Uttarakhand News: उत्तराखंड का जोशीमठ बेबस और लाचार नज़र आ रहा हैं। जोशीमठ वासी बेबसी के आंसू रो रहे है, उनकी आंखों के सामने उनका आशियाना उजड़ रहा हैं। सैकड़ों घर बेकार हो रहे है, घरों की दीवारों के साथ ही फर्श पर मोटी-मोटी दरारें हैं। हालात ऐसी है कि 600 से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित जगहों पर भेजना पड़ रहा हैं।
धंसे घर और सड़क को लेकर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी बेहद गंभीर हैं और लगातार चितांजनक हालात पर नजर बनाए हुए हैं। जोशीमठ के घरों में आई दरारों के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार 8 जवनरी को इस संकट पर उच्चस्तरीय बैठक में हालात की समीक्षा की गई।
Uttarakhand News: वहीं स्थानीय लोगों का रोष अब देखने को मिल रहा है। उन्होंने हाई-वे जाम कर दिया है। स्थानीय प्रशासन घरों को सील कर रही है और इसका स्थानीय निवासी विरोध कर रहे है। प्रशासन लोगों को समझाने की कोशिश कर रहा है।
हरीश रावत: नया जोशीमठ बनाने की मांग
आपको बता दें कि PMO ने इस बैठक के बाद निर्णय लिया कि सचिव सीमा प्रबंधन और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्रधिकरण के सदस्य जोशीमठ जा रहे हैं। और वास्तविक स्थिति का जायजा लेंगे। इसके साथ ही विस्तृत अध्ययन कर रिर्पोट तैयार करने के लिए भी एक टीम गठित कर दी गई है जो जल्द ही वहां मौके का मुआयना करेगी।
बता दें कि राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से लोगों को शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। उनके भोजन, पानी, दवा, डॉक्टर सभी सुविधाएं दी गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला कर्तव्य है हम हर हाल में वहां प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं।
Uttarakhand News: इससे पहले, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए जोशीमठ का दौरा किया था। इससे एक दिन उन्होंने करीब 600 प्रभावित परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया था।
Uttarakhand News: जोशीमठ की सड़को, घर, ऑफिस, मैदान, होटल, स्कूल में भूमि दरकने के कारण बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है। जिसके कारण ये भवन रहने के लिए असुरक्षित हो गए हैं, इसी को देखते हुए जोशीमठ में तमाम डेवलपमेंटल गतिविधियां भी रोक दी गई हैं। मसलन रोपवे, जल, विद्युत के लिए काम कर रहा कंपनियों ने काम रोक दिए हैं।
Written By— Nitisha Agarwal
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