असम में मुस्लिम विवाह और तलाक कानून के निरस्त होने के बाद राजनीतिक भूचाल आ गया है। इसी राजनीतिक घमासान की चिंगारी आज राज्य के विधानसभा में देखने को मिली। वहां, विपक्ष ने इस मुद्दे को सदन में उठाया। इस मामले को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। इस बीच असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा भी गुस्से में दिखाई पड़े। उन्होंने सदन में कहा कि जब तक मैं जिंदा हूं, राज्य में बालविवाह नहीं होने दूंगा।
सीएम बोले इस दुकान को 2026 से पहले बंद कर दूंगा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में कहा है कि, “मेरी बात ध्यान से सुनो, जब तक मैं जीवित हूं मैं असम में बाल विवाह नहीं होने दूंगा। जब तक हिमंत बिस्वा सरमा जीवित हैं ऐसा नहीं होने देगा। मैं आपको राजनीतिक रूप से चुनौती देता हूं मैं इस दुकान को 2026 से पहले बंद कर दूंगा।
हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने एक्स अकाउंट से किया ट्वीट
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने विधानसभा की कार्यवाही का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर शेयर करते हुए लिखा है कि, “कॉन्ग्रेस के लोग सुन लें, जब तक मैं, हिमंत बिस्वा सरमा ज़िंदा हूँ, तब तक असम में छोटी बच्चियों का विवाह नहीं होने दूँगा। आप लोगों ने मुस्लिम समुदाय की बेटियों को बर्बाद करने की, जो दुकान खोली है, उन्हें पूरी तरह से बंद किए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे।”
इससे पहले सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने 23 फरवरी को ऐलान किया था कि असम में अब दशकों पुराना असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि, “23 फरवरी 2024 को असम कैबिनेट ने दशकों पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
भले ही दूल्हा और दुल्हन की उम्र 18 और 21 ना हुई हो। जैसा कि कानून होना चाहिए। विवाह का पंजीकरण भी इसके अंतर्गत हो रहा था। यह निर्णय असम में बाल विवाह पर रोक लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
कांग्रेस के लोग सुन लें, जब तक मैं, हिमंत बिस्वा सरमा ज़िंदा हूं, तब तक असम में छोटी बच्चियों का विवाह नहीं होने दूँगा। आप लोगों ने मुस्लिम समुदाय की बेटियों को बर्बाद करने की जो दुकान खोली है उन्हें पूरी तरह से बंद किए बिना हम चैन से नहीं बैठेंगे। pic.twitter.com/3yXLi4C23o
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 26, 2024
मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम निरस्त
आपको बता दें कि, 23 फरवरी 2024 को असम सरकार ने सदियों पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त कर दिया है। यह अधिनियम विवाह पंजीकरण का लाइसेंस देता था। भले ही दूल्हा और दुल्हन कानून के अनुसार 18 वर्ष के हुए हो या नहीं हुए हो। सरकार के इस कदम को राज्य में बाल विवाह रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा गया है। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि बहु विवाह पर रोक लगने से बाल विवाह भी रुकेंगे।
Written By: Vineet Attri
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