Rohingya refugees: मोदी जी का ‘सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र को कुछ ज्यादा ही सार्थक करती नजर आ रही है। अब आपको लग रहा होगा कि हम ऐसा क्यों कह रहे है? इसका भी ठोस आधार है साहब मोदी सरकार रोहिंग्या शर्णाथियों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आ रही है। केंद्रीय मंत्री हरदेव पुरी ने शर्णाथियों को लेकर कहा कि भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है। उन्होंने बताया कि एक ऐतिहासिक फैसले में सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। उन्हें मूलभूत सुविधाएं, यूएनएचसीआर आईडी और चौबीसों घंटे प्रदान किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री पुरी ने ये भी कहा कि जिन लोगों ने भारत की शरणार्थी नीति को जानबूझकर CAA से जोड़ने पर अफवाह फैलाकर करियर बनाया, वे निराश होंगे। भारत सम्मान करता है और अनुसरण करता है और यूएन शरणार्थी सम्मेलन 1951 और सभी को उनकी जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए बिना शरण प्रदान करता है।
Those who made a career out of spreading canards on India’s refugee policy deliberately linking it to #CAA will be disappointed.
India respects & follows @UN Refugee Convention 1951 & provides refuge to all, regardless of their race, religion or creed.@MIB_India @NBirenSingh pic.twitter.com/6jyMl9dJ7Q
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 17, 2022
Rohingya refugees: रोहिंग्या शर्णाथियों के फैसले पर विश्व हिंदू परिषद की वरिष्ठ नेता साध्वी प्राची ने मोदी सरकार को घेरते हुए जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “आने वाले समय में रोहिंग्या बड़ा नासूर बनेंगे इनको बाहर करना अति आवश्यक है” और साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि नोबल के चक्कर में देश को धर्मशाला बनाना बंद करो।
आने वाले समय में रोहंगिया बड़ा नासूर बनेंगे
इनको बाहर करना अति आवश्यक है।#RohingyaGoBack 🔥— Dr. Prachi Sadhvi (@Sadhvi_prachi) August 17, 2022
वहीं अब गृह मंत्रालय ने कहा कि रोहिंग्या अवैध विदेशियों के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में समाचार रिपोर्टों के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा। MHA ने GNCTD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि MHA पहले ही MEA के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है और साथ ही उन्होंने कहा कि अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है। दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं।
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