Gyanvapi Parisar Survey: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का आज तीसरा और अंतिम दिन का सर्वे अधिवक्ता आयुक्त (advocate commissioner) अजय कुमार मिश्र की अगवाई में पूरा हो गया है। 17 मई को अजय मिश्रा को वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में पेश की जाएगी। वहीं हिंदू पक्ष का दावा है कि ‘अंदर बाबा मिल गए’ और वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसको झुठलाया।
वहीं डीएम कोशलराज ने आदेश दिया कि जहां से शिवलिंग निकला है उस स्थान को सील कर दिया है और उस जगह पर भारी पुलिसबल को भी तैनात कर दिया गया।
आप को बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे कर रहीं टीम को 12 फीट 8 इंच लंबा शिवलिंग मिला है। और आज हिंदू पक्ष का दावा भी साबित हुआ कि जब उन्होंने कहा था कि उम्मीद से ज्यादा मिलेगा।
Gyanvapi Parisar Survey: सूत्रों के हवाले से खबर है कि सर्वे में शामिल एक सदस्य को ज्ञानवापी परिसर में जाने से पुलिस ने रोक दिया। कुछ देर बैठाने के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। सर्वे की जानकारी लीक करने के आरोपों में ये कार्रवाई की गई।
वहीं सर्वे के बाद ज्ञानवापी से बाहर निकले हिंदू पक्ष के पैरोकार सोहनलाल आर्य ने मीडिया से कहा कि अंदर बाबा मिल गए। इस बारे में पूछने पर कहा कि जिन खोजा तिन पाइयां..तो समझिए, जो कुछ खोजा जा रहा था, उससे कहीं अधिक मिला है। दावा किया कि गुंबद, दीवार और फर्श के सर्वे के दौरान कई साक्ष्य दबे हुए से दिखे। उन्होंने पुरातात्विक सर्वेक्षण करने की बात कही। वहीं अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभयनाथ यादव और मुमताज अहमद ने कहा कि अंदर कुछ भी नहीं मिला।
वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने ज्ञानवापी सर्वे को लेकर कहा कि हमारे द्वारा व्यापक स्तर की सुरक्षा व्यवस्था दी गई थी जिसके कई चरण थे। हम लोगों ने पक्षों के साथ लगातार बैठक की, ये कोर्ट का आदेश था जिसमें सभी के सहयोग की अपेक्षा थी।
उन्होंने आगे कहा कि शहर में हर थाना स्तर पर लोगों से संवाद करके लोगों के बीच जो भ्रांतियां थी उन्हें दूर किया। ये तीन दिन की कार्रवाई थी, जो आज समाप्त हो गई है। सर्वे आदर्श वातावरण में हुई, जिसमें कानून व्यवस्था की कोई भी स्थिति किसी भी तरीके से प्रभावित नहीं हुई
शहर में हर थाना स्तर पर लोगों से संवाद करके लोगों के बीच जो भ्रांतियां थी उन्हें दूर किया। ये तीन दिन की कार्रवाई थी, जो आज समाप्त हो गई है। सर्वे आदर्श वातावरण में हुई, जिसमें कानून व्यवस्था की कोई भी स्थिति किसी भी तरीके से प्रभावित नहीं हुई: वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 16, 2022
वहीं वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि सर्वे को लेकर अगर किसी ने कोई बात कही है या किसी बात का दावा किया है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय है। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद कोई भी बात अदालत के द्वारा ही बताया जाएगा। किसी की बात पर कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।
गौरतलब है कि वाराणसी कोर्ट के विडीयोग्राफी के आदेश के मुताबिक आज शुक्रवार (14 मई) से ज्ञानवापी परिसर का सर्वे का काम शुरू हुआ था।पहले दिन 4 तहखानों का विडीयो सर्वे हुआ था टीम ने चप्पे-चप्पे की जांच की थी। दिवारों की बनावट की भी गहन जांच की थी। वहीं हिंदू पक्ष का दावा था कि अंदर हमारी सोच से भी ज्यादा बहुत कुछ है। और दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सर्वे में सहयोग करने का दावा किया था।
बता दें कि वाराणसी ज्ञानवापी मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। याचिकाकर्ता अंजुमन ए इंतोजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समीति के वकील हुजेफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका फाइल की थी।
उनके वकील हुजेफा ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट से वाराणसी कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वे तुरंत कोई आदेश नहीं दे सकते। फाइल देखने के बाद ही सुनवाई पर निर्णय लिया जाएगा।ज्ञान वापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे को रोकने से इंकार कर दिया था।