Mulayam Singh Yadav: नहीं रहे नेताजी, समाजवाद युग का पुरोधा चला गया, पीएम मोदी और योगी ने जताया शोक

Mulayam Singh Yadav

Mulayam Singh Yadav: उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी  के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सुबह 8.16 बजे निधन हो गया। आपको बता दें कि तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एक अक्टूबर को आईसीयू में भर्ती कराया गया था। सपा संरक्षक का ऑक्सीजन लेवर नीचे आने लगा था और इसके अलावा उन्हें यूरिन संक्रमण, चेस्ट इंफेक्शन और सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी।

गत 22 अगस्त को मुलायम सिंह यादव की तबियत खराब होने के बाद उनको मेदांता अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। उनके बड़े बेटे एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव के निधन की पुष्टि करते हुए कहा कि “मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे”…

Mulayam Singh Yadav:पीएम मोदी ने जताया शोक

पीएम मोदी ने सपा संस्थापक मुलायम सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि ” जब हमने अपनेअपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया, तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बातचीत हुई। घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक था। उनका निधन मुझे पीड़ा देता है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना ”

ओम शांति…

 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा संस्थापक के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि “उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन अत्यंत दुखदायी है। उनके निधन से समाजवाद के एक प्रमुख स्तंभ एवं एक संघर्षशील युग का अंत हुआ है। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना व शोकाकुल परिवार एवं समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूँ।”

उन्होंने आगे कहा कि “श्री मुलायम सिंह यादव जी के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा करती है। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा।

मुलायम सिंह का राजनीतिक जीवन

उन्होंने चार अक्टूबर 1992 को समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी. हालांकि इससे पहले ही 1967 में ही मुलायम सिंह यादव ने यूपी की राजनीति में पैर रख दिया था। तब वो 1967 में पहली बार विधायक बने थे।

साल 1967 में मुलायम सिंह यादव राजनीति के नए खिलाड़ी थे उनका मुकाबला उस समय के राजनीति के गुरू हेमवती नंदन बहुगुणा के चेले लाखन सिंह से था। कोई भी नहीं जानता था कि उस समय के राजनिति के नए पहलवान मुलायम सिंह यादव लाखन सिंह को धोबी पछाड़ लगा कर चारों खाने चित्त कर देंगे। जब चुनाव परिणाम आया तो सब चौंक गए कि ये मुलायम ने कैसे संभव कर दिया?  

उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार को हराकर जीत दर्ज करते हुए पहली बार विधायक बने थे। खास बात ये भी रही कि पहली बार विधायक बनने के बाद ही वो पहली बार में ही मंत्री भी बन गए। यहां से ही उनका राजनीति में कद लगातार बढ़ता रहा और बाद में वो देश के रक्षा मंत्री भी रहे।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।