Gujarat: प्रमुख स्वामी महाराज सदी के ही संत न होकर नई सहस्राब्दी के संत हैं, भगवान श्री स्वामीनारायण के 5वें आध्यात्मिक उत्तराधिकारी

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Gujarat: दूसरों के सुख में अपना निहित है, दूसरों की भलाई में हमारा निहित है और दूसरों की प्रगति में भी हमारा ही निहित है। प्रमुख स्वामी महाराज एक ऐसे शख्सियत थे जो कि दिव्यता से परिपूर्ण थे। वो ऐसे व्यक्तित्व के स्वामी थे जो कि संसार में रहने वाले सभी लोगों से असीम  प्रेम करते थे। उनका मानना था कि दुनिया में रहने वाले सभी लोगों के दिल में प्रेम और सम्मान कूट-कूट कर भरा हुआ है। बस, जरूरत है तो लोगों को संभालने की और संवारने की…

यही एक सोच थी जिसकी वजह से लोगों के मन से भेद,जाति और पंथ के बीच के अंतर को समाप्त कर दिया था। यहीं एक विचारधारा थी जिसने समृद्ध और जरूरतमंदों के बीच के अंतर को खत्म कर दिया था।प्रमुख स्वामी महाराज की कोशिश का ही फल था कि खुद को भक्ति में तल्लीन रहते हुए धर्मों के बीच एक सामंजस्यपूर्ण पुल बनाया था।

Gujarat: प्रमुख स्वामी महाराज: 52 से अधिक देशों की यात्रा, 17 हजार से अधिक गांवों का दौरा और 250 से अधिक घरों को किया पवित्र

आपको बता दें कि उन्होंने 52 से अधिक देशों की यात्रा करते हुए  17 हजार से अधिक गांवों का दौरा किया और साथ ही 250 से अधिक घरों को पवित्र किया था। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए वो इतने तल्लीन रहते थे कि उन्होंने 7 लाख से अधिक पत्रों का जवाब देकर सैकड़ों और हजारों लोगों को परामर्श दिया था। उनके परामर्श के बाद ही लोगों को सहीं मार्गदर्शन मिल सका था।

प्रमुख स्वामी महाराज: एक देखभाल करने वाले ऐसे चमत्कारिक व्यक्तित्व के धनी थे प्रमुख स्वामी महाराज जी… जिन्होंने अपने पूरे जीवन काल में सभी जरूरतमंदों और संपन्न लोगों के साथ ही युवा और बुजुर्ग सभी पर अपना स्नेह सामान रूप से बरसाया। निसंदेह सभी लोग इससे सहमत है कि नि:स्वार्थ प्रेम से परिपूर्ण  स्वामी जी महाराज सदी के संत हैं।

प्रमुख स्वामी महाराज: केवल सदी के ही संत न होकर नई सहस्राब्दी के संत

भक्तों का तो ये भी मानना है कि गुरूदेव जी (प्रमुख स्वामी महाराज जी) केवल सदी के ही संत नहीं बल्कि नई सहस्राब्दी के संत हैं, दुनिया में शांति के पक्षधर थे स्वामी जी महाराज। दूसरों की खुशी में अपना और दूसरों की भलाई में अपना निहित समझने वाले संत थे हमारे प्रमुख स्वामी महाराज जी।

प्रमुख स्वामी महाराज: भगवान श्री स्वामीनारायण के 5वें आध्यात्मिक उत्तराधिकारी

आपको बता दें कि प्रमुख स्वामी महाराज भगवान श्री स्वामीनारायण के 5वें आध्यात्मिक उत्तराधिकारी और BAPS स्वामीनारायण संस्था के आध्यात्मिक संत थे। उन्होंने सामजिक और आध्यात्मिक सुधारों का नेतृत्व किया और भक्तों के बीच में भगवान श्री स्वामीनारायण के विचारों का प्रचार-प्रसार किया।

