपने मूल धर्म में लौटने को तैयार हो गए। भाजपा विधायक मीनाक्षी सिंह ने घर वापसी करने वालों की संख्या 100 से 125 के बीच बताई है।
कार्यक्रम के दौरान लगातार वैदिक मंत्र पढ़े जाते रहे। घर वापसी करने वालों का मौके पर मौजूद सभी लोगों ने फूल बरसा का स्वागत किया। कार्यक्रम के आयोजक राष्ट्रीय चेतना मिशन के हेमंत सिंह ने बताया कि उन्होंने धर्मांतरित किए गए 20 परिवारों के 100 से ज्यादा लोगों को चिह्नित किया था, जिनकी घर वापसी की कोशिशें जारी थीं। हेमंत ने आगे ये भी बताया कि कार्यक्रम के लिए अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती का दिन उन्हें सबसे अच्छा लगा।
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