Boycott Bolywood: बुरी तरह फ्लॉप हुई एक फिल्म की कीमत तुम क्या जानो अनुराग बाबू… एक कहावत है की रस्सी जल गई पर बल नहीं गया, ये कहावत अनुराग कश्यप खुद सिद्ध करते दिख रहे हैं, अनुराग कश्यप की फिल्म ‘दोबारा’ आयी… जिसका लोगो ने ऐसा बहिष्कर किया की फिल्म ने रिलीज के पहले दिन महज 20 से 30 लाख का कारोबार किया।
Boycott Bolywood: जो अनुराग के लिए एक झटके से कम नहीं था, लेकिन इसमें जनता की क्या गलती है? जब वो खुद लोगो के सामने अपनी फिल्म का बायकाॅट करने का राग अलापेंगे तो जनता तो वही करेगी न, लेकिन लगता है इतना होने के बाद भी अनुराग कश्यप की अकड़ नहीं गई है, घमंड तो देखिये इनका साहब की अभी भी बोल रहे है की , ‘किसी के बॉयकॉट करने से मेरी ज़िंदगी खत्म नहीं होगी…
Boycott Bolywood: मुझे इतने काम आते हैं कि मैं कभी ज़िंदगी में बेरोज़गार नहीं रहूंगा… किसी भी देश में जाकर कुछ भी पढ़ा सकता हूं…’ लेकिन जब पैरो तले जमीन खिसक जाए तो इंसान की बुद्धि भी ऐसे ही खिसक जाती है’…
Boycott Bolywood: अनुराग बाबू ने फिल्म दोबारा बनाई और उनके ख्याल से वो अच्छी ही बनी थी लेकिन लगता है मिर्ज़ा ग़ालिब ने शायद अनुराग के लिए ही शेर फ़रमाया था, ‘हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन दिल के ख़ुश रखने को ‘अनुराग’ ये ख्याल अच्छा हैं !
Boycott Bolywood: अनुराग का ख्याल ये है की उनकी फिल्म ‘दोबारा’ स्पैनिश फिल्म ‘मिराज’ की रीमेक नहीं है… बस उनके इसी ख्याल से उनके फेन्स भी नाराज़ हो गए, अब ये तो किसी को हज़म नहीं होगा की मिराज फिल्म को अब तक किसी ने नहीं देखा है, अगर कहानी कॉपी की है तो इतना तो बोल दो साहब कि हाँ काॅपी की है…लेकिन आपसे तो ये भी न हुआ…
बॉलीवुड फिल्मों को लेकर चल रहे बॉयकॉट अभियान पर खुलकर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि लोगों को पता नहीं क्यों लगता है कि दुनिया में जो भी चीजें हो रही हैं, उसका जवाब फिल्म वालों के पास होनी चाहिए।
बॉयकॉट का जो कल्चर है, वह सोशल मीडिया का कल्चर है। एक लाल सिंह चड्ढा चले, या जो भी फिल्म चले, उसका फायदा तो हमें ही है न। कोई भी फिल्म चलती है, उसका पैसा इंडस्ट्री में आता है और उस ही पैसे से फिल्म बनाते हैं।
इसी बीच बीजेपी सुधांशु त्रिवेदी का एक विडिओ सोशल मीडिया पर आग लगा रहा है, सुधांशु त्रिवेदी ने इस विडिओ में जिस तरह से बॉलीवुड की पोल खोल दी है और उसे देख अब सोशल मीडिया पर बवाल मच गया है।
इस वीडियो में वो कह रहे है की, 1970 के बाद से पिछले 50 साल की एक फिल्म बताओ जिसमें भगवा वस्त्र धारी को पॉजिटिव रोल में दिखाया गया हो ,भगवा पहनें व्यक्ति को छोड़िए, कंठी माला पहने व्यक्ति ,धोती कुर्ता पहने हुए व्यक्ति ,टीका लगाए हुए व्यक्ति पॉजिटिव रोल में दिखता हो ,भाषा के आधार पर अब मैं बोलता हूँ शुद्ध हिंदी बोलने वाला व्यक्ति या तो विलन होगा या कॉमेडियन ,कभी आपका ध्यान ही नहीं गया होगा।
