Karwa Chauth: व्रत को लेकर कंफ्यूजन में महिलाएं, 13 या 14 अक्टूबर को मनायें करवा चौथ?

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Karwa Chauth: करवा चौथ का व्रत उत्तर भारत में काफी प्रचलित है, यहां सबसे ज्यादा मनाया जाता है। महिलाएं अपने दांपत्य जीवन को सुखमय रखने के लिए इस व्रत को रखती हैं। सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए ये व्रत रखती हैं, तो वहीं कन्याऐं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए ये व्रत रखती हैं। करवा चौथ के व्रत में महिलाएं दिन-भर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चंद्रोदय के बाद पूजा कर अपना व्रत पूरा करती हैं। इस बार व्रत को लेकर महिलाएं काफी दुविधा में हैं, कि व्रत को 13 को मनायें या 14 अक्टूबर को मनायें।

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करवा चौथ का व्रत हिंदू पंचांग के अनुसार, ये व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। करवा चौथ में सरगी का विशेष महत्व माना जाता है। दरअसल, सरगी का प्रचलन सबसे ज्यादा पंजाब में है। सरगी खाने की वो जरूरी वस्तुएं हैं, जो करवा चौथ पर सूर्योदय से पहले सास अपनी बहूओं को भोजन के रूप में खाने के लिए देती हैं। सुहागिनें सरगी को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर करवा चौथ का व्रत शुरू करती हैं।

Karwa Chauth: इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर, गुरुवार को रात 01 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और 14 अक्टूबर को रात 03 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगा। चूंकि उदयातिथि 13 अक्टूबर में ही पड़ रही है, इसलिए करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को ही रखा जाना चाहिए।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त- शाम 06 बजकर 17 मिनट से शाम 07 बजकर 31 मिनट तक

अवधि- 01 घण्टा 13 मिनट

करवा चौथ व्रत समय- सुबह 06 बजकर 32 मिनट से रात 08 बजकर 48 मिनट तक

करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय- 08:48 शाम

चतुर्थी तिथि प्रारम्भ- अक्टूबर 13, 2022 को सुबह 01 बजकर 59 मिनट से शुरू

चतुर्थी तिथि समाप्त- अक्टूबर 14, 2022 को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर खत्म।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।