Daughter Marriage: माँ की गुहार, जीवन भर बंधुआ मजदूर बनकर काम करूंगी साहब बस मेरी बेटी की शादी कर दीजिए

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Daughter Marriage: देश हर रोज नित नई उपलब्धियों को हासिल कर रहा है। सरकारें तमाम तरह की योजनाओं को बढ़ावा दे रही हैं। साथ ही विश्वगुरू बनने तक की बात हो रही हैं। लेकिन अभी भी समाज में कुछ चीजें ऐसी हैं, कि जिन्हें सुन दिल सहम सा जाता है और बेहद दुख होता है। जब एक माँ ने गांव के सरंपच से गुहार लगाई कि मैं जीवन भर गुलाम रहकर बंधुआ मजदूर की तरह तुम्हारे यहां काम करूंगी बस मेरी बेटी की शादी कर दो, शादी में बस 10 से 12 बराती आयेंगे।

सरपंच से क्या बोला?

जम्मू के आरएसपुरा उपजिले के एक गांव में एक गरीब माँ ने अपनी बेटी की शादी करवाने के लिए सरपंच के पास जिंदगी भर बंधुआ मजदूर बन कार्य करने के लिए प्रस्ताव दिया। महिला ने सरपंच से गुहार लगाई कि उसकी बेटी की शादी होनी है। इसमें 10-12 बराती आएंगे, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह इनकी सेवा सत्कार कर सके। लिहाजा शादी का प्रबंध कर दें, और वह बदले में बंधुआ मजदूरी करने को तैयार है। वह जब तक जिंदा रहेगी तब तक उसके घर काम करेगी। झाड़ू- पोछा से लेकर अन्य घरेलू काम करेगी।

आगे महिला ने कहा, कि उसका सपना है कि उसकी बेटी की शादी भी उसी प्रकार धूमधाम से हो जिस प्रकार दूसरे लोगों की बेटियों की होती है। हालांकि, गाय का दूध बेचकर परिवार का गुजारा चलता है। घर भी एक कमरे का है। ऐसे में वह शादी के खर्च का प्रबंध करने में सक्षम नहीं है। उसने कोशिश की कि वह खर्चे का प्रबंध कर ले, लेकिन यह नहीं हो पाया। इसके बाद उसने थक हारकर गुहार लगाई है।

सरपंच बना सहारा

Daughter Marriage: सरपंच श्याम लाल भगत ने बताया, कि महिला की इस पेशकश ने उन्हें हैरत में डाल दिया। महिला को भरोसा दिलाया है, कि उसे बंधुआ मजदूर बनने की जरूरत नहीं है। उसकी बेटी की शादी धूमधाम से होगी। सारे लोग मिलकर सहयोग करेंगे। जलपान से लेकर अन्य इंतजाम में हाथ बटाएंगे। हर प्रकार की सहायता भी की जाएगी। वह निश्चिंत होकर शादी की तैयारियों में जुट जाए।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।