इस तरफ ,जैसे मैंने यह बात पहले भी एक बार बोली थी शायद अपने वो वीडियो देखा हो विनोद खन्ना जी का देहांत हो गया और बहुत पुरानी उनकी एक फिल्म थी जिसका गाना था प्रिय प्राणेश्वरी आप हमें आदेश करे तो प्रेम का हम श्री गणेश करे…
इसमें कौन सी हॅसने वाली बात थी लेकिन उसका पूरा चित्रण कॉमेडी के रुप में किया गया, शुद्ध हिंदी बोलना संस्कृत बोलना कॉमेडी का पात्र है और इश्क़ में हम सारी रात जागे,अल्लाह जाने क्या होगा आगे यह अच्छा गाना था।
जंहा सुधांशु त्रिवेदी बॉलीवुड का असली चेहरा दिखा रहे थे वहीं बॉलीवुड की धमाकेदार हिट फिल्मे दे रही आलिआ भट्ट ने भी अब नेपोटिज्म और ट्रोलिंग को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि वो इससे कैसे डील करती हैं।
इस दौरान उन्होंने ये भी कह दिया कि जो लोग उन्हें पसंद नहीं करते हैं, वो उनकी फिल्म देखने न जाएं। अब आलिया की इस बात पर लोग भड़क गए हैं और ट्विटर पर #BoycottAliaBhatt ट्रेंड हो रहा है।
आलिया भट्ट जंहा एक तरफ रणबीर कपूर से अपनी शादी को लेकर और हाल ही में अपनी प्रेगनेंसी को लेकर चर्चाओं में बनी हुई है वही उनके इस बोल बच्चन्न से लगता है वो भी जल्द ही बाॅयकाट के लपेटे में आने वाली है, क्योंकि कुछ इसी तरह के तेवर करीना कपूर ने लाल सिंह चड्ढा के वक्त दिखाए थे।
जिसका जनता ने कैसे जवाब दिया वो सब जानते हैं, तो ये कहना गलत नहीं होगा की आलिआ ने आग में घी डालने वाला काम किया है, क्योंकि वो शायद भूल रही है की जल्द ही उनकी फिल्म ब्रह्मास्त्र आने वाली है कहीं उनकी फिल्म का भी लोग वैसा ही हश्र न कर दे…
बॉलीवुड की हालत ऐसी हो गई है जैसे किसी अस्पताल में पड़े उस मरीज की होती है जो अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। फ्लॉप पर फ्लॉप, और लगातार फ्लॉप, कुछ बनाओ तो फ्लॉप, कुछ बड़ा बनाओ तो भी फ्लॉप, अगर कहा जाए कि बॉलीवुड फ्लॉप की आंधी में उड़ता ही जा रहा है तो इसमें कोई शक नहीं है ।
बॉलीवुड की रेटिंग में इतनी गंदी गिरावट एकदम से नहीं आई है, इसके पीछे भी कई बड़े कारण रहे हैं। हिंदू विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देने वाला बॉलीवुड अब खुद औंधे मुँह गिरा हुआ है, बॉलीवुड के बाॅयकाट ट्रेंड को जो बाॅलीवुड अब तक मज़ाक मान रहा था लाल सिंह चड्ढा देखने के बाद उनके पसीने छूटने लगे हैं, आलम ये है की जहा एक समय था जब थिएटर खचाखच भरे मिलते थे अब वहां सन्नाटा पसरा हुआ है।
कुछ दिनों पहले ऋतिक रोशन ने लाल सिंह चड्ढा का समर्थन कर आग से खेलने का काम किया और यह जानते हुए भी कि वो इसमें जलेंगे। उन्होंने लाल सिंह चड्ढा की तारीफों के पुल बांधते हुए लोगों से अवश्य इसे देखने की अपील की। बस फिर क्या था ऋतिक द्वारा लाल सिंह चड्ढा का सपोर्ट करते ही, लोग उनकी फिल्मों ‘विक्रम वेधा’ का बहिष्कार करने की बात करने लगे।
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