PFI: दिल्ली के शाहीनबाग से 30 संदिग्ध गिरफ्तार,माहौल को देखते हुए अर्द्धसैनिक बल तैनात

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PFI: देश में कई जगहों पर छापे पड़े है और अब तक 150 से ज्यादा गिरफ्तार, पीएफआई पर बैन लगाने की  उठ रही है मांग…   देश भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया के खिलाफ चल रही छापेमारी है,ये वो पीएफआई है भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए ‘मिशन 2047’ पर काम कर रहा था… लेकिन अब लगता है इसके सारे इरादों पर ED और NIA ने पानी फेर दिया है, क्यूंकि पीएफआई इन दिनों जांच एजंसियों के रडार पर लगातार है। बात अगर दिल्ली की जाए तो शाहीनबाग से 30 संदिग्ध गिरफ्तार किया गया है  और माहौल खराब न हो जाए उसको देखते हुए अर्द्धसैनिक बल तैनात कर दिया गया है।

PFI: टेरर फंडिंग पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के निर्देश पर देश की दूसरी जांच एजेंसियों ने एक बार फिर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी की है। आठ राज्यों में छापेमारी के दौरान 150 से अधिक पीएफआई के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। सभी संदिग्धों से पूछताछ जारी है। बता दें कि जिन राज्यों में छापेमारी की जा रही है उनमें दिल्ली, यूपी, कर्नाटक, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश के नाम शामिल हैं।

PFI: कर्नाटक, असम, यूपी, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली समेत 8 राज्यों में एनआईए ने एक बार फिर कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 200 से ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे हैं। ताजा छापों में अब तक इस संगठन के 170 लोगों को पकड़ा गया है। अकेले कर्नाटक से 45 गिरफ्तारियाँ होने की खबर है।

PFI: वहीं यूपी के डिप्टी सीएम  ब्रजेश पाठक ने कहा कि PFI के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। लोग सर्विलांस पर हैं। किसी भी स्थिति में हम प्रदेश में गैर कानूनी गतिविधियों को अनुमति नहीं देंगे। कड़ी कार्रवाई करेंगे।

असम में आज सुबह करीब 5 बजे प्रदेश की पुलिस ने PFI के कई ठिकानों पर रेड की और इस दौरान पीएफआई के 7 नेताओं को गिरफ्तार किया गया।  सभी को कामरूप जिले के नगरबेरा इलाके से अरेस्ट किया गया है।

PFI: मध्य प्रदेश के शाजपुर के साथ दिल्ली के शाहीन बाग़, निजामुद्दीन और जामिया इलाकों में भी NIA ने छापेमारी की है। शाहीनबाग में जहां अर्ध सैनिक बल गश्त कर रहे हैं, वहीं असम से 45 से ज्यादा लोगों को उठाया गया है। जबकि 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

वहीं 19 सितंबर से 17 नवंबर तक धारा 144 लागू रहेगी…..शाहीनबाग इलाके से शोएब नाम के शख़्स को हिरासत में लिया गया है और वहीं जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को सर्कुलर जारी किया है।

PFI: यूपी की राजधानी लखनऊ से पीएफआई के एक सदस्य को गिरफ्तार किए जाने की भी खबर है। पीएफआई के ठिकानों पर पिछली बार हुई छापेमारी से सनसनीखेज खुलासे हुए थे। एनआईए और ईडी को पता चला था कि इस्लामी संगठन ने पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करने की योजना भी बनाई थी। इसके अलावा मार्शल आर्ट सिखाने के नाम पर संगठन ने कैंप लगाकर युवाओं को बरगलाने और दंगे भड़काने की ट्रेनिंग भी दी थी।

पीएफआई के बारे में ये जानकारी  ईडी को लगी कि अबुधाबी के दरबार रेस्तरां से उसने हवाला के जरिए 120 करोड़ रुपए हासिल किए है। इस रकम से यूपी के तमाम जिलों में दंगे भड़काने और नामचीन लोगों की हत्या करने का भी इस्लामी संगठन का प्लान था। पीएफआई के बारे में पिछले दिनों ये भी पता चला था कि शिवमोगा में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या में भी उसके स्थानीय नेताओ का हाथ रहा है।

पीएफआई के दो गुर्गे बिहार में पटना के पास से पहले पकड़े गए थे। इन सदस्यों के पास 8 पन्ने का संगठन का डॉक्यूमेंट मिला था। इस डॉक्यूमेंट से खुलासा हुआ था कि पीएफआई साल 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की साजिश भी रच रहा है। पीएफआई का साफ़ कहना है कि 75 साल पहले एक इस्लामिक मुल्क भारत से अलग हुआ और जब 2047 में भारत आजादी के 100 वर्ष मनायेगा, तब तक भारत इस्लामिक राष्ट्र में बदल जाएगा।

पीएफआई ने बाकायदा अपने मिशन को कामयाब करने के लिए चार स्टेज प्लान तैयार किया है, जिसमें पीएफआई से अधिक संख्या में मुस्लिमों को जोड़ना और देश के खिलाफ जंग करने जैसी बातें भी शामिल है। दस्तावेज में लिखा है कि मुसलमानों को एक करना है और हिन्दुओं में फूट डालना है।

PFI: एक स्टेज आने पर पीएफआई मुसलमानों को मार्शल के रूप में तैयार करेगी और फिर यह लोग मुसलमानों की मुखालफत करने वाले लोगों पर अटैक करेंगे। पीएफआई के इन दस्तावेजों से ये भी पता चला था कि हिंदुओं में से पिछड़ों और दलितों का साथ लेकर भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाने की इस कट्टरपंथी संगठन ने योजना बनाई थी।

आप को बता दें कि PFI का रिश्ता प्रतिबंधित SIMI, भगोड़े ज़ाकिर नाईक और आतंकी संगठन ISIS से पाया गया है।साथ ही कि PFI ने भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि मिडिल ईस्ट के लोगों का भी सहारा लिया है। ये देश भर में हिंसा की बड़े स्तर प्लानिंग करता था ।

PFI: इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष अब्दुल रहमान कभी SIMI का राष्ट्रीय सचिव हुआ करता था। इसके साथ इसी समूह का एक अन्य पदाधिकारी अब्दुल हमीद भी कभी सिमी से जुड़ा हुआ था।

गौरतलब है कि PFI को उसकी आतंकी हरकतों को संचालित करने के लिए मध्य-एशिया से पैसे आते थे। इसे भारत में पहुँचाने में पाकिस्तान मध्यस्तता किया करता था। इस नेटवर्क के संचालन में PFI की राष्ट्रीय टीम में शामिल मोहम्मद शाकिब का अहम रोल है। इसमें कोई दोराय नहीं है की पीएफआई जिस तरह की आतंकी गतिविधि में शामिल रहा है वो देश और देशवासिओ के लिए एक खतरा है,

अब पीएफआई पर बेन की तलवार लटक रही है, PFI को बैन करने की मांग बीते कई सालों से लगातर हो रही है, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश समेत कई राज्य सरकारों ने मांग कि है की देश में साम्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने के पीछे ये संगठन काफी सक्रीय है।

दिल्ली के शाहीन बाग में सबसे लंबा CAA आंदोलन चला था कहा तो ये भी जा रहा है कि इसके पीछे भी पीएफआई था। अब देखना ये है की देश में जहर घोलने वाले इस आतंकी संगठन पर बैन कब तक लगता है और आगे कितने ठिकानो पर छापेमारी होगी और क्या-क्या नए खुलासे सामने आएँगे ये देखना अभी बाकी है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।