Ramcharit Manas Controversy: यूपी में कई जगह हिंदू संगठनों ने फूंके स्वामी प्रसाद मौर्य के पुतले, सोशल मीडिया पर भी दिख रही नाराजगी

Ramcharitr Manas Controversy

Ramcharit Manas Controversy: सपा नेता स्वामी प्रसाद मोर्य ने जब से रामचरितमानस को लेकर शर्मनाक बयान दिया है तब से ही वो सनातनियों के निशाने पर आ गए है और अब खबर ये आ रही है कि सपा नेता स्वामी प्रसाद का पुतला फूंका गया, OBC, SC-ST, सभी हिन्दू समुदाय मौजूद। जूतों की माला पहनाकर, लातों से कूचा, पूरे यूपी में हिन्दू संगठनों ने जगह-जगह विरोध किया।

लोगों ने कहा वाल्मीकि और तुलसीदास द्वारा रचित “रामचरित मानस” पवित्र ग्रंथ है!  आपको बता दें कि सनातिनयों के साथ ही अब वकीलों और OBC समुदाय सहित कई हिन्दू संगठनों के लोगों ने स्वामी प्रसाद का पुतला फूंका।

 

Ramcharit Manas Controversy: इससे पहले बागेश्वर धाम सरकार से लेकर देवकी नंदन ठाकुर ने भी स्वामी प्रसाद को आड़ें हाथों लेते हुए उनकी निंदा की थी। भाजपा के कई नेताओं के साथ ही सपा के कुछ नेताओं ने भी स्वामी प्रसाद की निंदा की थी। लेकिन उनकी ही पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले तो स्वामी प्रसाद पर नाराज नजर आ रहे थे लेकिन, उसके बाद उनको इनाम देते हुए सपा का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया।

बागेश्वर धाम सरकार: रामचरितमानस का अपना करने वालों को छोड़ देना चाहिए भारत

आपको बता दें कि इससे पहले बागेश्वर सरकार ने कहा था कि “रामचरितमानस का अपना करने वालों को भारत छोड़ देना चाहिए।इन लोगों को भारत में ही नहीं रहना चाहिए।रामचरितमानस का अपमान कर इन लोगों ने भारत में रहने का अधिकार खो दिया है।” और साथ ही धीरेंद्र शास्त्री ने सरकार से निवेदन करते हुए कहा ” रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की भी मांग रखी।”

Ramcharit Manas Controversy: सोशल मीडिया पर भी स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर लोग काफी गुस्से में नजर आ रहे हैं। ऐसा ही नाराजगी का इजहार ज्योंति सिंह हिंदुत्ववादी के ट्विटर हैंडल से किया गया है। वो लिखती है कि रावण सोचता था कि वह हनुमान जी की पूंछ जला रहा है, जबकि पुरी लंका जल कर खाक हो गई थीं रामचरितमानस को जलाने वाले याद रखें !

जय श्री राम !

Ramcharit Manas Controversy: सोशल मीडिया पर दीपिका रस्तोगी ने अपने ट्विटर हैंडल पर सपा नेता मौर्या पर नराजगी जताते हुए लिखा कि “अगर रामायण की जगह किसी और कि पुस्तक का एक पन्ना भी फट गया होता तो, स्वामी प्रसाद मौर्य स्वामी के 72 टुकड़े हो गए होते।”

स्वामी प्रसाद मौर्य : रामचरित मानस को पाबंदी लगाने की थी मांग

गौरतलब है कि मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की थी कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जातिवर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।