Gyanvapi Maszid Case Decision: ‘श्रृंगार गौरी’ केस मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, ज्ञानवापी केस सुनवाई योग्य, मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज

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Gyanvapi Maszid Case Decision: ‘श्रृंगार गौरी’ केस मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला लते हुए कहा कि केस सुनवाई योग्य है और उसने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया।पूरे देश की निगाहें इस फैसले पर लगी हुई थी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने जब ऐतिहासिक फैसला लिया उसके बाद से ही यह तय हो गया कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट 1991 लागू नहीं होगा।

वहीं हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने हमारी बहस को मान लिया है। मुस्लिम पक्ष के आवेदन को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याचिका सुनवाई योग्य है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी।

Gyanvapi Maszid Case Decision: आज दोपहर 2 बजे कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। इसे लेकर वाराणसी प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। चप्पेचप्पे पर सुरक्षा तैनात कर दी गई है। काशी विश्वनाथ धाम क्षेत्रज्ञानवापी परिसर छावनी में तब्दील हो गया है। सोमवार सुबह कचहरी परिसर की गहन चेकिंग की गई। इधर, कोर्ट के फैसले को देखते हुए  मंदिरों में पूजा अर्चना शरू कर दी गई है। 

उत्तर प्रदेश के ADG कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि वाराणसी के जिला न्यायाधीश के द्वारा ज्ञानवापी परिसर से संबंधित एक प्रकरण में निर्णय अपेक्षित है। इसको लेकर सभी जगह अलर्ट जारी किया गया है। हमारे सभी संवेदनशील जनपदों में अधिकारी लगातार गश्त कर रहे हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में अधिकारियों ने सभी संबंधित पक्षों से वार्ता भी की है और कानून एवं शांति व्यवस्था भंग ना होने पाए इसके लिए भी सबसे अपील की गई है। कोई भी अराजक तत्व इन स्थितियों का फायदा ना उठा पाए इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

 वहीं हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज के फैसले में पता चल जाएगा कि आध्यात्मिक और ऐतिहासिक बुक दिखाई जाएंगी की नहीं? इसलिए आज का दिन महत्वपू्र्ण है क्योंकि हमारे बहस को अगर कोर्ट मानकर मस्जिद कमेटी के आवेदन को अस्वीकार करती है तो इसका प्रभाव ये होगा कि ये केस आगे बढ़ेगा।

उन्होंने आगे कहा कि 1991 का उपासना अधिनियम हमारे पक्ष में है क्योंकि हमारा कहना है कि 15 अगस्त 1947 को इस जगह का धार्मिक स्वरूप एक हिंदू मंदिर का था और मुझे लगता है कि अगर आने वाले समय में ये आवेदन अस्वीकार होती है तो धार्मिक स्वरूप को तय करने की कवायद और आगे बढ़ेगी।

Gyanvapi Maszid Case Decision: आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने श्रृंगार गौरी मामला सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर फैसले के लिए मुकदमे को जिला जज की अदालत में भेज दिया था। बता दें कि पहले से ही काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर छह से ज्यादा मुकदमे अलगअलग कोर्ट में चल रहे हैं। 

Gyanvapi Maszid Case Decision: ज्ञानवापी मस्जिद केस पर टिकी है देश की नजर 

ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शनपूजन के मामले पर पूरे देश की नजर है। आज अदालत के फैसले से यह तय हो जाएगा कि देश की आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को ज्ञानवापी में मस्जिद थी या मंदिर। इसके साथ ही प्लेसेज ऑफ वर्शिप ऐक्ट 1991 लागू होगा या नहीं इस पर भी फैसला कोर्ट दे सकती हैं। 

Gyanvapi Maszid Case Decision:सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज की अदालत में श्रृंगार गौरी मामले पर 24 अगस्त को सभी पक्षों की तरफ से बहस पूरी कर ली गई थी। जिला जज ने 12 सितंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज इस मामले में कोर्ट फैसला सुना सकती है।

गौरतलब है कि जिला जज की अदालत में सुनवाई से पहले इस मामले में सिविल जज सीनियर डिविजन के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे किया गया था। सर्वे के बाद मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग होने का दावा किया गया था जबकि मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था। विवाद के बीच, सर्वे के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट चली गई।  

बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में हिंदू पक्ष की ओर से माँ श्रृंगार गौरी में पूजा अर्चना की अनुमती माँगी थी  अनुमती वाली याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा है। हालांकिमुस्लिमपक्ष ने इस याचिका पर अपना विरोध दर्ज करवाया था। 

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।