Delhi Riots: दिल्ली में 15 फरवरी 2020 को दंगे में हेड कांस्टेबल की गई हत्या की आरोपी महिला को नोएडा से पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के बाद से ही महिला फरार चल रही थी, कड़कड़डूमा कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया हुआ था। जिसके बाद से दिल्ली पुलिस ने उसके ऊपर पचास हजार का ईनाम रखा था। बताते हैं, कि रतनलाल की हत्या के लिए इसी महिला ने भीड़ जुटाई थी, जो कि अब ढ़ाई साल बाद इस महिला को पकड़ने में पुलिस कामयाब हो पाई है।
प्रशासन के मुताबिक पढ़िए पूरी वारदात
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया, कि दंगे के दौरान रतन लाल के अलावा, शाहदरा के तत्कालीन डीसीपी अमित शर्मा और तत्कालीन एसीपी गोकलपुरी अनुज कुमार को भी गंभीर चोटें आई थीं और घायलों में पचास अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
आगे कहा कि तकनीकी निगरानी के दौरान यह सामने आया, कि आरोपी का मोबाइल नंबर उपयोग में नहीं था, लेकिन कॉल डिटेल रिकॉर्ड का गहन विश्लेषण करने पर पता चला कि उसके एक करीबी रिश्तेदार के मोबाइल नंबर से नोएडा में स्थित एक कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर बार-बार कॉल की जा रही थी, जिसने संदेह पैदा किया। उसके बाद गुरुवार को नोएडा के सेक्टर-63 में कोजेंट बिल्डिंग के पास जाल बिछाया गया।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर-पूर्वी) संजय कुमार सेन ने बताया, कि शाम करीब साढ़े पांच बजे भजनपुरा के सुभाष मोहल्ला निवासी महिला को गिरफ्तार कर करने बाद उसने अपराध कबूल कर लिया। डीसीपी ने कहा कि दंगों के बाद वह अपने घर से भाग गई थी और इस दौरान वह अलग-अलग जगहों पर किराये के मकान में रह रही थी। उसने एक ऐसे व्यक्ति से शादी कर ली थी, जिसने उसके लिए नोएडा स्थित एक कंपनी में कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव की नौकरी की व्यवस्था की।
सीएए, एनआरसी के विरोध में रही थी सक्रीय
खुलासे में पता लगा, कि फरवरी 2020 में दंगों के दौरान, वह सीएए और एनआरसी के विरोध में सक्रिय रूप से शामिल थी। वह सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के लिए भीड़ एकत्रित करती थी। आगे पुलिस ने बताया, कि महिला ने कभी भी अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया और एप्लिकेशन के माध्यम से केवल इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल करती थी।
Delhi Riots: पुलिस ने कहा कि वह अपने रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों से संपर्क करने के लिए कस्टमर केयर नंबर का इस्तेमाल कर रही थी। इस महीने की शुरुआत में, पुलिस ने कहा था कि घटना के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक 33 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। चांद बाग निवासी आरोपी मोहम्मद वसीम उर्फ बबलू उर्फ सलमान को दिल्ली हाई कोर्ट ने ‘घोषित अपराधी’ घोषित किया था।