Munnavar Faruqi: अपने आका पर चादर, हिंदू देवताओं पर कॉमेडी, जनता दिखाएगी मुन्नवर फारूकी को उसकी औकात

Munnavar faruqi

Munnavar Faruqi: मुन्नवर फारूकी इन दिनों चर्चा में हैं और चर्चा में इसलिए नहीं कि कुछ बेवकूफ लोग उनकी घटिया स्टैंडअप कॉमेडी पर तालिया बजाकर हसते थे लेकिन अब मुन्नवर फारूकी अपने इस घटिया शो का सहारा लेकर हिंदू देवी देवताओं का उपहास नहीं उड़ा पाएंगे।

Munnavar Faruqi: पिछले कुछ सालों से उनकी इस कॉमेडी को लेकर अक्सर विवाद होता आ रहा है और कई बार उसके शो कैंसल भी हुऐ हैं
लेकिन किसी ने सही कहा है लातों के भूत बातों से नहीं मानते…और अब सोई हुई जनता भी जाग उठी है और पूरी तैयारी कर ली है फारूकी को धूल चटाने की।

आपको बता दें कि अब एक बार फिर फारूकी के शो को लेकर विवाद शुरू हो गया है और इस शो को बंद करवाने की जमकर मांग उठी है और ऐसी ही मांग उठाई है। हिंदूवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद ने दिल्ली पुलिस से मुनव्वर फारूकी के शो को रोकने के लिए लिखित शिकायत दर्ज करवायी थी।

Munnavar Faruqi: मुन्नवर फारूकी का शो रविवार 28 अगस्त को दिल्ली के सिविक सेंटर में होने वाला था जो कि अब नहीं होगा वीएचपी के शिकायत पर दिल्ली। पुलिस ने संज्ञान लेते हुए कार्यक्रम को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है।

इससे पहले सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने अपनी लाइसेंस यूनिट को रिपोर्ट देते हुए कहा था कि मुनव्वर के शो से ‘क्षेत्र के सांप्रदायिक सौहार्द्र पर असर पड़ेगा और इसके बाद लाइसेंस यूनिट ने फारुकी की मांग ठुकरा दी।

दरअसल 2021 में मुनव्वर फारूकी को अपने शो में एक जोक की वजह से गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद आरोपी करीब एक महीने तक जेल में रहा था।

आपको बता देें कि पिछले हफ्ते मुनव्वर फारूकी का बेंगलुरु में होने वाला शो भी प्रशासन ने रद्द कर दिया था। हालांकि तब कॉमेडियन ने बहाना बनाते हुए ने कहा था कि शो उसकी तबीयत खराब होने की वजह से रद्द हुआ है।  हालांकि बेंगलुरु का शो रद्द होने के चंद रोज बाद उसे हैदराबाद में शो करते देखा गया।

Munnavar Faruqi: आपके बताते चलें कि विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने भी दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर मुनव्वर फारुकी के शो को रद्द करने की मांग की थी. उनके लेटर में लिखा था, ‘मुनव्वर फारूकी नाम का एक कलाकार दिल्ली के सिविक सेंटर में केदारनाथ स्टेडियम में 28 अगस्त को एक शो आयोजित कर रहा है।

Munnavar Faruqi: यह शख्स अपने कार्यक्रमों में अक्सर हिन्दू देवी देवताओं का मजाक उड़ाता है, जिसके कारण हाल ही में सांप्रदायिक तनाव भड़क चुका है। इसलिए निवेदन है कि इस शो को तुरंत रद्द करें, नहीं तो विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता शो का विरोध करेंगे और प्रदर्शन करेंगे।’

लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि जब मुन्नवर फारूकी सरेआम हिंदू देवी देवताओं का मजाक उड़ाते हैं तब न हिंदू सड़कों पर आते है न ही काटने मरने की धमकी देते हैं।

जब हैदराबाद के बीजेपी विधायक टी राजा ने मुन्नवर पैगंबर पर बयान क्या दिया कि लोग सड़कों पर उतर आए और सर तन से जुदा के नारे लगाने लगे हालाकि टी राजा को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन ओवैसी साहब जो कि हर बार कानून संविधान का जो हवाला देते हैं।

उन्होंने उन जाहिलों को जेल से छुड़ा लिया जो कि खुले आम सड़कों पर सर तन से जुदा के नारे लगा रहे थे और उन्हें घर जाकर आराम करने के लिए ऐसे बोल रहे थे मानो वो कोई जंग जीत के आएं हो…

