COVID: वो दौर जब भारत ही नहीं पूरी दुनिया सिहर गई थी, मानो लोगों की जिंदगी थम सी गई हो, उसी दौर में न जाने कितने लोगों ने अपनों को खोया, कितने अनाथ हो गये और कितने बेघर। अपने भी पराये हो गये। ऐसी महामारी जिसने एक-दूसरे को बेहद चाहने वाले भी दूर हो गये थे।
कोरोना ने ऐसे लोगों को भी निगल लिया जो अपने परिवार का इकलौता सहारा थे, परिवार का भरण-पोषण करने के लिए कमाने वाले अकेले थे। वही अपने पीछे छोटे-छोटे बच्चों के बूढ़े माँ-बाप को बेसहारा छोड़ गये। जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं बचा था, कौन सी स्थिति में अपने जीवन के दिनों को काट रहे थे, किसी को कोई ध्यान नहीं था।
PM-CARES for Children Scheme will support those who lost their parents to Covid-19 pandemic. https://t.co/p42sktb6xz
— Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2022
सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली भाजपा ने अपना संकल्प पूरा करती नजर आई तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि कोरोना काल में हुए अनाथ बच्चों का साथ देने के लिए हम खड़े हैं। वर्चुअल से बच्चों का हाल चाल जानते हुए 10-10 लाख की आर्थिक मदद दे दी और 4 हजार रुपये प्रति महिने बच्चे के सीधे खाते में पहुचाने का भी ऐलान कर दिया इतना ही नहीं अनाथ बच्चों का इलाज कराने के लिए 5 लाख का बीमा भी दे दिया।
COVID: ये उनके मुँह पर तमाचा है, जिन्होने देश पर लम्बे समय तक शासन करते रहे और कुछ खास न कर खास न कर पाये। लेकिन भाजपा का संकल्प सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का मजाक उड़ाते हुए अट्ठास करते हैं, जो अपने शासन काल में एक झोंपड़ी वाले परिवार को झूठा गले लगाकर और साथ खड़े रहने के झूठे वादे कर सत्ता हासिल करते रहे लेकिन उस परिवार को एक पक्का घर न दे पाये वो परिवार उम्मीदों में अपना जीवन काटता रहा और जब मोदी अनाथ बच्चों का सहारा बने तो दो शब्द अच्छे बोलने की वजाय उनके मुँह में दही जम गई।