Mathura: जिस कुंड में मां देवकी ने कृष्ण के धोये थे पोतरा, मुगलों ने कर दिया था तहस-नहस

श्री कृष्ण जन्मभूमि, मथुरा

Mathura: मथुरा शहर हिंदुओं की आस्था का एक बहुत बड़ा केंद्र है। रोजाना विश्व से लाखों श्रद्धालु मथुरा और ब्रज में दर्शन करने आते हैं। इसमें से कृष्ण जन्मभूमि का एक अलग ही महत्व है, क्योंकि इसी स्थान पर भगवान श्री कृष्ण का जन्म कंस कारागार में हुआ था। जिसके सबूत आज भी मंदिर के अंदर देखने को मिल जाते हैं।

साथ ही इसके आस पास के क्षेत्रों में भी कई ऐसे स्थान है, जिनसे भगवान श्री कृष्ण की कई लीलाओं की कहानियां सुनने को मिलती हैं। ऐसी ही एक जगह श्री कृष्ण जन्मभूमि के पास है। जिसका नाम है पोतरा (पोत्रा) कुंड। मान्यता है कि यह वही कुंड है, जिसमें कृष्ण की मां देवकी ने उनके पोतरा कपड़े यानी वो कपड़े जिनसे नवजात शिशु को साफ किया जाता है, उन कपड़ों को धोया था। जिसके बाद इस कुंड का नाम पोत्रा कुंड पड़ गया।

मुगलों ने कुंड को कर दिया था तहस-नहस

Mathura: कृष्ण की नगरी मथुरा ने मुगलों के तमाम आक्रमणों को सहा है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को मुगल शासकों ने अलग-अलग समय पर चार बार तोड़ा था। साथ ही मुगल अक्रान्ताओं ने पोत्रा कुंड को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। जिसका जीर्णोंधार सन 1772 में मध्य प्रदेश के सिंधिया परिवार से संबंध रखने वाले राजा माधव सिंधिया ने करवाया था। माधव सिंधिया का संबंध केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के परिवार से ही है।

हर शाम लाइट व वाटर शो से जगमगाता है कुंड

उत्तर प्रदेश सरकार और ब्रज तीर्थ विकास परिषद के द्वारा इस कुंड का विकास कार्य कराया गया है. जिसमें आधुनिक लाइट, साउंड सिस्टम और फ़व्वारे लगाए गये है। शाम को मंदिर खुलते हैं। इस कुंड पर भगवान के भजनों के साथ लाइट और वाटर शो का आयोजन शुरू हो जाता है।

Mathura: जो बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पोत्रा कुंड श्री कृष्ण जन्मभूमि मुख्य द्वारा के बेहद समीप है। इसका दूसरा रास्ता श्री कृष्ण जन्मस्थान के गेट नंबर 2 के ठीक सामने हैं, तो आप जब भी मथुरा आए इस स्थान के दर्शन जरूर करें।

मथुरा में है सिंधिया परिवार की कुलदेवी का मंदिर

Mathura: इसी कुंड में नीचे की तरफ सिंधिया परिवार की कुलदेवी का मंदिर भी है। साथ ही स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि आज भी जब सिंधिया परिवार में किसी बच्चे का मुंडन होता है तो वह इसी पोत्रा कुंड पर होता है। फिलहाल इस स्थान की पौराणिकता और स्वक्षता को बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने कुंड के अंदर आम जनता का प्रवेश निषेध कर दिया है।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।