Written Aniket Sardana…
NASA DART MISSION: पृथ्वी के लिए अंतरिक्ष में सबसे बड़ा खतरा उल्कापिंड होते हैं। इन उल्कापिंडों से धरती और इंसानियत को बचाने के लिए नासा ने पिछले साल डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट (DART) मिशन लॉन्च किया था। अब ये मिशन लॉन्च के लगभग 10 महीने बाद 26 सितंबर को अपने लक्ष्य पर पहुंचने वाला हैं। इस मिशन में एक एस्पेस क्राफ्ट उल्कापिंड से टकरा कर उसकी दिशा को बदलने की कोशिश करेगा।
इस टक्कर से वैज्ञानिक पता लगाएंगे के आखिर इस उल्कापिंड पर अंतरिक्ष में इस टक्कर से क्या प्रभाव होगा। अंतरिक्ष यान इस घटना की तस्वीर लेगा जो एक लाइव स्ट्रीम के जरिए नासा की वेबसाइट पर बाद में जारी की जाएगी।
NASA DART MISSION: स्पेस क्राफ्ट उल्कापिंड डिडिमोस के साथ घूम रहे चांद के साथ टकराएगा। इससे पहले स्पेसक्राफ्ट उल्कापिंड की स्टडी करेगा। इसके बाद चांद उल्कापिंड से टकराएगा। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इससे उसकी दिशा बदल सकती है। अगर मिशन कामयाब नहीं होता है तो भविष्य में और मिशन भेजे जा सकते हैं।
NASA DART MISSION:डिडिमोस उल्कापिंड से होगी टक्कर
स्पेस क्राफ्ट 24 हजार km प्रतिघंटे रफ्तार की तेजी से उल्कापिंड की ओर बढ़ रहा है। किसी उल्कापिंड की दिशा बदलने से जुड़ा ये पहले मिशन है, जिसकी कामयाबी इंसानों को डायनासोर की तरह खत्म होने से बचा सकती है। जिस उल्कापिंड से टक्कर होगी, उसका नाम डिडिमोस है। इस उल्कापिंड का व्यास 2600 फीट है। टक्कर इसके चांद डाइमॉरफोस से होगी, जिसका व्यास 525 फीट है।
A NASA spacecraft that will deliberately crash into an asteroid is getting closer to its target https://t.co/4ns1ZbjxYF
— CNN International (@cnni) September 17, 2022
उल्कापिंड बैल्ट में चक्कसर लगाते हैं लाखों उल्कापिंडों
आपको बता दें कि ये उल्कापिंड धरती से करीब 50 करोड़ किमी की दूरी पर स्थित है। इसमें विभिन्न आकार के उल्कापिंड हर वक्त चक्कर लगाते रहते हैं। ये उल्कापिंड बैल्ट जूपिटर और मंगल ग्रह के बीच में स्थित हैं। इस बैल्ट में चक्कर लगाते समय कुछ उल्कापिंड आपस टक्कर से इस बैल्ट से बाहर निकल जाते हैं।
ब्रह्मांड का चक्कर लगाते हुए कई बार ये धरती के वातावरण में प्रवेश कर जाते हैं। इसके बाद ये एक बड़े आग के गोले की तरह धरती पर गिरते हैं। इनसे निकलने वाली ऊर्जा और आवाज काफी तेज होती है। धरती पर कई जगहों पर इस तरह के उल्कापिंड कई बार गिर चुके हैं। इनसे जान-माल की हानि का डर बना रहता है। ऐसे में नासा का डार्ट मिशन धरती पर होने वाली इस तबाही को रोक सकेगा।
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