PM Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने वाले लोगों को बुधवार को श्रद्धांजलि अर्पित की और महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन को याद करते हुए कहा कि भारत अब भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण के खिलाफ एक स्वर में बोल रहा है। मोदी ने विपक्ष पर परोक्ष रूप से ऐसे समय में निशाना साधा है, जब सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी बुधवार को इसी तर्ज पर देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है।
PM Modi: बुधवार को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आंदोलन में शामिल हुए वीरों को याद किया। वहीं, उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि आज के समय भारत कह रहा है.. भ्रष्टाचार भारत छोड़ो। वंशवाद भारत छोड़ो। तुष्टीकरण भारत छोड़ो
आज भारत एक स्वर में कह रहा है: भ्रष्टाचार भारत छोड़ो। वंशवाद भारत छोड़ो। तुष्टिकरण भारत छोड़ो। मोदी ने विपक्षी दलों पर भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप आज पहली बार नहीं लगाया है। पीएम मोदी ने ये आरोप विपक्ष पर बार-बार लगाया है।
पिछले दिनों एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत के दिन को ऐतिहासिक करार दिया था और कहा था कि इसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा पैदा की। उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए भी आह्वान किया था ।
PM Modi: भारत छोड़ो आंदोलन को याद करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि आज ही के दिन महात्मा गांधी ने नारा दिया था कि अंग्रेजों भारत छोड़ो और पांच साल बाद अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर विवश कर दिया और देश को अंग्रेजों की गुलामी के चंगुल से निकल कर देश को आजाद कर दिया । उन्होंने आगे कहा कि आज भारत आजादी के 75 साल पूरे कर चुका है और अमृत काल में पहुंच गया है। आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।
उन्होंने आगे कहा,आज पीएम मोदी ने तीन आव्हान किए है, भ्रष्टाचार भारत छोड़ो। वंशवाद भारत छोड़ो। तुष्टीकरण भारत छोड़ो। उन्होंने कहा कि देश के लोकतांत्रिक अस्तित्व को बचाना है तो इन तीनों को देश से भागना होगा। अगर देश की राजनीति की सुचिता को बचाना है तो इन तीनों को देश छोड़ना होगा।
भारत छोड़ो आन्दोलन का क्या है इतिहास ?
9 अगस्त 1942 को मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में महात्मा गांधी ने अंग्रेज़ों से तुरंत भारत छोड़ने को कहा और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे शक्तिशाली आंदोलन की शुरूआत की थी। इसी आंदोलन में गांधी जी ने भारत को ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। इस नारे के बाद से अंग्रेज़ी हुकूमत ने उसका जवाब में भारतीयों का भारी दमन से दिया था।
Written By: Vineet Attri
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