Pakistan Economic Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कारण एक बार फिर से शर्मसार होना पड़ रहा है। आतंक को पालने-पोसने वाला देश आज अन्न के एक-एक दाने के लिए तरस रहा है और दुनिया के सामने हाथ फैला रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है लोगों को बेसिक सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही और अगर मिल भी रही है तो कीमत ज्यादा है।
पाकिस्तान में भूखमरी चरम पर पर लोग आटे के लिए एक दूसरे के जान के दुश्मन बन रहे है।
— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) January 10, 2023
Pakistan Economic Crisis: मूल-भूत सुविधाएं नही मिल पा रही है, दूध खाते है तो दही नही, दही खाते है तो पनीर नहीं… यहां तक की पाकिस्तानी एक रोटी के बाद दूसरी रोटी के लिए लाचार नजर आते है। 2022 में जो श्रीलंका में हुआ वहीं डर अब पाकिस्तान में फैलता जा रहा हैं।
कंगाली की कगार पर पाकिस्तान पहुंच गया हैं। महंगाई से जनता परेशान हो रही हैं। सियासत में घमासान चल रहा हैं। पाकिस्तान की कमजोर सरकार पैसे बचाने के लिए ऐसे-ऐसे नुसके बता रही है कि वो पाकिस्तान सहित दुनिया के लिए मजाक बन गया हैं।
शहबाज सरकार: पाकिस्तान में सभी बाजार और मॉल रात को 8:30 बजे बंद करने का आदेश
पाकिस्तान सरकार के नए नियम के तहत सभी बाजार और मॉल रात को 8:30 बजे बंद करने का आदेश दिया गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि शहबाज सरकार ने सिर्फ 2262 करोड़ रूपये बचाने के लिए 22 करोड़ से ज्यादा आवादी वाले मुल्क में अंधेरा करने को मजबूर कर दिया।
दूसरी ओर पाकिस्तान में अब एक-एक किलो आटे के लिए गोलियां चल रही है, प्रोटेस्ट हो रहे है और पाकिस्तान में आटे की इतनी कमी हो गई है कि 10 किलो आटा 1500 रूपये में मिल रहा है। और उसके लिए भी लोगों को कई-कई दिनों तक के लिए लाइन में खड़ा होना पड़ता है तब जाकर उन्हें थोड़ा बहुत आटा मिलता हैं।
Pakistan Economic Crisis: सेना का बजट कृषि से 51 गुना ज्यादा
पाकिस्तान में सिर्फ आटा ही नही है बल्कि खाने-पीने के सभी सामान इतने महंगे हो गए है कि इन्हें खरीदना अब बहुत मुश्किल हो गया है और इस स्थिति की वजह खुद पाकिस्तान की सरकार है। पाकिस्तान ने साल 2022 और 2023 में सेना पर 57482 करोड़ रूपये खर्च करेगा लेकिन अपने देश में कृषि पर सिर्फ 620 करोड़ रूपये। यानि सेना का बजट कृषि से 51 गुना ज्यादा है।
तो वहीं, रूस से खरीदी गई गेहूं की पहली खेप 9 जनवरी को पाकिस्तान पहुंच गई है। खाद्य सुरक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि गेहूं से लदे दो जहाज कराची पहुंच गए हैं। उन्होंने ये जानकारी भी दी कि रूस से अतिरिक्त 4 लाख 50 हजार टन गेहूं ग्वादर बंदरगाह के जरिए पाकिस्तान पहुंचेगा।
पाकिस्तान: केवल 4.5 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है
इन सबके बावजूद पाकिस्तान के पास केवल 4.5 बिलियन डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा है, जो सिर्फ 3 सप्ताह के आयात के लिए पर्याप्त है। वहीं, पाकिस्तान की कर्ज अदायगी 8.5 अरब डॉलर है। इसमें यूएई का 2 बिलियन डॉलर शामिल है, जिसके लिए सरकार आईएमएफ से रोलओवर पाने की कोशिश कर रही है।
Written By-Nitisha Agarwal
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