Gujarat: प्रमुख स्वामी महाराज के व्यापक सामाजिक-आध्यात्मिक कार्यों को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है बल्कि उनके विचारों को  जीवन में अनुभव किया जा सकता है। उन्होंने भव्य स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का भी निर्माण किया था। उन्होंने आधुनिक तकनीक के साथ प्राचीन कला और वास्तुकला को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर का निर्माण करवाया था।

Bhagwan Swami Narayan
Bhagwan Swami Narayan
प्रमुख स्वामी महाराज: BAPS स्वामी नारायण अनुसंधान संस्थान जैसे शैक्षिणिक केंद्र बनाए

भारतीय संस्कृति, हिंदू दर्शन, स्वामी नारायण धर्मशास्त्र और अन्य पर संवाद को आगे बढ़ाने के लिए BAPS स्वामी नारायण अनुसंधान संस्थान जैसे शैक्षिणिक केंद्र बनाए। देश के लोग जब दुख-दर्द में होते थे या किसी आपदा का सामना कर रहे होते थे  (चाहे सूखा हो, बाढ़ हो, भूकंप हो या सुनामी) आपदा के बाद भी सभी पीड़ितों के लिए प्रमुख स्वामी महाराज की करूणा सामान भाव से पहुंचती थी।

BAPS
BAPS

Gujarat: प्रमुख स्वामी महाराज का कार्य इतना व्यापक था कि शब्द में उनके प्रभाव को बयां नहीं किया जा सकता। तमाम उपलब्धियों के बावजूद स्वामी जी ने अपने जीवन में ईश्वर और अपने गुरूओं को सबसे आगे रखा। उन्होंने भगवान स्वामीनारायण द्वारा साधुओं के लिए निर्धारित पांच मुख्य आदेशों से कभी समझौता नहीं किया। स्वामी जी ने अपने जीवन-कार्य और मार्गदर्शन से दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित किया।

अगर हम बात करे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जो भारत के सबसे प्रिय और प्रसिद्ध राष्ट्रपतियों में से एक थे। उन्होंने अपने पवित्र ब्रह्मस्वामी महाराज के साथ अपने प्रेरक और दिव्य अनुभवों को एक पुस्तक में व्यक्त किया जिसे लिखने के लिए उन्होंने स्वंय समय लिया था। उन्होंने अपनी पुस्तक मे स्वामी जी से सीखी करूणा और अच्छाई की शिक्षाओं का उल्लेख किया।

उस दौरान डॉ कलाम ने 2006 में स्वामी जी के साथ हुई एक बैठक को याद किया जब स्वामीजी ने उनसे कहा था कि “जब भी तुम मुझे याद करोगे मैं तुम्हारे साथ रहूंगा।” वहीं डॉ कलाम कहते थे कि स्वामीजी में एक दिव्य शक्ति हैं जिन्हें याद करके अनुभव किया जा सकता है।

गौरतलब है कि उनका इस दुनिया से जाना न केवल BAPS फेलोशिप बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक झटका था। हालांकि यह तब था जब उन्होंने दुनिया को अपना सबसे बड़ा उपहार पेश किया था।

प्रमुख स्वामी महाराज ने सब कुछ किया है उन्होंने कुछ भी पूर्ववत नहीं छोड़ा। दुनिया को कई मूल्य और गुण दिए। प्रेम, करुणा, चरित्र, आस्था, भक्ति और सद्भाव के अमूल्य, सार्वभौमिक पाठ न केवल पढ़ाए बल्कि दिखाए भी। प्रमुख स्वामी महाराज के जीवन से हमें कई घटनाएं सीखने को मिलती हैं।

गौरतलब है कि प्रमुख स्वामी नारायण स्वरुपदासजी का जन्म 1921 में हुआ था। स्वामी नारायण का जन्म शताब्दी समारोह 15 दिसंबर 2022 से लेकर 15 जनवरी 2023 तक मनाया जा रहा है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।