Pakistan Islamic Law: शरीफ सरकार का बड़ा फैसला अब विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाएगी कुरान

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Pakistan Islamic Law:  आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कारण एक बार फिर से शर्मसार होना पड़ रहा है। आतंक को पालने-पोसने वाला देश आज अन्न के एक-एक दाने के लिए तरस रहा है और दुनिया के सामने हाथ फैला रहा है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है लोगों को बेसिक सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही और अगर मिल भी रही है तो कीमत बहुत ज्यादा है। अब पाकिस्तान सरकार ने विश्वविद्यालयों के लिए नया प्रस्ताव पास किया है। इसके अनुसार अब देश के सभी विश्वविद्यालयों में कुरान पढाना अनिवार्य होगा।

पाकिस्तान के सभी विश्वविद्यालय में कुरान को अनुवाद के साथ पढ़ाया जाएगा

आपको बता दें कि पाकिस्तान के सभी विश्वविद्यालय में कुरान को अनुवाद के साथ पढ़ाया जाएगा। हालांकि इस पढ़ाई के लिए छात्रों को अलग से कोई परीक्षा नहीं देनी होगी और न ही छात्रों को इसके लिए अलग से कुछ नंबर मिलेंगे।

 बता दें कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में अपने सम्बोधन में पाकिस्तान में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया था। इसके बावजूद भी शरीफ सरकार कुरान पढाने वाला बिल लायी है और ऐसे इस्लामिक प्रस्ताव का आना हैरान करने वाला है। 

Pakistan Islamic Law: अंग्रेजी अखबारद एक्सप्रेस ट्रिब्यूनकी एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सिर्फ जानकारी और ज्ञान अर्जित करने के लिए लागू होगा। सरकार का उद्देश्य कुरान में लिखी अच्छी बातों को समाज में फैलाने का है। इसी को देखते हुए ये बिल पास किया गया है। इस प्रस्ताव के बाद ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को पैगंबर मोहम्मद के बारे में बताया जाएगा।

पाकिस्तान की पंजाब सरकार: पहले ही कुरान पढ़ने वाला कानून करवा चुकी है लागू

इससे पहले पाकिस्तान में ही पंजाब प्रांत के राज्यपाल चौधरी मोहम्मद सरवर की ओर से कुछ महीने पहले ही एक अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना के मुताबिक, विश्वविद्यालयों के सभी छात्रों के लिए उर्दू अनुवाद के साथ कुरान पढ़ना अनिवार्य किया गया था। इसके मतलब ये है कि विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र यदि अनुवाद के साथ कुरान का अध्ययन नहीं करते हैं तो उन्हें डिग्री नहीं दी जाएगी।

Pakistan Islamic Law: इस्लामिक कानून के तहत अब होगा कुरान का पाठ

इस आदेश का असर देश में पढ़ने वाले सभी छात्रों पर होगा। अगर आपको डिग्री चाहिए तो पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और पारसियों सहित सभी धर्म के छात्रों को कुरान का पाठ करना ही होगा। इस प्रस्ताव को जमातइस्लामी पार्टी के सांसद मुश्ताक अहमद ने पेश किया था। प्रस्ताव को पेश करते हुए उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप हैं।

गौरतलब है कि पाकिस्तान में धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी को लेकर लगातार बातें होती रहती हैं। इससे पहले कई ऐसे मामले आए है जिसमें अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर अत्याचार हो चुके हैं। कई बार तो हिंदुओं की लड़कियों को दबंग मुसलमान उठाकर ले जाते है और उनका धर्मांतरण करवाते है।

उनके साथ रेप करते है और कभी-कभी उनका जबरन निकाह भी  करवा देते है। इस जुल्मों-सितम की तस्दीक खुद कई मौकों पर प्रधानमंत्री शहवाज शरीफ ने भी की है और उन्होंने कई बार अपने भाषण में स्वीकार किया है कि देश में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं की वजह से अल्पसंख्यक (खासकर हिंदू) खुद को कमजोर और डरा हुआ महसूस कर रहे हैं।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।