Rishabh Pant: दुर्घटना से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य जिनसे आप भी अनजान होंगे

Risabh Pant Accident

Rishabh Pant: ऋषभ पंत की जिंदगी कुछ अच्छी नहीं चल रही था। मीटिंग में हुए बवाल के बाद बीसीसीआई ने पंत को उपकप्तानी, टी-20, वनडे और फिर टेस्ट मैच से बाहर कर दिया था। पुख्ता जानकारी के मुताबिक मां से मिलने पंत 30 तारीख की रात को दिल्ली से रूड़की के लिए रवाना होने वाले थे, लेकिन दिमाग में क्या आया, कि 29 की रात को ही निकले पड़े।

गाड़ी की रफ्तार जिसने देखी होगी तो हर कोई चौंक गया होगा। हैरान करने वाली बात ये है, कि एक्सीडेंट के दौरान पंत के शरीर पर न कोई जैकेट थी न शर्ट, उनको एक शॉल जैसे कपड़ा ओढ़े आपने वीडियो में देखा होगा। पंत की जिंदगी में ऐसा तूफान आया जो पंत को 2023 नहीं दिखाना चाहता था।

Rishabh Pant: लेकिन इसे संयोग मानो या ऊपर वाले की कृपा कि इस भयानक एक्सीडेंट के बाद भी वह गंभीर चोटों के बाद सुरक्षित हैं। पंत के शुभचिंतकों के मन में तमाम तरह के खयाल आ रहे हैं। सोच ये भी रहे हैं, कि पंत अकेले क्यों निकले ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी साथ क्यों नहीं थे। पंत की मर्सीटीज की रफ्तार 150 कूद रही थी।

एक्सीडेंट की आवाज सुन लोग पास पहुंचे तो लहू में लतपथ पंत ने बोला मैं ऋषभ पंत हूं। एक्सीडेंट कैसे हुआ ये तो जांच में पता चलेगा लेकिन इसे चमत्कार मानो या ईश्वरी कृपा कि पंत इतने भयानक एक्सीडेंट के बाद भी बच गये। हाल ही में आपने देखा होगा बांग्लादेश और भारत के बीच टेस्ट मैच चल रहा था। बांग्लदेशी बॉलर लगातार विकेटों को चटकाने में लगे थे। भारत के पास कोई विकल्प नहीं बचा था।

Rishabh Pant: ऋषभ पंत को  बल्लेबाजी करने जाना था लेकिन पंत मना कर देते हैं, एक वीडियो में अश्विन ने बताया, कि जब हम अपने प्रदर्शन को लेकर बैचेन थे, तो उस समय पंत ने कोच और कप्तान की बात को नकारते हुए बल्लेबाजी करने के लिए मना कर दिया था। मुंह पर तौलिया डालकर आराम करने लग गये थे।

इसका मतलब क्या समझें, कार चलाते वक्त पंत अपने कैरियर को लेकर मन की उधेड बुन में लगे रहना ही एक्सीडेंट का कारण बन गया। जानकार ऐसा बताते हैं, कि ड्राइव के दौरान आपका ध्यान कहीं अलग है, तो एक्सीडेंट के ज्यादा चांस बन जाते हैं।

Rishabh Pant: ये बात आपको अंचभित कर देगी जब एक्सीडेंट के दौरान पंत सड़क पर पड़े थे, तो एक आदमी उनके बिखरे हुए पैंसों को ले जाने का प्लान कर रहा था। तभी पड़ती भयंकर सर्दी में दो युवक भगवान बनकर पंत के लिए आये और अस्पताल तक पहुंचाया। जिंदगी और मौत के बीच हो रही लड़ाई में जिंदगी ने जीत हासिल कर ली।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।