Ban On The Kerala Story: केरल हाईकोर्ट में शुक्रवार (5 मई) को ‘द केरल स्टोरी‘ फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई चल रही थी। हाईकोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि फिल्म इस्लाम के खिलाफ नहीं है और ट्रेलर में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है।वहीं फिल्म के निर्माता ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि यह फिल्म 32000 नहीं, बल्कि 3 महिलाओं की कहानी है।
पीएम मोदी: द केरल स्टोरी की तारीफ एवं निर्माता को दी बधाई
फिल्म को मोदी का भी समर्थन मिला है। उन्होने फिल्म के बारे में कहा कि ‘द केरल स्टोरी’ एक अच्छी मूवी है और साथ ही उन्होंने निर्माताओं को बधाई भी दी है।
PM Modi applauded 'The Kerala Story' Movie and called 'LJ' type of Terrorism
Brilliant !!
Congratulations to makers 🙏🙏 pic.twitter.com/e7DfdTddnF
— THE INTREPID 🇮🇳 (@Theintrepid_) May 5, 2023
पीएम ने कर्नाटक की जनता से की भावनात्मक अपील
उन्होंने आगे कहा कि केरल स्टोरी के समर्थन में उतरे पीएम मोदी ने कांग्रेस से पूछा कि वह फिल्म का विरोध क्यों कर रही है। पीएम मोदी ने कर्नाटक के लोगों से अपील करते हुए कहा कि “कांग्रेस से सावधान रहने की जरूरत है।”
The film Kerala Story is in vogue these days.
How the terroristic conspiracies are being nurtured in a State which is otherwise known for the hardworking, talented and intellectual people, is unveiled by this film.
– PM @narendramodi
Watch full video:https://t.co/y4PGrEE4iB pic.twitter.com/biTZMQJA9R
— BJP (@BJP4India) May 5, 2023
Ban On The Kerala Story: फिल्म पर रोक लगाने की मांग करने वाले पक्ष की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि “इस फिल्म के ट्रेलर में एक समुदाय विशेष को गलत तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है, इससे समाज में वैमनस्य फैलेगा।”
Ban On The Kerala Story: कोर्ट ने दवे से पूछा कि इस फिल्म के ट्रेलर में ऐसा कुछ है जिससे माहौल…
वकील की इस दलील पर कोर्ट ने दवे से पूछा कि “क्या वाकई में इस फिल्म के ट्रेलर में ऐसा कुछ है जिससे माहौल खराब हो सकता है? कोर्ट की ओर से मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा गया कि “शुरुआती तौर पर हमको मिली जानकारी के मुताबिक इस फिल्म में ऐसा कुछ आपत्तिजनक नहीं है और वैसे भी इस फिल्म को संबंधित विभागों से हरी झंडी मिल चुकी है।”
Keral Highcourt: ‘ये ऐतिहासिक घटना नहीं, महज एक कहानी है‘
द केरल स्टोरी पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “फिलहाल अब तक की जानकारी के मुताबिक यह फिल्म किसी ऐतिहासिक घटना पर नहीं बल्कि एक कहानी है. फिल्म के प्रदर्शन विरोध कर रहे वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि इससे समाज में माहौल खराब हो सकता है यह आईपीसी की धारा 153 ए के तहत मामला बनता है।”
इस बीच कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “केरल देश के बाकी राज्यों से इस मामले में अलग है। यहां पर कुछ वक्त पहले एक फिल्म आई थी जहां पर पुजारी एक मूर्ति के ऊपर थूक देता है, लेकिन उसके बावजूद यहां पर माहौल खराब नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि वहीं एक फिल्म में हिंदू संन्यासियों को स्मगलर के तौर पर दिखाया गया, लेकिन फिर भी हालात खराब नहीं हुए।”
फिल्म की रिलीज पर हाईकोर्ट क्यों पहुंचे?
कोर्ट ने कहा कि “वैसे भी इस फिल्म का ट्रेलर अभी नहीं रिलीज हुआ। ट्रेलर नवंबर महीने में रिलीज हुआ था, लेकिन आप अब कोर्ट के पास आ रहे हैं जब फिल्म रिलीज हो रही है। दवे ने आगे कहा कि “इसका मतलब यह नहीं कि अगर पूर्व में एक–दो फिल्मों को ऐसा अनुमति दे दी गई है तो हर फिल्म को दे दी जाए. कोर्ट ने इस पर सवाल पूछा कि …तो क्या इस फिल्म में भर्त्सना की गई है या फिर महिमामंडन किया गया है।”
हाई कोर्ट में दिखाया गया फिल्म का ट्रेलर
हाई कोर्ट में फिल्म का ट्रेलर और टीजर दिखाया गया। फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद कोर्ट ने पूछा कि “आखिर इसमें इस्लाम के खिलाफ किया है इसमें तो आईएसआईएस के बारे में कहा गया है।” कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “यह एक काल्पनिक कहानी पर आधारित फिल्म है जिसमें कुछ लोगों को गलत काम करते हुए दिखाया गया है अगर फिल्म में कुछ लोग सिर्फ एक टोपी पहन के आ रहे हैं तो क्या उनको धर्मगुरु माना जा सकता है?”
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से टिप्पणी कर पूछा कि “आखिर इस फिल्म के टीजर ट्रेलर में दूसरे धर्म को गलत तरीके से कहां दिखाया गया? याचिकाकर्ता वकील ने आगे कहा कि “अगर यह कहा जाए कि मेरा धर्म और भगवान ही अच्छा है तुम्हारा नहीं तो क्या इसको मान्यता मिल सकती है?”
याचिकाकर्ता वकील ने आगे कहा कि “अगर ऐसा ही दिखाया गया तो दूसरे धर्म के माता–पिता अपने बच्चों को उस कॉलेज का हॉस्टल में नहीं भेजेंगे जहां मुस्लिम बच्चे रहते हैं।” इस पर कोर्ट ने कहा कि “इस फिल्म में मुस्लिम समाज के बारे में नहीं, बल्कि सिर्फ आईएसआईएस के ऊपर सवाल खड़े किए गए हैं।”
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