Manish Sisodia Update: आज शनिवार 20 अगस्त सिसोदिया के आवास के बाहर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सीबीआई छापे के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की हैं।
आपको बता दें कि दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में दिल्ली के डिप्टी सीएम ने पहली बार सीबीआई रेड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कल मैं बिन बुलाए, अनचाहे मेहमानों के बीच था, जिनके बीच रहना कोई पसंद नहीं करता। उसके बाद मुझे लगा कि मैं यहां (कार्यक्रम में) आऊं या नहीं आऊं। मुझे लगा कि मैं यह काम करने के लिए हूं न कि वह जो कल करना पड़ा।
उन्होंने आगे कहा कि CBI को ऊपर से कंट्रोल करके दिल्ली सरकार के अच्छे काम को रोकने की कोशिश की जा रही है। हम ईमानदार लोग हैं, हमने कहीं कुछ गलत काम नहीं किया है। केंद्र सरकार जितना CBI का दुरुपयोग करना चाहें कर लें क्योंकि हमने कोई गलत काम नहीं किया है।
गौरतलब है कि गत शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास के बाहर एकत्रित हुए आम आदमी पार्टी के विधायकों और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया था।
आपको बता दें कि CBI ने आबकारी नीति मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास समेत दिल्ली-NCR में 21 स्थानों पर छापे मारे और सूत्रो से खबर है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का मोबाईल और लेपटाॅप भी जब्त कर लिया गया था और आबकारी नीति मामले में 14 घंटे की छापेमारी के बाद सीबीआई अधिकारी दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास से रवाना हुए।
सीबीआई ने शराब घोटाले मामले में एक FIR दर्ज की है जिसमे दिल्ली के डिप्टी सीएम का नाम सबसे उपर है और साथ ही 14 लोगों को आरोपी बनाया गया हैं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित 15 लोगों के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज FIR में नामजद किया गया है। आबकारी अधिकारियों, शराब कंपनी के अधिकारियों, डीलरों के साथ-साथ अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के नाम मामले में दर्ज किया गया। pic.twitter.com/p5RApoymVf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 19, 2022
मनीष सिसोदिया पर लग रहे है गंभीर आरोप
इस मामले में मनीष सिसोदिया पर दो बड़े आरोप लगाए गए है। पहला आरोप है कि आबकारी विभाग ने शराब की दुकान के लिए लाइसेंस जारी किए तो दौरान कुल प्राइवेट वेन्डर्स को 144 करोड़ 36 लाख रूपये का फाएदा पहुचाया गया क्योंकि इस दौरान इतने रूपये की लाइसेंस फी माफ कर दी। जिसकी वजह से दिल्ली सरकार को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
मनीष सिसोदिया पर ये भी आरोप है कि उन्होंने कैबिनेट को बिना भरोसे में लिए फैसले लेते हुए और बिना एलजी के अप्रूवल के कई बड़े फैसले लिए।
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