Morbi bridge: गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना एक सस्पेंशन ब्रिज के गिरने से करीब 141 लोगों की मौत हो गई। हादसे में कई मासूम बच्चों की भी जान चली गई। तो वहीं युवा व बुजुर्गों को भी इस हत्यारे ब्रिज ने अपना निवाला बना लिया। नदी में तैरती लाशों का वो खौफनाक मंजर देख चश्मदीदों की रूह कांप गई। अपनों की तलाश में लोगों की आंखें फटी हुई हैं। प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटा हुआ है।
नदी में तैरती लाशों को निकाला जा रहा है, तो वहीं घायल लोगों को अस्पताल तक पहुंचाया जा रहा है। सरकार द्वारा पीड़ित परिवारों को 6-6 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान हुआ है। चारों तरफ मौत का ऐसा मंजर साहब कि कोई अपनी बेटी की तलाश कर रहा है, तो कोई अपने भाई-बहन की। तो कोई महिला अपने पति के खो देने का मातम मना रही है। गुजरात से उठी ये चीत्कार विदेशों तक जा पहुंची है। रूस के राष्ट्रपति ने भी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
पढ़िए मौत के पुल की कहानी..
गुजरात का ये करीब 150 साल पुराना केबल ब्रिज पर्यटन के लिहाज से लोकप्रिय था। यही कारण है, कि यहां इतनी संख्या में लोग मौजूद थे। यहां लोग छठ पूजा से जुड़ी रस्में निभा रहे थे। हादसे के वक्त इस पुल पर करीब 500 लोग मौजूद थे। मच्छु नदी में अभी भी सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। चारों तरफ चीख-पुकार का मंजर है। भारतीय नौसेना के 50 जवानों के साथ NDRF के 3 दस्ते, भारतीय वायुसेना के 30 जवान, फायर ब्रिगेड की 7 टीमें और अन्य रेस्क्यू मोर्चा संभाले हुए हैं।
Morbi bridge: अस्पतालों में एक के बाद एक घायल व्यक्ति को लाया जा रहा है। अचानक हुए इस हादसे के बाद अस्पतालों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। त्योहारी सीजन के चलते छुट्टी के कारण डॉक्टरों की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। अब प्रशासन कितनी भी तैयारी में जुटा हो, दुखों का पहाड़ तो टूटा ही है। दुखों के इन घावों ढ़क पाना बेहद मुश्किल है। बस अब सभी के दिमाग में एक ही खयाल इन मौतों का जिम्मेदार,गुनाहगार कौन?