Afghanistan News: पढ़ाई पर प्रतिबंध के बाद अफगानी महिलाओं ने कहा हम इतने बदकिस्मत हैं, काश हम पैदा ही नहीं होते

afghani college women

Afghanistan News: अफगानिस्तान में पिछले वर्ष अगस्त में कट्टरपंथी इस्लामवादी सरकार यानि तालिबानियों ने सत्ता काबिज कर ली थी। अब इसी कट्टरपंथी इस्लामवादी सरकार ने यूनिवर्सिटी में महिलाओं की पढ़ाई पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस प्रतिबंध ने न सिर्फ अफगान में बल्कि सभी मुस्लिम राष्ट्रों में वैश्विक आक्रोश को जन्म दे दिया है। अब अफगानी महिलाओं की भी प्रतिक्रियाऐं आनी शुरू हो गई हैं।

मारवा नामक अफगानी महिला ने काबुल में अपने घर पर एएफपी को बताया, कि अगर उन्होंने महिलाओं का सिर कलम करने का आदेश दिया होता, तो वह भी इस प्रतिबंध से बेहतर होता। 19 वर्षीय अफगानी महिला मारवा ने हाल ही में मार्च से अफगानिस्तान की राजधानी में एक मेडिकल विश्वविद्यालय में नर्सिंग की डिग्री शुरू करने के लिए प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की थी।

Afghanistan News: वह अपने भाई हामिद के साथ हर दिन कैंपस में शामिल होने को लेकर आनंदित थी, लेकिन अब उनका भविष्य अधर में लटक गया है। काबुल में एक उच्च शिक्षा संस्थान में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के छात्र 20 वर्षीय हामिद ने कहा, मैं चाहता था कि सफल होने और आगे बढ़ने के लिए मेरी बहन मेरे साथ-साथ अपने सपने पूरे करे। कई दिक्कतों के बावजूद वह 12वीं तक पढ़ी थी, लेकिन अब हम क्या कहें?

तालिबान के शिक्षा मंत्री ने क्या बोला?

तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्री नेदा मोहम्मद नदीम ने दावा किया, कि महिला छात्रों ने एक सख्त ड्रेस कोड की अनदेखी की थी और परिसर में एक पुरुष रिश्तेदार के साथ जाने की जरूरत थी। लेकिन तालिबान के कुछ अधिकारियों के अनुसार, वास्तविकता यह है कि आंदोलन के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदज़ादा को सलाह देने वाले कट्टर मौलवी महिलाओं के लिए आधुनिक शिक्षा को लेकर गंभीर रूप से संशय में रहते हैं.

मंत्री नदीम ने जोर देकर कहा कि छात्राओं ने इस तरह से व्यवहार किया, जिससे इस्लामी सिद्धांतों और अफगान संस्कृति का अपमान हुआ। उन्होंने टीवी पर एक इंटरव्यू में कहा, वे ऐसे कपड़े पहन रही थीं जैसे वे किसी शादी में जा रही हों। जो लड़कियां घर से विश्वविद्यालयों में आ रही थीं, वे भी हिजाब के निर्देशों का पालन नहीं कर रही थीं।

Afghanistan News: आपको बता दें, कि लड़कियों को देश के अधिकांश हिस्सों में माध्यमिक विद्यालयों में जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। हाल के महीनों में महिलाओं को धीरे-धीरे सार्वजनिक जीवन से बाहर कर दिया गया है, सरकारी नौकरियों से निकाल दिया गया है या घर पर रहने के लिए अपने पूर्व वेतन के एक अंश का भुगतान किया गया है। उन्हें पुरुष रिश्तेदार के बिना यात्रा करने से भी रोक दिया गया है। साथ ही उन्हें सार्वजनिक जगह पर खुद को पूरी तरह से ढकना होगा। महिलाओं को पार्कों, मेलों, जिम और सार्वजनिक स्नानागार में जाने की मनाही है।

ये भी पढ़ें..

Kisan Divas: बिना हल चलाए चौधरी चरण सिंह बन गये थे किसानों के सबसे बड़े मसीहा, पढ़िए रोचक किस्से

World Saree Day: मेट्रो सिटी में परिधान के नाम पर फूहड़ता के बीच वृंदावन से ‘साड़ी में नारी’ की आई तस्वीरों ने मचाई धूम

By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।