Masoom Sawal: सैनेटरी पैड पर भगवान श्रीकृष्ण को दिखाने की हिमाकत के बाद भी डायरेक्टर को नहीं है पछतावा, ”फाँसी चढ़ा दो, माँफी नहीं माँगूँगा”

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Masoom Sawal:  कुछ दिन पहले ‘काली’ नामक फिल्म पर खूब बवाल पर मचा था और अब एक और फिल्म ‘मासूम सवाल’ पर विवाद गहरा गया है। ‘मासूम सवाल’ के निर्देशक ने फिल्म में सैनेटरी पैड पर श्रीकृष्ण को दिखाया हैं। और ऐसी शर्मनाक हिमाकत करने के बाद भी फिल्म के निर्देशक संतोष उपाध्याय को कोई मलाल नहीं है। उनके इस ढीटपने कोे देख कर सोशल मीडीया पर लोग काफी नाराज नजर आ रहे है।

Masoom Sawal: अब हिंदू राष्ट्रीय नव निर्माण सेना के कुछ लोगों ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए मासूम सवाल नामक फिल्म के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और साहिबाबाद के सर्किल ऑफिसर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि फिल्म निर्देशक के खिलाफ साहिबाबाद थाने में मामला में दर्ज किया गया है,आगे की कार्रवाई जारी है।

Masoom Sawal: उन्होंने आगे ये भी कहा कि IPC भारतीय दंड संहिता की धारा-295 किसी वर्ग की धार्मिक मान्यताओं या विश्वास का अपमान करना के तहत ये केस दर्ज किया गया है।

Masoom Sawal: हिंदू राष्ट्रीय नव निर्माण सेना के संस्थापक एवं शिकायतक अमित राठौड़ ने कहा कि आमिर खान जैसों की फिल्मों का आजकल बहिष्कार इसीलिए हो रहा है, क्योंकि उन्होंने बार-बार हिन्दुओं की भावनाओं को आहत किया है। 

Masoom Sawal: वहीं दूसरी तरफ निर्देशक संतोष उपाध्याय का कहना है- ‘वो किसी भी कीमत पर माफ़ी नहीं माँगेंगे, भले ही उन्हें फाँसी पर क्यों न लटका दिया जाए।’ उन्होंने आगे कहा कि  ‘पोस्टर को लेकर हंगामे की उन्हें उम्मीद नहीं थी, क्योंकि उनका ऐसा कुछ उद्देश्य ही नहीं था।

उन्होंने इसे एक कमर्शियल फिल्म न बताते हुए मैसेज देने के लिए बनी फिल्म बताया और कहा कि फिल्म में मासिक धर्म के दौरान प्रतिमा के स्पर्श करते हुए दिखाया गया है।’

इसके अलावा उन्होंने फिल्म का विरोध करने वालों को ‘धर्म का ठेकेदार’ बताते हुए कहा कि, ‘भगवान श्रीकृष्ण की तस्वीर अभिनेत्री के हाथों में है, ये ज़ूम करने पर पोस्टर में दिख सकता है। किसी भी उम्र के लोग इस फिल्म को देख सकते हैं, सेंसर बोर्ड से इसे सर्टिफिकेट मिला है। फिल्म में मासिक धर्म अशुभ नहीं होता – यही दिखाया गया है।’ 

इसके अलावा यह भी दावा किया जा रहा है कि इस फिल्म को महिलाओं को आने वाले पीरियड्स और इसकी समस्याओं पर बनाया गया है। पीरियड्स पर बनी इस फिल्म में सैनिटरी पैड पर भगवान श्रीकृष्ण को दिखाए जाने का विरोध हो रहा है।

इस मामले में अभिनेत्री एकावली खन्ना ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार के विरोध के अभियान की जानकारी नहीं है, लेकिन अगर ऐसा हुआ है तो निर्माताओं का किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कोई आशय नहीं था।
 

आप को बता इससे पहले विवादित काली फिल्म की निर्माता लीना मणिमेकलई की डाॅक्यूमेंट्री पोस्टर को रिलीज करते ही सोशल मीडिया पर विवाद हो गया।सोशल मीडिया पर लोग काली फिल्म की निर्माता लीना पर हिंदू धर्म की भावनाओं का आहत करने का आरोप लगाया था।

सोशल माडिया पर लोग पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह को टैग करते हुए काली फिल्म की निर्माता लीना मणिमेकलई को गिरफ्तार करने की माँग कर रहे थे। फिल्म के पोस्टर में काली माता को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था और वहीं एक हाथ में वो LGBTQ का झंडा ली हुई थी।

इससे पहले भी हिंदुओं की आस्था को आहत करने की भरपूर कोशिश बॉलीवुड ने की है और समय-समय पर करता भी रहता है। सोशल मीडिया पर आलोचना झेलने के बाद लीना ने अपने इंस्टाग्राम पर लीना मणिमेकलई ने कमेंट सेक्शन को ब्लॉक कर दिया है।

तमिल में उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, “फिल्म उन घटनाओं के इर्दगिर्द घूमती हैजब एक शाम काली प्रक्रट होती है और टोरंटो की सड़कों पर टहलती हैं।” उन्होंने कहा है कि फिल्म को नफरत के लिए नहीं बल्कि प्यार के लिए देखें।

अभी हाल ही में रणवीर कपूर और आलिया भट्ट की फिल्म ब्रह्मास्त्र का ट्रेलर रिलीज हुआ थाजिसे देखकर भी सोशल मीडिया पर जमकर विवाद हुआ था।सोशल मीडिया पर भड़कते हुए लोगों ने ब्रह्मास्त्र की स्टारकास्ट और निर्माता को जमकर कोसते हुए कहा था कि ये तो सब्र की इंतेहा हो गयी है।बॅालिवुड में जानबूभकर ऐसी फिल्में बनाई जाती है जिससे हमारी हिंदुओं की आस्था को ठेस पहँचाई जा सके।

ब्रह्मास्त्र में अभिनेता को मंदिर के अंदर जूते पहनकर जाते हुए दिखाया गया है। वहीं 2021 में आई सैफ अली खानस्टारर वेब सीरिज ‘तांडव‘ ने कथित तौर पर हिंदू देवताओं के बारे में आपत्तिजनक चीजें दिखाई थीं।

आमिर खान की पीके में भी हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ किया गया था। इस फिल्म मे भगवान शंकर बने हुए पात्र का मजाक उड़ाया गया था। सनी देओल अभनीत ‘अस्सी घाट’ में भी हिंदुओं की आस्था से खिलवाड़ किया गया था। हिंदू देवी– देवताओं का उपहास  उड़ाया गया था।

सोचने वाली बात ये है कि केवल बॅालिवुड में हिदुओं की आस्था को ठेस पहँचाने के लिए ही क्यों फिल्में बनाई जाती हैं और किसी भी धर्म खासकर इस्लाम को लेकर मजाक उड़ाने की हिम्मत क्यों नही होती क्योंकि हिंदू अपनी भावनाओं को ठेस पहँचाने पर केवल आलोचना करके ही रह जाता है। 

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।