अपनी मांगों पर अड़े किसानों को सरकार ने पांचवें दौर की बातचीत के लिए प्रस्ताव दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत से समस्या का समाधान निकल सकता है। ऐसे में सरकार के प्रस्ताव पर शंभू बॉर्डर पर किसानों की बैठक जारी है। अपनी मांगें मनवाने को लेकर दिल्ली कूच के लिए 13 फरवरी से किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। अब देखना यह है कि किसान संगठनों की बैठक में क्या कुछ निकलता है।
वहीं किसानों का ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर खनौरी बॉर्डर इकट्ठा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं। आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद किसान इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं।
सरकार किसानों के साथ एक बार फिर से बातचीत के लिए तैयार
कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री, भारत सरकार अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे- एमएसपी की मांग, फसल विविधीकरण, पराली का विषय, एफआईआर पर बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने किसान नेताओं को चर्चा के लिए दोबारा आमंत्रित करते हुए कहा कि हमें शांति बनाए रखने की जरूरत है।
किसानों के साथ 5वें दौर की बातचीत पर केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि अभी तक किसानों की तरफ से कोई सूचना नहीं आई है। हम अपील करते हैं कि हम बातचीत के लिए आगे बढ़ें और अपना पक्ष रखें। सरकार भी आगे बढ़ना चाहती है। हम समाधान ढूंढना चाहते हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्वीट किया, “सरकार चौथे दौर के बाद के पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे कि MSP की मांग, फसल विविधीकरण, पराली का विषय, FIR पर बातचीत के लिए तैयारी है। मैं किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करता हूं। हमें शांति बनाए रखना जरूरी है।” pic.twitter.com/cNsqXxX3dx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 21, 2024
क्या बोले कांग्रेस प्रमुख?
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी ये कहने वाले हैं कि MSP कानूनी गारंटी करना चाहिए। सभी फसलों को नहीं कर सकते लेकिन एसेंशियल कमोडिटी को कर सकते है।
#WATCH हम अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी ये कहने वाले हैं कि MSP कानूनी गारंटी करना चाहिए। सभी फसलों को नहीं कर सकते लेकिन एसेंशियल कमोडिटी को कर सकते हैं… : कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे pic.twitter.com/706vR6Prn7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 21, 2024
हाईकोर्ट पहुंची सरकार
किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा की खट्टर सरकार फिर हाईकोर्ट पहुंची है। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में मोडिफाई किए ट्रैक्टरों और ट्रालियों को इकट्ठा न होने की गुहार लगाई गई है।
सरकार ने कहा कि यह कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा है, पंजाब सरकार इस पर कार्रवाई करे और इन्हें वहीं रोका जाए। हालांकि हाईकोर्ट ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है।
पोकलेन-जेसीबी मशीन मालिकों को पुलिस की चेतावनी
किसान बॉर्डर पर पोकलेन और जेसीबी समेत बड़ी मशीने लेकर पहुंचे हैं। वहीं हरियाणा पुलिस ने बुधवार को मिट्टी खोदने वाली मशीनों के मालिकों से कहा कि वह प्रदर्शन स्थल से अपनी मशीनें हटाएं, वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
पुलिस के मुताबिक अगर प्रदर्शनकारी किसान इन मशीनों का इस्तेमाल करते हैं तो इससे पंजाब और हरियाणा के दो सीमा बिंदुओं पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को नुकसान पहुंच सकता है।
भारी मशीनों को बॉर्डर तक न पहुंचने दें- मनीषा चौधरी
मनीषा चौधरी, AIG (प्रशासन) ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि हमने पुलिस की तैनाती की हुई है…हमारे पास सूचना आ रही थी कि प्रदर्शनकारी अपने साथ भारी मशीन जैसे जेसीबी, पोकलैंड, हाइड्रा आदि लेकर आ रहे हैं। हमने पंजाब पुलिस से भी अनुरोध किया है कि इस प्रकार कि मशीनों को बॉर्डर तक न पहुंचने दें। हम प्रदर्शनकारियों से अपील करते हैं कि किसी भी तरह की मशीनों को धरनास्थल पर न लाएं…अगर उनकी कुछ मांग है तो वे हमें ज्ञापन दे सकते हैं।
दिल्ली के कई रास्तों पर लंबा जाम
राजधानी में कानून- व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है, जिसके बाद दिल्ली-गुरुग्राम, दिल्ली-बहादुरगढ़ और कई अन्य सड़कों पर यातायात बाधित रहा।
किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने रविवार को प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी, लेकिन, किसान नेताओं ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह किसानों के हित में नहीं है।
Written By: Swati Singh
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