Buldozar: दिल्ली से लेकर यूपी कर दंगे के बाद लगातार चल रहे बुलडोजर पर लगाम लगाने के लिए उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकायें दायर कर रखी हैं। जिन पर गुरुवार यानि कल कोर्ट में सुनवाई होगी। अब देखना ये है कि सरकार के बुलडोजर चलाने वाले इस कड़े रुख पर सुप्रीम कोर्ट रोक लगायेगा या नहीं?
दंगाईयों की सम्पत्तियों पर सरकार ने चलाया था बुलड़ोजर
दिल्ली का जहाँगीरपुरी हिंसा के बाद हो या फिर यूपी के कानपुर, प्रयागराज हों, हर जगह हिंसा करने वाले दंगाईयों की सम्पत्तियों पर सरकार ने बुलडोजर चलाया है। उसके विरोध में विपक्षियों में हलचल तेज हो गई और सियासी हंगामा शुरू हो गया। विपक्षियों ने इस कार्रवाई सवाल उठाते हुए कानून का उलघंन बताया है, साथ ही प्रशासन की इस कार्रवाई पर सवाल उठाये हैं।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने खट-खटाया था कोर्ट का दरवाजा
दंगाईयों पर सरकार के बुलडोजर वाले कड़े रूख को देखकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने खिलाफ में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए दो याचिकायें दायर की थीं। जिसमें दिल्ली के जहांगीरपुरी में मामले में मस्जिद के परिसर में चलाए गए बुलडोजर व प्रयागराज में जावेद अहमद की संपत्ति पर चले बुलडोजर के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इन्हीं याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट कल पर सुनवाई करेगा।
Buldozar: आपको बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपने आवेदन में कहा है, कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अधिनियमित कानून और नगरपालिका कानूनों के उल्लंघन में ध्वस्त किए गए घरों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं। आगे कहा कि कोर्ट यूपी सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे, कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आगे कोई विध्वंस नहीं किया जाए।