वहीं कांग्रेस नेता आएशा फरहीन जो कि कट्टापथियों जैसे सोच रखने वाली वो टी राजा को खुलेआम धमकी दे रहीं है कि
“तेरे टांग पर टांग रखकर चीर दूंगी”…तेरा ऐसा हश्र करूंगी की तेरे घरवाले तुझे पहचानने से इंकार कर देंगे।

अब यहां सवाल ओवैसी जी से है कि मुस्लाम कितने डरे हुए आप इस वीडियो को जरूर देख कर अपनी प्रतिक्रिया दीजिएगा ये वही डरे हुए अल्पसंख्यक हैं जो सारे आम अल्लाह हु अकबर बोल कर सर कलम कर देते हैं। लेकिन वहीं जब हिंदू सड़कों पर अपने हक के लिए उतरते हैं तो यही ओवैसी संबिधान और कानून का पाठ पढ़ाने लग लग जाते हैं।

आपको बता दे कि इससे पहले फारूकी ने अपने शो में एक वीडियो है मुनव्वर का जिसमें वह एक ऐसी घटना का मजाक उड़ा रहे हैं, जो घटना हर हिन्दू के लिए पीड़ा से भरी घटना है। उस घटना में कई लोग मारे गए थे।

जिसका दोषी हाजी बिलाल था उसका गुनाह यह था कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस का एस 6 कोच जलाया था और उस कोच में अयोध्या से कारसेवक लौट रहे थे। उस दिन उस आग में 59 लोग जलकर मारे गए थे।

वह क्यों मारे गए थे? वह उसी घृणा का शिकार हुए थे, जो घृणा मुनव्वर के दिल में हिन्दुओं के प्रति है जब वह गोधरा की घटना का उल्लेख “द बर्निंग ट्रेन” कहते हुए करते हैं? यह वही घृणा थी, जो मुन्नवर का समर्थन करने वाले हर मुस्लिम को लोगों के दिलों में हिन्दुओं के प्रति घृणा करते हुए दिखाते है।

मुनव्वर जब आप 59 लोगों के जलती हुई देह की पीड़ा को महसूस न करते हुए, उनकी इस पीड़ा का उपहास उड़ाते हैं न, वह नफरत होती है! नफरत वह होती है जब आप उन लोगों की पीड़ा पर हँसते हैं, जो अपने आगे मृत्यु देख रहे थे, और अपनी देह का एक एक अंग जलते हुए गिरते देख रहे थे!

नफरत वह होती है जब आप जिंदा देहों को लाशों में बदले हुए हिन्दुओं पर हँस रहे थे! नफरत वह होती है मुन्नवर फारुकी जी, जब आप सैकड़ों सपनों के असमय जल जाने पर अपनी वही मजहबी हँसी हँसते हैं, जो सदियों के हमारे घावों पर नमक छिड़कती है!

खैर इस्लाम की कट्टरता के खिलाफ लिखने वाली बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन पर फतवे जारी होते रहते हैं, कोई मुस्लिम लड़की शिव का गाना गा दे तो लोग उस पर भी फतवा जारी कर देते है।लेकिन ये मौलाना और ये ओवैसी जैसे नेता तब कौन से बिल में घुस जाते है जहां उनको हिंदुओं के देवी देवताओं का मजाक सुनाई नहीं देता।

हाल ही में अभिव्यक्ति की आजादी के हनन का एक बहुत बड़ा मामला सामने आया था, परन्तु उस पर लिब्रल्स की आवाज नहीं आई थी। वह मामला क्या था? वह मामला था एक ऐसे विषय पर बनी फिल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा प्रदर्शित होने की अनुमति न देना, जिसे न्यायालय की ओर से प्रदर्शित करने की अनुमति मिल गयी थी!

यह फिल्म थी “लव जिहाद” पर बनी फिल्म ‘द कनवर्जन’ थी  और उस फिल्म को निर्माता बड़ी मुश्किल से रिलीज कर पाए थे। तब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकार यह क्यों नहीं बोले कि यह गलत हो रहा है!

आप को याद दिला दें कि एक बार मुन्नवर फारूकी ने कहा था कि नफरत की आड़ में कॅामेडी भी हार गई। यहाँ कौन हार रहा है मिस्टर दोगले मुन्नवर फारूकी…

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।