रहस्यमयी कहानी-1: दिल की कमजोर महिला लगा बैठी दिल, पति को बर्थडे़ पर दिया मौत का तोहफा

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रहस्यमयी कहानी: एक ऐसी रहस्यमयी कहानी जिसे पढ़ आप भी सिहर जायेंगे, एक ऐसा प्रेम जिसने ले ली युवक की जान। ये बेपनाह चाहत, रिश्तों के बंधन और हवस की ऐसी दास्तां है जहां अपनों का तो कत्ल हुआ ही उन रिश्ते का भी कत्ल हो गया जिसमें सात जन्मों तक साथ निभाने व जीने-मरने की कसमें खाई जाती हैं। हम आपको प्यार की एक ऐसी कहानी बतायेंगे जो कि उत्तराखण्ड से चलकर राजस्थान होते हुए मध्यप्रदेश पहुंच गई।

आखिर क्या है बीवी, फेसबुक फ्रेंड और बर्थ-डे पर गिफ्ट की यह कहानी? आखिर क्यों पति से प्यार पाने वाली पत्नी ही उसका काल बन गई? घटना बेसक 2016 की हो, लेकिन आज भी लोग याद करके सिहर जाते हैं।

कैसे हुई पूजा और यशपाल की दोस्ती और फिर शादी?

उत्तराखंड की रहने वाली पूजा की हार्ट पेसेंट थी, यही बात उसे सताती थी। इसी बीच उसके पड़ोस में रहने वाले यशपाल बिष्ट से उसकी दोस्ती हो गई, दोनों के बीच कई साल तक चली मोहब्बत के बाद शादी करने का फैसला लिया। पूजा हार्ट पेशेंट थी, यह बात यशपाल जानता था। इसके बावजूद भी उसने उससे शादी की, शादी के बाद दोनों इंदौर चले गए थे।

इलाज के लिए देहरादून वापिस लौटी थी पूजा

इंदौर में यशपाल को एक कंपनी में नौकरी मिल गई, यशपाल और पूजा इंदौर में ही मकान लेकर रहने लगे। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन इस बीच पूजा के हार्ट की समस्या बढ़ने लगी। इसलिए वह इलाज के लिए भांजे के साथ देहरादून आ गई और यहीं पर रहने लगी लेकिन यशपाल इंदौर में ही नौकरी कर रहा था। यशपाल कभी-कभी पूजा को इंदौर बुला लिया करता था या फिर खुद पूजा से मिलने देहरादून आ जाया करता था, लेकिन नौकरी की मजबूरी और इलाज की जरूरत के चलते दोनों के बीच देहरादून-इंदौर की दूरियां बनी हुई थीं। लेकिन यशपाल चाहता था कि किसी तरह दोनों एक ही जगह सैटल हो जाएं और वो प्रयास भी कर रहा था।

आशिक से कैसे हुई पूजा की दोस्ती?

रहस्यमयी कहानी: पूजा फेसबुक चलाती थी, फेसबुक के जरिए पूजा का परिचय करण उर्फ सिद्धू नाम के युवक से हुआ। थोड़े दिन की चेटिंग के बाद ही दोनों एक-दूसरे का नजदीक बन गए जबकि करण भी शादीशुदा था और उसने फेसबुक पर खुद को एटीएस का सिपाही बता रखा था और पोस्टिंग कोयंबटूर बताई थी।

लेकिन सच्चाई ये थी कि करण राजस्थान के कोटा में फर्नीचर का काम करता था, उसकी पत्नी और बच्चे देहरादून में रहते थे इसीलिए उसका देहरादून आना-जाना था। इसी दौरान करण और अंजली (पूजा) दोनों में प्रेम हुआ और नजदीकियां बढ़ीं, चालाक पूजा ने पति यशपाल की दोस्ती भी करण से करा दी, ताकि यशपाल को कोई शक न हो।

यशपाल का खुशखबरी देना क्यों बना मौत की वजह?

यशपाल 6 साल से पत्नी से दूर इंदौर में था, वह पत्नी के पास जाना चाहता था, आखिर उसके प्रयास रंग लाए और उसने सबसे पहले यह खुशखबरी अपनी पत्नी पूजा को दी, जिससे 2016 में लव मैरिज हुई थी। यशपाल ने बताया कि उसे देहरादून की  एक कंपनी में नौकरी मिल गई है। पूजा ने ऊपरी खुशी का इजहार किया, लेकिन असलियत में उसे बुरा लगा, उसने तुरंत प्रेमी करण को फोन करके कहा कि अगर पति आ गया तो दोनों का मिलना बंद हो जाएगा।

इसी बीच इंदौर में किराए के घर में यशपाल की हत्या हो गई, गला दबाकर हत्या की गई थी और मुंह में ठूंसा हुआ रूमाल साजिश की गवाही दे रहा था। पुलिस ने मकान मालिक से पूछा तो उसने बताया कि यशपाल ने कहा था कि उसका भाई आने वाला है, इसके बाद उससे मुलाकात नहीं हुई।

करण की लोकेशन से पुलिस ने किया यशपाल की मौत का खुलासा

पुलिस ने यशपाल के फोन की कॉल डिटेल निकाली तो पता चला कि राजस्‍थान में फर्नीचर का काम करने वाला करण सिद्धू नाम के किसी व्यक्ति की लोकेशन घटनास्थल पर थी और यशपाल और करण की मोबाइल पर बातचीत भी हुई। पुलिस ने करण सिद्धू के फोन की डिटेल निकाली तो उससे कई बार देहरादून की किसी लड़की से बात की थी। जब उसकी पुलिस ने गहनता से जांच की तो वह नंबर पूजा उर्फ अंजली का निकला, पुलिस का शक पूजा पर गहरा गया और पूजा परिजन के साथ पति का शव लेने जब इंदौर आई, तभी पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने डर से पूरी सच्चाई पुलिस के सामने सच्चाई उगल दी। उसके बयान के आधार पर पुलिस ने प्रेमी करण को भी गिरफ्तार कर लिया।

यशपाल की मौत का सीएसपी सुनील पाटीदार ने कैसे किया खुलासा?

तत्कालीन सीएसपी सुनील पाटीदार के मुताबिक गिरफ्तारी के बाद पूजा ने बताया कि यशपाल का फोन आने के बाद उसको लगा कि अब उसके प्रेम का भंडाफोड़ हो जाएगा। इसलिए उसने तुरंत करण को फोन करके कहा कि जो भी हो करो, बस यशपाल को रास्ते से हटा दो। पूजा ने प्लान भी बताया कि इसी महीने यशपाल का जन्मदिन भी है, तुम बर्थ-डे के बहाने इंदौर ही चले जाओ और किसी को शक नहीं होगा, प्रेमिका के कहने पर करण ने दो प्रोफेशनल किलर को सुपारी दी और साथ लेकर इंदौर पहुंच गया।

उसने पुलिस को बताया कि यशपाल से उनका परिचय अपने दोस्त के रूप में कराया, चारों ने रात में बर्थ-डे पार्टी मनाई। जब यशपाल की गहरी नींद लगी तो तीनों लड़कों ने उसका गला घोंट दिया। रूम का सामान बिखेर दिया, ताकि लूट का मामला लगे और बाहर से ताला लगा गए। उसका मोबाइल भी साथ ले गए, जाते-जाते नीचे के रहने वाले किराएदार विवेक के कमरे का दरवाजा भी बाहर से लगा गए। हत्या के बाद करण राजस्थान पहुंचा और उसने पूजा को बताया कि वह यशपाल को मौत का तोहफा दे आया है।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।