Amarnath: जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया है। इस घटना में 10 लोगों की मौत हो गई। अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से पानी के तेज बहाव में तीन लंगर समेत कई टेंट बह गए हैं। घटना के बाद अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है और राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजीपी के अनुसार, पवित्र गुफा के पास बादल फटने से पानी के तेज बहाव में कुछ लंगर और टेंट बह गए। घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है और फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं।
पीएम मोदी व सीएम योगी ने जताई संवेदना
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताते हुए लिखा है, कि श्री अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दुख जताया और आगे लिखा है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से स्थिति का जायजा लिया है। बचाव और राहत कार्य जारी है, प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
Anguished by the cloud burst near Shree Amarnath cave. Condolences to the bereaved families. Spoke to @manojsinha_ Ji and took stock of the situation. Rescue and relief operations are underway. All possible assistance is being provided to the affected.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 8, 2022
Amarnath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, कि पवित्र अमरनाथ गुफा के समीप दैवीय आपदा के कारण हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।
पवित्र अमरनाथ गुफा के समीप दैवीय आपदा के कारण हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है।
देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।
मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 8, 2022
आईटीबीपी ने क्या बोला?
आईटीबीपी के पीआरओ विवेक पांडेय के मुताबिक, यहां मौजूद श्रद्धालुओं को पहले ही जानकारी दे दी गई थी कि वो वहां से चले जाएं, क्योंकि अचानक तेज बारिश होने लगी थी। साथ ही यात्रा को अस्थायी तौर पर रोक दिया गया था। जहां ये घटना हुई है, इसे लोअर होली केव बोलते हैं। बीते साल भी इसी तरह पानी आया था। इसलिए हमारे जवान पहले से ही अलर्ट पर थे।