PFI Exposed: बिहार के पटना में गत बुधवार 13 जून को पीएफआई संगठन समर्थित दो आतंकियों को बिहार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। 15 जुलाई को भी PFI के और एक आतंकी को गिरफ्तार कर लिया हैं।
वहीं जे.एस गंगवार एडीजी पुलिस मुख्यालय पटना ने बताया कि “पटना के शहरी इलाके में एक मुकदमा दर्ज कर दो व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया है, उनसे पूछताछ की जा रही है। उनके पास से पोस्टर, बैनर,दस्तावेज, PFI के डॉक्यूमेंट,मोबाइल इत्यादि सामान बरामद किया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।”
पटना के शहरी इलाके में एक मुकदमा दर्ज कर दो व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया है, उनसे पूछताछ की जा रही है। उनके पास से पोस्टर, बैनर,दस्तावेज, PFI के डॉक्यूमेंट,मोबाइल इत्यादि सामान बरामद किया गया है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगीः जे.एस. गंगवार, एडीजी पुलिस मुख्यालय, पटना pic.twitter.com/GidewhspoJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 14, 2022
बिहार पुलिस ने PFI के तीनों आतंकियों से राष्ट्रविरोधी दस्तावेज बरामद किए है, जिसमें PFI की देश विरोधी साजिश का खुलासा हुआ है। उसमे लिखा है ईंशाल्लाह साल 2047 तक भारत में इस्लामिक होगा। बरामद दस्तावेज सात पेजों का हैं उसमें शीर्षक है…India 2047, Towards Rule of Islam in India…
दस्तावेज मिलने से भारत की खुफिया ऐजेसिंया के कान खड़े हो गए हैं। वो इन दस्तावोजों को खंगालने में लगी हुई है। PFI के दस्तावेजों से ये पता चलता है कि PFI भारत में 1947 के बंटवारे के भयानक मंजर को फिर से जीना चाहता है।जब इस्लामिक कट्टरपंथ सोच रखने वालों ने भारत को दो भागों में बांट दिया था। भारत को तोड़कर पाकिस्तान बनाने में मोहम्मद अली जिन्ना का अहम रोल रहा था।
PFI के दस्तावेजों से उसकी शैतानी चालों का भी खुलासा होता है कि कैसे 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाना चाहती है। जिसमें केवल शरियत का ही कानून चलेगा।
जाँच अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ के दौरान पता चला है कि ये 12 जुलाई को पटना में हुए प्रधानमंत्री मोदी के एक कार्यक्रम में कुछ गड़बड़ी करना के फिराक में थे, जिसके लिए 6 और 7 जुलाई को फुलवारी शरीफ में एक बैठक भी हुई थी। इसमें तमिल नाडु, पश्चिम बंगाल और दूसरे राज्यों से कुछ संदिग्धों के शामिल होने का भी दावा भी बिहार पुलिस कर रही हैं।
पुलिस ने FIR में कहा कि इन लोगों ने फुलवारी शरीफ में एक जगह किराए पर ली हुई थी, जहां Martial Arts सिखाने के नाम पर मुस्लिम युवाओं का Brainwash करने का काम किया जाता था।
ये SDPI और PFI की आड़ में लोगों को कट्टरपंथी बना रहे थे, मार्शल आर्ट सिखाने के बहाने हथियारों का प्रशिक्षण दे रहे थे: मनीष कुमार SSP फुलवारीशरीफ, बिहार
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 14, 2022
साजिश के तहत उन्हें एक संप्रदाय विशेष के खिलाफ हिंसा फैलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी। इन्हें सिखाया जाता था कि वो अपने समाज में जाएं और एक खास संप्रदाय के असामाजिक तत्व और उन्मादी सोच रखने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करें उन्हें इस मिशन में जोड़ेंने का काम को बखूबी अंजाम दें।
आप को बता दें कि PFI वही संगठन है, जिसका नाम दिल्ली में दंगे भड़काने, शाहीन बाग के आन्दोलन को फंडिंग करने, केरल में राजनीतिक हत्याओं की योजना बनाने और जबरन धर्म परिवर्तन के भी कई मामलों में सामने आ चुका है।
गोरतलब है कि 1 जून को ED (प्रवर्तन निदेशालय ) ने मनी लाॅडरिंग केस के तहत जांच के सिलसिले में इस्लामी संगठन पीएफआई और उससे संबद्धित संगठन ‘रिहैब इंडिया फाउंडेसन’ (RIF) की 68.82 लाख रूपये से अधिक की बैंक जमा राशि को जब्त किया था।
PFI Exposed: इस्लामिक संगठन पीएमआई का गठन साल 2006 में हुआ
इस्लामिक संगठन का गठन वर्ष 2006 में केरल में हुआ था।इसका मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में है।एजेंसी ने पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ लखनऊ में एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष दो आरोप पत्र दायर किये हैं।
PFI हमेशा से कहता आया कि वो किसी भी देश विरोधी कार्य में शामिल नहीं रहा है। लेकिन, ED और CBI के आलावा भी कई केंद्रीय एजेंसिया उनको परेशान करती रही है। जब चाहे ED और कई खुफिया एजेंसी उनके ऑफिस पर आ धमकते है। और कई ऊल–जलूल आरोप लगाती रहती है। हम इन सब आरोंपो का लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देंगे।
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