GST Protest: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और TRS सांसदों ने मानसून सत्र के तीसरे दिन महंगाई और रोजमर्रा की चीज़ों पर लगने वाले GST के मुद्दे पर संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने संयुक्त रुप से विरोध प्रदर्शन किया। वहीं राहुल गाँधी ने कहा कि “कम बनाओ, कम खाओ, जुमलों के तड़के से भूख मिटाओ”…
GST Protest: वहीं काँग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रोजमर्रा की चीज़ों पर लगने वाले GST के मुद्दे पर कहा कि जन प्रतिनिधि होने के नाते हमारा फर्ज़ बनता है कि हम ऐसे मुद्दों को उठाएं। भाजपा सरकार ने 140 करोड़ जनता पर हमला किया है। इसलिए हम प्रदर्शन कर रहे हैं, सभी राज्यो में प्रदर्शन करेंगे। जब तक GST वापस नहीं होगी हम लड़ते रहेंगे…
जन प्रतिनिधि होने के नाते हमारा फर्ज़ बनता है कि हम ऐसे मुद्दों को उठाएं। भाजपा सरकार ने 140 करोड़ जनता पर हमला किया है। इसलिए हम प्रदर्शन कर रहे हैं, सभी राज्यो में प्रदर्शन करेंगे। जब तक GST वापस नहीं होगी हम लड़ते रहेंगे: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, दिल्ली pic.twitter.com/aiKMLzitmz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 20, 2022
GST Protest: वहीं काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने रोजमर्रा की चीज़ों पर लगने वाले GST के मुद्दे पर मोदी सरकार पर तंज कसा हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई से जूझती जनता के लिए ‘गब्बर’ की रेसिपी: कम बनाओ, कम खाओ, जुमलों के तड़के से भूख मिटाओ। ‘मित्रों’ की अनकही बातें तक सुनने वाले प्रधानमंत्री को अब जनता की बात सुननी भी होगी और ये GST वापस लेना भी होगा।
महंगाई से जूझती जनता के लिए 'गब्बर' की रेसिपी:
कम बनाओ, कम खाओ, जुमलों के तड़के से भूख मिटाओ।
'मित्रों' की अनकही बातें तक सुनने वाले प्रधानमंत्री को अब जनता की बात सुननी भी होगी और ये GST वापस लेना भी होगा। pic.twitter.com/rsOia8Gwie
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 20, 2022
वहीं काँग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने आवश्यक वस्तुओं के ऊपर जीएसटी लगाने के मुद्दें पर कहा कि जब पश्चिम बंगाल की मंत्री ने वित्त मंत्री के दावे के विपरीत ये भी कहा कि उन्होंने फिटमेंट कमेटी की उस रिपोर्ट का विरोध किया था जिसमें जीएसटी रेट में वृद्धि की सिफारिश की गई थी।
उन्होंने ये भी कहा कि शायद इसीलिए अपना रुख बदलते हुए सरकार और वित्त मंत्री अब ‘सर्वसम्मति की जगह ‘आम राय’ शब्द का प्रयोग कर रही हैं।
जयाराम रमेश ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि स्वच्छता से पैक किए गए सामान खरीदने की इच्छा रखने वाले लोगों को मोदी सरकार सजा क्यों देना चाहती है? मोदी सरकार ने तो श्मशानों पर भी 18% जीएसटी लगा दी हैं।
6. स्वच्छता से पैक किए गए सामान खरीदने की इच्छा रखने वाले लोगों को मोदी सरकार सजा क्यों देना चाहती है?
7. नई लिस्ट में श्मशानों पर भी 18% जीएसटी है!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 20, 2022
आपने सोचा है कभी कि क्या कारण है कि आखिर क्यों छोटे व्यवसायी, दुकानदार और उपभोक्ता – सभी स्टेकहोल्डर्स – रिवाइज्ड जीएसटी रेट के खिलाफ असंतोष व्यक्त कर रहे हैं?
बता दें कि 18 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 47 वीं GST की बैठक की अध्यक्षता की थी और उस मीटिंग में फैसला हुआ कि दाल, चीनी,आटा तेल जैसी जरूरत वाली चीजों पर 5% GST लगाया जाए। इसके बाद से ही गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को और जेब ढीली करने पड़ेगी।
18 जुलाई से महंगे हुए ये सभी प्रोडक्ट्स
- दही, लस्सी, छाछ – 5 फीसदी जीएसटी
- पनीर – 5 फीसदी जीएसटी
- सभी तरह के गुड़, जैसे केन गुड़ और पलमायरा गुड़ – 5 फीसदी जीएसटी
- खांडसरी चीनी – 5 फीसदी जीएसटी
- नैचुरल शहद – 5 फीसदी जीएसटी
- फूला हुआ चावल (मुरी), चावल (चिरा), सूखा चावल (खोई), चीनी के साथ लेपित चावल (मुरकी) – 5 फीसदी जीएसटी
- चावल, गेहूं, जौ, ओट्स – 5 फीसदी जीएसटी
- चावल का आटा – 5 फीसदी जीएसटी
- गेहूं और मेसलिन आटा – 5 फीसदी जीएसटी
- टेंडर नारियल पानी – 12 फीसदी जीएसटी
- 18 जुलाई से एलईडी लैंप, स्याही, चाकू, ब्लेड, पेंसिल शार्पनर, ब्लेड, चम्मच, कांटे, सीढ़ी, स्कीमर, स्कीमर, केक सर्वर, प्रिंटिंग – 18 फीसदी जीएसटी
हालांकि, बाद में प्रतिष्ठित निर्माताओं और ब्रांड मालिकों द्वारा इस प्रावधान का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होने लगा और धीरे–धीरे इन वस्तुओं से जीएसटी राजस्व में काफी गिरावट आई।
इसका उन संघों द्वारा विरोध किया गया जो ब्रांडेड सामानों पर टैक्स का भुगतान कर रहे थे। उन्होंने इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर समान रूप से जीएसटी लगाने के लिए आग्रह किया था। टैक्स में इस बड़े पैमाने पर चोरी को राज्यों द्वारा भी देखा गया था।