Mahatma Gandhi: एक “सेवा सर्मपण” नाम की मासिक पत्रिका ने साफ लिखा है, कि मुगल आक्राताओं ने हिंदुओं के प्राचीन मंदिर को तोड़कर मस्जिद में तब्दील किया गया था और लिखा है कि हिंदुओं के मंदिरों को बलात्कारपूर्वक लूटा गया, नष्ट-भ्रष्ट किया गया और फिर उनके ऊपर गुम्बद बनाकर मस्जिद में तब्दील कर दिया गया।
इस पत्रिका के मुताबिक भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भी कहा कि मुगलों द्वारा हिंदुओं के विश्व प्रसिध्द मंदिरों को तोड़कर यहाँ से लूटकर ले जाया गया और फिर वहीं मस्जिदों का निर्माण कराया गया, जो कि भारत की गुलामी के चिन्ह हैं।
आगे ये भी बोला कि एक मुस्लिम जिसमें अपनी आस्था रखता है, बराबर इबादत करता है उसमें कोई कुछ जाकर रखे या उस स्थान को नष्ट करे तो वह ऐसा हरगिज भी बर्दाश्त नहीं करेगा तो वहीं एक हिंदु भी ऐसा कतई भी बर्दाश्त नहीं करेगा जहाँ वह शंकर, कृष्ण, राम आदि की पूजा अर्चना करता हो और उसे कोई जाकर तोड़े, लूटे और मस्जिद बना दे।
Mahatma Gandhi जहाँ- जहाँ ऐसा हुआ है कि मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बना दी हैं तो वास्तव में ये गुलामी के चिन्ह हैं। बिना विवाद करते हुए उदारतापूर्वक हिंदुओं के धर्मस्थलों को खुशी- खुशी वापिस कर दें। जिससे आपस में सौहार्द बना रहेगा, हिंदु- मुसलमानों में एकता की वृध्दि होगी। भारत जैसे धर्म प्रधान देश में यह एक वरदान साबित होगा।
शायद अब महात्मा गाँधी के द्वारा कही गई बातों को भारत के लोगों को मानकर ज्ञानवापी पर विवाद न बनाते हुए उच्च न्यायलय के आदेशों का पालन करना चाहिए, जिससे की आपसी सौहार्द न बिगड़े और राजनैतिक लोगों के बहकावे में आकर लोग कोई गलत कदम भी न उठायें।