Aligarh: नाबालिग बेटी से मुन्ना, मोहसिन, इमरान, जीशान ने की छेड़खानी, अनुसूचित जाति के लोगों ने की पलायन की घोषणा

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उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ से एक बार फिर अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा गांव से पलायन करने की घोषणा करने का मामला आया सामने आया है। ऐसा इसलिए कि यहां अनुसूचित जाति की नाबालिग बेटी से गांव के ही कुछ समुदाय विशेष के युवकों ने छेड़खानी कर दी। इसकी शिकायत पीड़ित पिता ने की तो आरोपियों ने उसके साथ मारपीट कर दी गई। हद तो तब हो गई जब पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा करना तो दूर पुलिस ने पीड़ित पिता को ही आरोपी बना दिया। इससे गुस्साए अनुसूचित जाती के लोगों ने गांव से पलायन करने की घोषणा करते हुए अपने मकानों पर लिख दिया ‘यह मकान बिकाऊ है’।

मामला अलीगढ़ जिले के हरदुआगंज क्षेत्र का बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक घटना बीते रविवार(4 सितंबर) शाम करीब 7 बजे की है। जहां एक नाबालिग लड़की से गांव के ही मुन्ना पुत्र घुमराले उर्फ जाकिर, मोहसिन पुत्र जाकिर, इमरान पुत्र भूरा और जीशान पुत्र जाकिर ने मौका देखकर छेड़खानी कर दी। इतना ही नहीं लड़की को जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए गंदी नीयत से उसे खींचने की भी कोशिश की गई। आरोप है कि जब इसकी शिकायत पीड़िता के पिता ने आरोपियों से की तो आरोपियों ने पिता सको मारपीट कर घायल कर दिया।

साभार- अमर उजाला

घटना के बाद पीड़िता के पिता नजदीकी पुलिस थाने पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन इसके बाद भी हरदुआगंज पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया। हद तो तब हो गई जब पुलिस ने उल्टा पिड़िता के पिता को ही आरोपी बनाकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। इसकी जानकारी जब पीड़ित परिवार को हुई तो सन्न रह गया और थाने जाकर अपनी नाराजगी जताई, लेकिन इसके बाद पुलिस की कार्यशैली से परेशान अनुसूचित समाज के लोगों ने गांव से पलायन करने की घोषणा कर दी और अपने मकानों पर लिख दिया ‘यह मकान बिकाऊ है’।

पलायन की घोषणा के बाद अलीगढ़ पुलिस रात में ही हरकत में आ गई और पीड़ित किशोरी और नाबालिग से मिलकर पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन देते हुए मकानों पर लिखे को काले रंग से पुताई कराकर मिटवा दिया। वहीं बुधवार को हरकत में आई अलीगढ़ पुलिस के निर्देश पर हरदुआगंज पुलिस पीड़िता के बयान दर्ज करने घर पहुंची और पीड़ित परिवार ने मुकदमा दर्ज होने से पहले बयान दर्ज कराने से इंकार कर दिया।

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अब पुलिस की कार्यशैली पर यह सवाल खड़ा हो रहा है कि पीड़िता के पिता ने को पुलिस ने आरोपी कैसे बना दिया। वहीं अब अलीगढ़ पुलिस ने जवाब देते हुए कहा है कि मामले में पीड़ित परिवार की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आगे की कार्यवाही जारी है। घटनास्थल पर पूरी तरह से शांति है। आपको बता दें कि कुछ ऐसा ही मामला पिछले वर्ष टप्पल थाना क्षेत्र के मुस्लिम बाहुल्य गांव नूरपुर से आया था जहां अनुसूचित जाति की दो बेटियों की बारात पर मस्जिद के सामने हमला कर दिया गया था। मामले में पुलिस की कार्यशैली से नाराज अनुसूचित जाति के लोगों ने मकान पर लिख दिया था ‘यह मकान बिकाऊ है’।  

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यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'