Azam Khan Live: गुरुवार 21 जुलाई को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान एमपी/एमएलए कोर्ट में पेशी पर आए हुए थे जहां उनसे रिपोर्टर ने लुलु माॅल पर सवाल किया तो आजम खान उखड़ते हुए बोले कि ‘अमा हमने न लुलु देखा न लोलो देखा’ हम आज तक किसी मॉल में गए ही नहीं। जो लोग जानते हैं उनसे पूछिए लुलु, लोलो, टीलू, टोलो… क्या मतलब है और कोई काम ही नहीं है?’
Azam Khan Live: सोशल मीडिया पर लोगों ने आजम खान से लिए मजे
आजम खान का वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर आजम खान के मजे लेना शुरू कर दिए। लोगों ने इस पर मजेदार कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा, ‘ ये है समाजवादी पार्टी में नेताओं का विकास’ …
वहीं दूसरे दूसरे यूजर ने लिखा, ‘ इन्हें जेल जाने से पहले फुर्सत मिले तभी तो जाएंगे’ …इसके अलावा मीडिया के कैमरों के सामने आजम खान आज खुद को मुजरिम कह गए। हालांकि फिर उन्होंने अपनी गलती सुधारते हुए कहा खुद को बकरी चोर तक कह दिया।
Lulu jaoge bhi kaise, jail jane se toh pehle time miley.
— MeMoJi (@LUvish_) July 21, 2022
बता दें कि लुलु मॅाल का उद्घाटन 10 जुलाई को सीएम योगी आदित्यानाथ ने किया था और लोगों के लिए 11 जुलाई को खोल दिया था और किसी को अंदाजा नहीं था कि ये मॅाल इतनी जल्दी विवादों में घिर जाएगा।
धर्म के आधार पर माॅल प्रबंधन ने कर्मचारियों की भर्ती की और ये सब जानबुझ किया गया है। ऐसा इसलिए कह रहे है कि मॅाल प्रबंधन ने सारी महिला कर्मचारी हिंदू और पुरूष कर्मचारी मुसलमान रखे गए हैं।
इस बात का खुलासा तब हुआ था जब नमाज पढ़ने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमे मॅाल के पुरूष कर्मचारी नमाज पढ़ते दिखाई दे रहे है। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि लूलू मॅाल में सारे पुरूष कर्मचारी मुस्लमानों को रखा गया हैं और महिला कर्मचारी हिंदू रखी गयी हैं और ऐसा लगता ये इत्तेफाक नहीं हो सकता ये सब साजिश के तहत हुआ है।
वहीं अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा था कि लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़ना उस आदेश का उल्लंघन है जिसके अनुसार सार्वजनिक स्थल पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती।
शिशिर ने पत्र में आरोप लगाते हुए कहा था कि मॉल में साजिशन 70 % एक धर्म के लड़के व अन्य धर्म की लड़कियों की भर्ती की जाती है। यह मॉल एक कट्टर सोच रखने वाले धर्म के व्यक्ति का है। हालांकि बाद में लुलु प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा कि माॅल में काम करने वाले कर्मचारियों में 80 % हिंदू कर्मचारी हैं।
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