Triple Talaq: केंद्र सरकार द्वारा तीन तलाक पर कानून लाए 3 वर्ष हो गये, लेकिन तीन तलाक का दंस मुस्लिम महिलाऐं आज भी झेल रही हैं। मुस्लिम महिलाओं को भी कभी देवर से हलाला (किसी गैर पुरूष से शारीरिक संबंध बनाना) करना पड़ रहा है, तो कभी महिला पर बहनोई से हलाला कराने के लिए दवाब बनाया जा रहा है।
सख्त कानून के बाद भी ऐसी 1,2 मुस्लिम महिलायें नहीं साहब हजारों की संख्या में महिलायें तीन तलाक और फिर हलाला जैसी घिनौनी प्रैक्टिस से जूझ रही हैं। देश की सरकार ने कानून तो बना दिया, लेकिन तीन तलाक देने वालों में खौफ नहीं बना सकी। यही कारण रहा, कि कानून बनने के तीन वर्ष बाद भी कभी फोन पर तो कभी व्हाट्सएप पर पलक झपकते ही तलाक-तलाक-तलाक और रिश्ते चकनाचूर।
अगर महिलायें दोबारा अपने पति से निकाह करेगी तो उसे पहले गैर पुरूष के साथ शारीरिक संबंध बनाने पड़ेंगे यानी हलाला करना पड़ेगा तब निकाह होगा। बहुत से मुस्लिम महिलायें अपने इस दर्द को बयां नहीं कर पाती हैं और अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं। ये कहानी है उत्तर प्रदेश के जिला रायबरेली की रहने वाली रजिया बानो की।
देवर ने मुझसे संबंध बनाए, बहुत रोई, खुद से घिन आने लगी
रजिया बानो बताता है, कि जब मेरा निकाह हुआ 18 साल की थी। दो-तीन महीने बाद ही शौहर गाली-गलौज और मारपीट करने लगा। सब्जी में नमक कम हुआ तो पिटाई, मिर्च ज्यादा हो गया तो पिटाई। ना मुझे मायके जाने दिया जाता, ना मेरे घर वालों को यहां आने देते। ऐसा लग रहा था जैसे मारपीट ही नाश्ता हो, मारपीट ही खाना हो। फिर भी मैं सहती रही।
Triple Talaq: इस तरह अठारह महीने गुजर गए। एक दिन शौहर ने तलाक, तलाक, तलाक बोलकर घर से निकाल दिया। तब बेटी सिर्फ 7 महीने की थी। मैं रोई-गिड़गिड़ाई तो कहा कि अब तुम्हारा हलाला होगा, तभी मेरे साथ रह सकती हो। रिश्ता बचाने के लिए मैं हलाला के लिए राजी हो गई। शौहर ने देवर को बुलाया और कहा कि इससे तुम हलाला करो।
जिस रात देवर ने “मुझसे संबंध बनाए, मैं बहुत रोई। बहुत गंदा महसूस हुआ। खुद से घिन आने लगी। ना किसी से बात करती, ना खाना खा पाती” लेकिन क्या करती। रिश्ता बचाने का यही एक रास्ता था। तीन महीने तक देवर का जुल्म सहती रही।
मार्च, 2017 में शौहर से दोबारा निकाह हुआ। मैं खुश थी, कि अब सब ठीक हो जाएगा, लेकिन वे और ज्यादा मारपीट करने लगे। सास से शिकायत करती तो वे कहतीं कि कोई बात नहीं, मर्द तो पीटते ही हैं। इधर, बेटी भी बड़ी हो रही थी। उसके लिए मैं हर दिन मार-पीट झेलती रही।
दो साल बाद वे मुझ पर दहेज के लिए दबाव बनाने लगे। उन्होंने कहा कि अपने अब्बू से पैसे मांगो। मैंने पहले समझाया कि वे पहले से कर्ज में दबे हैं। पैसे नहीं दे पाएंगे। इस पर एक दिन शौहर ने फिर से तलाक दे दिया।
Triple Talaq: मैंने मायके जाने की कोशिश की तो जाने नहीं दिया। उन्हें लगा कहीं वहां जाकर पुलिस से शिकायत ना कर दे। शौहर ने कहा, कि फिर से छोटे भाई के साथ हलाला करो। तब मैं तुम्हें रखूंगा। मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था। देवर तीन महीने तक मेरे साथ संबंध बनाता रहा। इसके बाद शौहर से निकाह तो हुआ, लेकिन मुझे तत्काल मायके भेज दिया गया।
कुछ दिन मायके में रहने के बाद पति के पास जाना चाही तो मना कर दिया। मैं रोज-रोज आने की बात कहने लगी तो एक दिन फोन पर तलाक, तलाक, तलाक बोल दिया। रोते हुए दोबारा फोन किया तो अपने बहनोई के साथ हलाला करने को बोलने लगे।
मैं चिढ़ गई, मैंने झल्लाते हुए कहा कि बार-बार मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो। इस पर उन्होंने कहा तुम हो ही इस लायक, तुम्हें रहना है तो ऐसे ही रहना होगा मेरे साथ। मैं तुम्हें बीवी नहीं मानता।’’
बार-बार पति के तलाक से परेशान होकर 26 साल की रजिया ने पति के खिलाफ केस किया। आठ दिन तक लगातार थाने जाती रही। तब जाकर पुलिस ने उनके पति को गिरफ्तार किया। पिछले 8 महीने से पति जेल में है। रजिया के पास कोई सोर्स ऑफ इनकम नहीं है। अपने पिता के साथ जैसे-तैसे गुजारा कर रही हैं।
कानून बने बीत गये 3 वर्ष, नहीं रुका तीन तलाक का सिलसिला
आपको बता दें, कि तीन तलाक की आग में झुलस रही एक मात्र रजिया बानो नहीं है। इससे अलग भी हजारों महिलायें हैं, जो तीन तलाक से जिंदगी नर्क बन गई है। मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली डॉ. समीना बेगम भी तीन तलाक पीड़िता हैं। वह बताती हैं, कि ट्रिपल तलाक के केस लगातार आ रहे हैं।
Triple Talaq: पहले पुरुष तलाक देते हैं और फिर जेल नहीं जाना पड़े इसलिए जबरन हलाला कराते हैं। अपनी इज्जत और बच्चों के लिए महिलाएं चुप रह जाती हैं। सौ में से एक महिला ही हलाला के खिलाफ बोल पाती है। महिलाओं का हाल आधी विधवा की तरह हो गया है। ना तो उनका कानूनन तलाक हो रहा ना ही उन्हें पति से कोई मेंटेनेंस मिल रहा।