GST: 18 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 47 वीं GST की बैठक की अध्यक्षता की थी और उस मीटिंग में फैसला हुआ कि दाल, चीनी,आटा तेल जैसी जरूरत वाली चीजों पर 5% GST लगाया जाए। इसके बाद से ही गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को और जेब ढीली करने पड़ेगी। और इस बीच काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ये सरकार ‘वसूली सरकार’ हैं।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि रुपया पहुंचा 80 पार गैस वाला मांगे ₹ हज़ार जून में 1.3 करोड़ बेरोज़गार अनाज पर भी GST का भार जनता के मुद्दे उठाने से हमें कोई रोक नहीं सकता, सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा। संसद में चर्चा और सवालों से भागना सबसे ‘असंसदीय’ है, प्रधानमंत्री जी।
रुपया पहुंचा 80 पार
गैस वाला मांगे ₹ हज़ार
जून में 1.3 करोड़ बेरोज़गार
अनाज पर भी GST का भारजनता के मुद्दे उठाने से हमें कोई रोक नहीं सकता, सरकार को जवाब देना ही पड़ेगा।
संसद में चर्चा और सवालों से भागना सबसे 'असंसदीय' है, प्रधानमंत्री जी।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2022
GST: काँग्रेस के ऑफिशियल ट्वीटर हेंडल से मोदी सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट करते हुए लिखा कि “GST का बढ़ता बोझ आम आदमी की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर भाजपाई प्रहार है। जनता को यह बात समझ नहीं आ रही है कि सरकार उन्हें किस बात की सजा दे रही है।
GST: वहीं निर्मला सीतरमण ने राहुल कहा कि इस बारे में झूठी अफवाहें फैली हुई हैं और ट्वीट कर तथ्यों को सामने रखा। उन्होंने ट्वीट किया कि, ‘क्या यह पहली बार है जब खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया जा रहा है? नहीं, राज्य जीएसटी पूर्व व्यवस्था में खाद्यान्न से राजस्व एकत्र कर रहे थे। अकेले पंजाब ने खरीद टैक्स के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की वसूली की है। उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपये बटोरे हैं।‘
Is this the first time such food articles are being taxed? No. States were collecting significant revenue from foodgrain in the pre-GST regime. Punjab alone collected more Rs 2,000 cr on food grain by way of purchase tax. UP collected Rs 700 cr. (2/14) pic.twitter.com/T5G6FZ6lv5
— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) July 19, 2022
18 जुलाई से महंगे हुए ये सभी प्रोडक्ट्स
- दही, लस्सी, छाछ – 5 फीसदी जीएसटी
- पनीर – 5 फीसदी जीएसटी
- सभी तरह के गुड़, जैसे केन गुड़ और पलमायरा गुड़ – 5 फीसदी जीएसटी
- खांडसरी चीनी – 5 फीसदी जीएसटी
- नैचुरल शहद – 5 फीसदी जीएसटी
- फूला हुआ चावल (मुरी), चावल (चिरा), सूखा चावल (खोई), चीनी के साथ लेपित चावल (मुरकी) – 5 फीसदी जीएसटी
- चावल, गेहूं, जौ, ओट्स – 5 फीसदी जीएसटी
- चावल का आटा – 5 फीसदी जीएसटी
- गेहूं और मेसलिन आटा – 5 फीसदी जीएसटी
- टेंडर नारियल पानी – 12 फीसदी जीएसटी
- 18 जुलाई से एलईडी लैंप, स्याही, चाकू, ब्लेड, पेंसिल शार्पनर, ब्लेड, चम्मच, कांटे, सीढ़ी, स्कीमर, स्कीमर, केक सर्वर, प्रिंटिंग – 18 फीसदी जीएसटी
हालांकि, बाद में प्रतिष्ठित निर्माताओं और ब्रांड मालिकों द्वारा इस प्रावधान का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होने लगा और धीरे–धीरे इन वस्तुओं से जीएसटी राजस्व में काफी गिरावट आई।
इसका उन संघों द्वारा विरोध किया गया जो ब्रांडेड सामानों पर टैक्स का भुगतान कर रहे थे। उन्होंने इस तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर समान रूप से जीएसटी लगाने के लिए आग्रह किया था। टैक्स में इस बड़े पैमाने पर चोरी को राज्यों द्वारा भी देखा गया था।
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