Uttarakhand: हल्द्वानी के बाद उत्तराखंड का जोशीमठ शहर भू-धसाव के कारणों से देश का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। चीन की सीमा से लगे चमोली जिले का जोशीमठ किस तरह गंभीर खतरे का सामना कर रहा है, इसका पता इससे चलता है कि जमीन के धसने और उसके चलते घरों के दरकने के कारण लोगों को दूसरी जगह रहने के लिए लाचार होना पड़ रहा हैं। वहीं 7 जनवरी शनिवार को जोशीमठ का सीएम धामी का दौरा किया। इसके अलावा उन्होंने प्रभावित परिवारों को 6 महीने तक किराया देने का ऐलान किया हैं और साथ ही NTPC समेत भी बड़े निर्माण को रोक दिया गया हैं।
उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। https://t.co/fcY71TshTF pic.twitter.com/yqBiKx3HU0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 7, 2023
Uttarakhand: लेकिन इसके बावजूद NTPC के हाइडल प्रोजेक्ट की सुरंग और चार धाम ऑल-वेदर रोड का काम रोका नहीं गया हैं। ये हाल तब है, जब सरकार ने इन पर तत्काल रोक लगा दी थी। इधर, हालात बदतर होते जा रहे हैं। लोग कड़ाके की ठंड़ में घर के बाहर रहने को मजबूर हैं। उन्हें डर लगा रहता है कि घर कभी भी ढह सकता हैं।
करीब 25 हजार की आबादी वाले जोशीमठ के निवासियों की चिंता और दहशत बढ़ती जा रही हैं। यहां 6 जनवरी तक 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इनमें 100 से ज्यादा घर ऐसे है, जो कभी भी गिर सकते हैं। और इस भयंकर ठंड में 44 परिवारों को उनके घरों से निकालकर सुरक्षित जगह पर ले गया हैं।
Uttarakhand: शासन-प्रशासन को तभी एक्शन लेना था, जब घरों में दरारें पड़ने का सिलसिला शुरू ही हुआ था। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। वो तब एक्शन में आए जब डरे-सहमे लोग जोशीमठ को बचाने की गुहार लगाते हुए सड़कों पर उतरने के लिए लाचार हुए। जोशीमठ जिस खतरे का सामना कर रहा हैं, उसका एक कारण उन चेतावनियों की अनदेखी भी है, जो बहुत पहले दी गई थी।
Uttarakhand: वहीं जोशीमठ में हालातों को देखते हुए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने अग्रिम आदेश तक सभी तरह के निर्णाम कार्यों पर रोक लगा दी हैं। दूसरी ओर सीएम पुष्कर सिमह धामी जमीन धंसने को लेकर गंभीर हैं। जोशीमठ में जो कुछ हो रहा है, उससे देश के अन्य पर्वतीय इलाकों को भी सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि जिन कारणों से इस शहर के लिए खतरा पैदा हुआ वे कारण कही और भी हो सकता हैं।
Written By— Nitisha Agarwal
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