National Youth Day: स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था। स्वामी के जन्मदिवस को ही राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाते हैं। आमतौर पर लोगों की ऐसा अवधारणा है, कि विवेकानंद इस्लाम विरोधी थे। लेकिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने लिखी किताब ‘भारत की खोज’ में इस धारणा को खारिज किया है।
नेहरू की किताब ‘भारत की खोज’
पं. जवाहर लाल नेहरू ने अपनी किताब ‘भारत की खोज’ में स्वामी विवेकानंद की प्रशंसा की है।स्वामी जी ने अपने मुस्लिम मित्र के लिए लिखे पत्र का भी नेहरू ने जिक्र किया है। नेहरू की किताब के अनुसार स्वामी विवेकानंद ने पत्र में लिखा था, कि सच्चाई यह है कि अद्वैतवाद धर्म और विचार का अंतिम शब्द है। यह एकमात्र ऐसी स्थिति है, जहां कोई भी सभी धर्मों और संप्रदायों को प्यार से देख सकता है। हम मानते हैं कि यह भविष्य की प्रबुद्ध मानवता का धर्म है..
National Youth Day: दूसरी ओर हमारा अनुभव है, कि यदि कभी किसी अन्य धर्म के अनुयायी अपने व्यावहारिक जीवन में बराबरी के नजरिए के इस स्तर पर आते हैं तो वो इस्लाम के हो सकते हैं। हमारी मातृभूमि में दो महान व्यवस्थाओं, हिंदुत्व और इस्लाम का मिलन है जहां दिमाग वेदांती और शरीर इस्लाम का है, यही एकमात्र उम्मीद की किरण है।
National Youth Day: स्वामी विवेकानंद ने ये भी लिखा था, कि मैं अपने मन की आंखों से संपूर्ण भारत का भविष्य देख सकता हूं, जो इस अराजकता और संघर्ष से गौरवशाली और अजेय बनकर बाहर निकल है। जिसका मस्तिष्क वेदांत और इस्लाम शरीर है। यह पत्र 10 जून 1898 का है जिसे अल्मोड़ा में लिखा गया था। यह सारी बातें नेहरू की किताब ‘भारत की खोज’ की पृष्ठ संख्या 336-39 की कुछ अंश हैं। स्वामी विवेकानंद ने यह पत्र 10 जून 1898 में अल्मोड़ा में लिखा था।