Supreme Court Freebies Hearing: जनहित याचिका ‘मुफ्त की रेवड़ियां’ पर सुनवाई करते हुए बोले चीफ जस्टिस, हम इस पर नहीं कर सकते नियंत्रण

Supreme Court Freebies Hearing

Supreme Court Freebies Hearing: एमपी और राजस्थान में जल्द ही चुनाव होने वाले है। दोनों ही राज्यों में चूनावी बिगूल बज चुका है। नेताओं की चुनावी जनसभा की शुरूआत हो चुकी है। इस बीच ही भट्टूलाल जैन ने एससी में एक जनहित याचिका को दायर किया गया। जिस पर सुनावाई करते हुए एससी के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने जनहित याचिका पर केंद्र सरकार, निर्वाचन आयोग तथा भारतीय रिजर्व बैंक को भी नोटिस जारी किया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने आदेश में ये भी कहा कि चुनाव से पहले हर तरह के वादे किए जाते हैं और हम इस पर नियंत्रण नहीं कर सकते।

मुफ्त की रेवड़ियां बांटने को लेकर लगाई जानी चाहिए रोक

 

Supreme Court Freebies Hearing: आपको बता दें कि भट्टूलाल जैन की मुफ्त की रेवड़ियां’ (Freebies) बांटने का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका की कोर्ट सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में कहा गया था कि विधानसभा चुनावों से पहलेमुफ्त की रेवड़ियां  बांटने का ऐलान किए जाने को लेकर रोक लगाई जानी चाहिए।

 

केंद्र सरकार, निर्वाचन आयोग तथा भारतीय रिजर्व बैंक को किया नोटिस जारी

 

Supreme Court Freebies Hearing: याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि दोनों राज्यों की सरकारें वोटरों को लालच देने के लिए करदाताओं के पैसों का दुरुपयोग कर रही हैं। जिस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र सरकार, निर्वाचन आयोग तथा भारतीय रिजर्व बैंक को नोटिस जारी किया। एमपी सरकार और राजस्थान सरकार को नोटिस जारी करते हुए दोनों सरकारों से चार हफ्तों के अंदर अपना जबाव फाइल करने के निर्देश दिए।

Supreme Court Freebies Hearing: याचिकाकर्ता की पैरवी करने वाले वकील ने कहा किचुनाव से पहले सरकार के नकदी बांटने से ज्यादा खराब और कुछ नहीं हो सकता। हर बार यह होता है और इसका बोझ आखिरकार करदाताओं पर आता है।

Supreme Court Freebies Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने भट्टूलाल जैन की जनहित याचिका को एक अन्य मामले पर लंबित एक अन्य याचिका के साथ जोड़ने का आदेश भी दिया। हम इसे अश्विनी उपाध्याय की याचिका के साथ टैग करेंगे। लेकिन आपने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय आदि को पक्षकार बनाया है। आपको सरकार को पक्षकार बनाने की जरूरत है और आरबीआई, महालेखा परीक्षक आदि को पक्षकार बनाने की जरूरत है।

Supreme Court Freebies Hearing:याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि “चुनावों के ठीक 6 महीने पहले मुफ्त चीजें, जैसेटैब इत्यादि बांटा जाता है और राज्य सरकारें इसे जनहित का नाम देती हैं।” जनहित याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए इस तरह के वादे करके और मुफ्त सुविधाएं देकर करदाताओं के पैसे को बर्बाद कर रही हैं और यह रिश्वतखोरी और गलत प्रभाव डालने के बराबर है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि राज्य भारी कर्ज में हैं और मुफ्त चीजें नहीं बांटी जानी चाहिए।

ये भी पढ़ें…

Delhi Liquor Policy: संजय सिंह की गिरफ्तारी पर बोले सीएम केजरीवाल “पूरा शराब घोटाला ही फर्जी…”
Mumbai News: मुंबई के गोरेगांव में आग लगने से 7 की मौत 51 घायल, सीएम एकनाथ शिंदे ने घायलों के परिवार को 5 लाख देने की घोषणा
By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।