Anaya Rathore: डेढ़ साल की अनाया का बड़ा कारनामा, इंडिया बुक ऑफ रिकाॅर्ड में नाम हुआ दर्ज

Anaya Rathore

Anaya Rathore: आपने अपने जीवन में मेधावी बच्चे तो बहुत देखे होंगे आपको कौटिल्य पंडित तो याद होगा। जिसको चलता फिरता गुगल कहा जाता है। कोई भी सवाल पूछो उसके जबाव उसकी उंगलियों नाचते थे और अब भी नाचते है। हम आपको ऐसी बच्ची से मिलवाते है जो कि महज 18 माह की है। जब वो नन्हे पैरों से चलती है तो पूरे घर में  छमछम की आवाज गूंजती है। वो ठीक से बोल भी नहीं पाती लेकिन जब उससे कुछ पूछा जाता है तपाक से जबाव दे देती है। जी हा हम बात कर रहे है छत्तीसगढ़ कोरवा जिला की नन्ही अनाया राठौर की जो कि महज 18 महीने की होने के बावजूद भी महीनों के नाम, दिन के नाम इतनी सी छोटी उम्र में जानने लगी है। अनाया ना सिर्फ इन सब को जानती समझती है, बल्कि बोल भी लेती है। यही वजह है कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड ने इस बच्ची को सम्मानित किया है और उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

Anaya Rathore: अनाया के पिता रूद्र सिंह राठौर मुंबई में एसवीआई में चीफ मैनेजर और उसकी माँ टीचर है और जब से उनको अनाया के टैलेंट का पता चला है तब से ही उनको अपनी बेटी अनाया पर गर्व हो रहा है। उन्होंने बताया कि अनाया बचपन से ही चीजों को जल्दी समझने और सीखने लगी थी और जिसका फायदा उसे अब मिल रहा है।

Anaya Rathore: महज 18 महीने की अनाया हिंदी वर्णमाला के साथ ही 25 तरह के जानवरों की आवाज निकालने में भी माहिर है। वहीं उसको काउंटिंग भी याद है और साथ ही बच्चों के रैम्स, रैनरैन गो अवे, ट्विंकलट्विंकल लिटिल स्टार भी अनाया खेलखेल में सुना देती है और कई तरह की कविता भी उसे याद है।

अनाया की माँ ममता राठौर कहती हैं कि हम अनाया को फोर्स नहीं करते, वह खेलती रहती है तभी हम उसे इन सब जरूरी बातों को बताते हैं। उसी से उसने काफी कुछ सीखा है।इन दिनों अनाया टेलब सीख रही है।बॉर्डी पार्ट्स के बारे में भी उसे पता है।

ममता ने बताया कि हमें जब ये लगा कि हमारी बच्ची काफी जल्दी सब चीजों को पिक कर रही है तो हमने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड वालों से संपर्क किया था। इसके बाद उन्होंने अनाया का वीडियो देखा, फिर उसका नाम दर्ज किया गया है।

अनाया के पिता रुद्र सिंह राठौर कहते हैं कि हर बच्चा बचपन से स्पेशल होता है, जरूरत है तो उसे पहचानने की अनाया के केस में भी ऐसा हुआ था।उसने एक साल में ही सब जानना शुरू कर दिया था।

Anaya Rathore: हम बाकि मातापिता को कहना चाहते है कि हर बच्चा बचपन से ही कुछ ना कुछ जानना और समझना चाहता है। जरूरत है तो उसे पॉलिश करने की  हमें तो अभी नहीं पता कि अनाया बड़े होकर क्या बनेगी, पर हम चाहेंगे कि ये आगे जाकर देश का और प्रदेश का नाम रोशन करे।

ये भी पढ़े…

Pakistan: चाहती थी आजादी मिल गई मौत, फोटोग्राफर खूबसूरत महिला की शौहर ने ही ले ली जान
Aadiwasi Pratha: शादी के बाद दिया जाता है थूक कर आशिर्वाद, क्यों मुंडवाया जाता है सिर?..

By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।