Draupadi Murmu: दौपदी मुर्मू के 15वीं राष्ट्रपति बनने पर यशवंत सिन्हा ने बधाई के साथ दी नसीहत,कहा-“बिना किसी भय के करेंगी कार्य”…

Draupadi Murmu

Draupadi Murmu: दौपदी मुर्मू के 15वीं राष्ट्रपति बनने पर यशवंत सिन्हा ने बधाई के साथ नसीहत देते हुए कहा कि “राष्ट्रपति चुनाव 2022 में विजयी होने पर मैं श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को बधाई देता हूँ। देशवासियों को उम्मीद है कि 15वें राष्ट्रपति के रूप में वो बिना किसी भय या पक्षपात के संविधान की संरक्षक के रूप में जिम्मेदारी निभाएंगी।”

Draupadi Murmu: उन्होने आगे अपने पत्र में कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में मुझे सर्वसम्मति से अपना उम्मीदवार चुनने के लिए मै विपक्षी दलों को नेताओं का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। मैं उन सभी लोगों का धन्यवाद देता हूँ जिसने मुझे वोट दिया।

वहीं दौपदी मुर्मू ने भी चुनाव जीतने पर पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ ही एनडीए के घटक दलों के नेताओं का भी आभार जताया और कहा आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद।

आप को बता दें कि राज्यसभा के महासचिव और राष्ट्रपति चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर पी.सी. मोदी ने दौपदी मुर्मू  की जीत की घाषणा करते हुए कहा कि उन्हें(द्रौपदी मुर्मू) कुल 64 फीसदी वोट मिले। कुल 53 अवैध वोट थे। द्रौपदी मुर्मू को 2824 वोट मिले जिनका मूल्य 6,76,803 था और यशवंत सिन्हा को 1877 वोट मिले, जिनका मूल्य 3,80,177 था।

राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में द्रोपदी मुर्मू ने जीत हासिल कर ली है। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतराल से हरा दिया है। एनडीए की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति व पहली आदिवासी महिला होंगी। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म होने जा रहा है और 25 जुलाई के देश के नए राष्ट्रपति के रूप में द्रोपदी मुर्मू शपथ लेंगी।

Draupadi Murmu: जीवन में कई मुश्किलों का किया सामना

संसदीय बैठक के बाद उन्होंने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में उनका नाम रखने का फैसला किया था। शुरूआती कुछ सेकेंड के लिए वो काफी इमोशनल हो गई थीं। शायद उन्हें अपने पति और बेटों की याद आ रही था। वह थोड़ा रोई, और फिर सामान्य हो गईं, क्योंकि खबर के सामने आने के बाद तुरंत भीड़ जमा हो गई थी।

द्रौपदी मुर्मू जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुंचने के लिए उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है। 2009-2015 के बीच केवल छह वर्षों में मुर्मू ने अपने पति, दो बेटों, माँ और भाई को खो दिया था, लेकिन अपने जीवन में इतनी त्रासदियों के आने के बाद भी आज वे देश की शीर्ष पद पर विराजमान हैं।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।